शर्मनाकः जिस पुलिस अधिकारी पर पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप, उसे मिला जांच टीम का नेतृत्व
जिस पुलिस अधिकारी के खिलाफ लालपुर थाना में आक्रोशित पत्रकारों ने प्राथमिकी दर्ज कराई, उसी को जांच टीम का नेतृत्व मिला है। झारखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मोराबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान समाचार कवरेज करने गये पत्रकारों पर हुए लाठीचार्ज की घटना की जांच के लिए स्थानीय प्रशासन ने एक जांच टीम गठित की है।
इस जांच टीम का नेतृत्व सिटी एसपी अमन कुमार को मिला है, जबकि इसकी मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदारी एसएसपी को दी गई है। जांच टीम में अन्य पुलिस पदाधिकारियों को भी शामिल किया गया है, बताया जाता है कि रिपोर्ट आने के बाद, ऐसे लोगों को चिह्नित कर, इनके खिलाफ कार्रवाई की अनुंशसा की जायेगी।
अब सवाल उठता है कि जिस पुलिस अधिकारी सिटी एसपी अमन कुमार पर जांच टीम का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वे आखिर अपने दायित्वों का सही निर्वहण कैसे करेंगे? इसे लेकर स्थानीय पत्रकार भी हैरान है। स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि ये तो वहीं बात हो गई कि बिल्ली को दूध की रक्षा करने की जिम्मेवारी सौंप दी गई हो।
ज्ञातव्य है कि लालपुर थाने में जो स्थानीय पत्रकारों ने रांची प्रेस क्लब के नेतृत्व में प्राथमिकी दर्ज कराई है, उसमें ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग, ट्रैफिक एसपी संजय रंजन सिंह, एसडीओ गरिमा सिंह के साथ-साथ सिटी एसपी अमन कुमार का नाम भी शामिल है। इन पर आरोप है कि इन सब की मौजूदगी में सभी छायाकर्मियों का कैमरा छीनकर फोटो डिलीट कराया गया, कई मीडियाकर्मियों के कैमरे क्षतिग्रस्त किये गये, खबर लिख रहे दो पत्रकारों को पहचान कर पीटा गया।
इधर मीडियाकर्मियों का स्थानीय प्रशासन के खिलाफ गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा, सोशल साइट पर रह-रहकर इनका गुस्सा देखने को मिल रहा है, जबकि कुछ अखबार/चैनल/पत्रकार, जयचंद की नीति पर चलकर पत्रकारों के इस आंदोलन की गति को धीमी/प्रभावित करने में लगे हैं, पर वे कामयाब होंगे, इसकी संभावना कहीं से नहीं दिखती।
क्या अब भी पत्रकार जगेंगे..या च फिर उन्ही लीगों के आरती दिया उतारेंगे..