शर्मनाक। झारखण्ड में तथाकथित आदिवासियों की हितैषी सरकार रहते झारखण्ड की प्रख्यात पत्रकार व महिला आयोग की पूर्व सदस्य वासवी के घर में आग लगा दिया गया
इससे बड़े दुर्भाग्य की बात क्या होगी? राज्य में तथाकथित आदिवासी हितैषी व धर्मनिरपेक्ष दलों, जल-जंगल-जमीन से जुड़ी रहनेवाली हेमन्त सोरेन की सरकार है और इस सरकार में एक झारखण्ड की समर्पित आदिवासी पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, झारखण्ड महिला आयोग की पूर्व सदस्य तथा कई संगठनों में अपनी विशिष्ट भूमिका अदा कर रही वासवी कीड़ो का घर, वो भी गांधी जयंती के दिन जला दिया जाता है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रह जाती हैं, वो उनलोगों तक नहीं पहुंच पाती, जिन्होंने इस कांड को कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर दी।
हालांकि आलोका कुजूर जिस दिन घटना घटी, उसी दिन से वो कह रही है कि उनके घर को जलाया गया है, न कि ये आग अपने आप लगी है, पर कोई उनकी बात सुनने की कोशिश ही नहीं किया, इधर कई सामाजिक संगठनों के लोगों ने दबे स्वर में ही सही, इस घटना पर अपनी आपत्ति दर्ज की, पर ये आवाज भी इस नक्कारखाने में पता नहीं कहां गुम हो गई?
इधर इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए, वासवी कीड़ो ने अपने घर पर एक बैठक बुलाई, जिसमें राजधानी व राज्य के कई समर्पित हस्तियों ने भाग लिया और इस पूरी घटना की जमकर निन्दा की। उन्होंने खुलकर कहा कि उनके आवास और दुकान दो अक्टूबर 22 को हुई आगजनी की घटना में जल गये, पर प्रशासन का रवैया इस घटना पर सकारात्मक नहीं रहा।
आज की बैठक में एडवा से वीणा लिण्डा, आदिवासी अधिकार मंच से प्रफुल्ल लिण्डा, झारखण्ड आंदोलनकारी मोर्चा से पुष्कर महतो, मार्क्सवादी कॉर्डिनेशन कमेटी से सुशान्तो मुखर्जी, हुल झारखण्ड क्रांतिकारी दल से गौतम बोस, आदिवासी विकास परिषद् से कुदरसी मुंडा, सीपीआई से अजय सिंह, सीपीआईएमएल रेड स्टार से विशिष्ट तिवारी, मांडर से पुनिया खलखो व सरोजनी खलखो, जेमेक से रौशन होरो तथा अनिता कुमारी, बादल टुडू, अनिता गाड़ी, रितू कुजूर, सिरिया कुजूर, शांति खलखो, आलोका कुजूर के अलावे पूर्व पार्षद राजेश गुप्ता एवं भाजपा से रमेश पुष्कर ने भाग लिया।
बैठकोपरांत बाते आई कि इस प्रकरण को लेकर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई जाये और यह लोअर थाने में दर्ज भी करा दी गई। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि चूंकि यह घर वासवी कीड़ो एवं आलोका कुजूर के परिवार का जरुर है, लेकिन विगत 30-40 सालों से भी अधिक समय से यहां पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं का कार्य भी चलता रहा है।
इसलिए इस घर पर भू-माफियाओं की नजर रही है और अपने मकसद में कामयाब होने के लिए इन भू-माफियाओं ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया है। इस घटना का आरोपी चन्द्र प्रकाश गुप्ता और राजेश सिंह को बनाया गया है, इन पर आरोप लगाया गया है कि इन्होंने हत्या करने की नीयत से इस आगजनी की घटना को अंजाम दिया।
वासवी किड़ो ने विद्रोही24 को बताया कि जल्द ही इस मामले में एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस के वरीय अधिकारियों से जाकर मिलेगा। सीओ, एसडीओ से भी सारे कागजात के साथ मिलने का कार्यक्रम है। वासवी किड़ो और आलोका कुजूर के अनुसार वे लोग जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से भी इस मुद्दे पर मिलेंगे।
भाजपा के बड़े नेताओं से कहुंगा कि वे इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाएं – रमेश पुष्कर
इधर इस घटना से मर्माहत भाजपा के रमेश पुष्कर ने अपने फेसबुक पर लिखा कि “सुना है कि गरीबी के कारण लोग अपराधी बन जाते हैं, लेकिन कोई भू माफिया या बिल्डर पैसे या धन कमाने की हवस में रांची राजधानी के एक प्रतिष्ठित पत्रकार, सोशल एक्टिविस्ट व झारखंड महिला आयोग की पूर्व सदस्य वासवी कीड़ो के पुस्तैनी घर एवं दुकान में आग लगवा दे तो वह अपराध की सारी हदें पार कर गया।
एक आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के राजधानी में रहते हुए एक आदिवासी पत्रकार और एक्टिविस्ट का घर दुकान जला डाला गया, यह झारखंड के माथे पर लगा कलंक का धब्बा है, काला अध्याय है। आज जब वासवी बहन ने रोते हुए जब मुझे फोन किया तो मैं तुरंत घटना स्थल पहुंच कर उसका मुआयना किया। मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, DGP, DC, DIG एवम् SSP सबके सामने सवाल है कि आप यदि हैं तो यह कैसे हो गया?
मैं अपनी पार्टी भाजपा के बड़े नेताओं से भी कड़ा कदम उठाने के लिए कहूंगा। हमें असुरक्षित राजधानी को मिलजुल कर सुरक्षित बनाना है, जहां हर नागरिक स्वाभिमान से निर्भय जीवन जी सकें। घटना स्थल की विभीषिका को बताते हुए मासस के प्रवक्ता श्री सुशांतो चटर्जी भी वहां मौजूद थे। जय झारखंड , जय मां भारती।”