अपराध

शर्मनाक, झारखण्ड में जंगल राजः जिस दिन सभी स्वतंत्रता दिवस का अमृत महोत्सव मना रहे थे, उसी दिन पुलिस एक गरीब आदिवासी परिवार और उनके छोटे बच्चों पर जूल्म ढा रही थी

भाजपा विधायक दल के नेता एवं राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने विद्रोही24 से बातचीत में कहा कि राज्य की पुलिस सरकार के इशारे पर विधि विरुद्ध कार्रवाई कर रही हैं। राज्य भर में आम आदमी पर पुलिसिया दमन बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट हो चुका है कि राज्य की पुलिस जनता की सेवा नही बल्कि सरकार के टूल्स बनकर काम कर रही है।

श्री मरांडी ने गत् 15 अगस्त को अनगड़ा थाने की पुलिस द्वारा इसी थाना क्षेत्र के ग्राम जेराडीह से चैता बेदिया की पत्नी सीपोति देवी, पिता शिवलाल बेदिया एवं बहन पुसमनी कुमारी के साथ चार वर्ष एवं दो वर्ष के दो छोटे बच्चों को घर से उठाकर दोपहर में अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है जिसका अब तक कोई अता पता नहीं है।

उन्होंने कहा कि एक ओर पूरा देश स्वतंत्रता दिवस के दिन आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था वैसे में एक आदिवासी परिवार को पुलिस द्वारा अकारण प्रताड़ित किया जाना राज्य को कलंकित करने वाली कार्रवाई है। श्री मरांडी ने कहा कि पुसमनी कुमारी को, मैं व्यक्तिगत तौर पर जानता हूँ। यह रांची स्थित संत कुलदीप स्कूल में पढ़ाई करती है तथा विगत एक महीना से अपने गांव में थी।

श्री मरांडी ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने अनगड़ा थाने के पुलिस पदाधिकारी से लेकर राज्य के पुलिस महानिदेशक से बात कर जानने की कोशिश की, परंतु उनके फ़ोन का भी किसी पदाधिकारी ने संतोषजनक उत्तर नही दिया। उन्होंने कहा कि मोबाइल पर कॉल नही रिसीव करने के कारण मेरे द्वारा पुलिस को व्हाट्सअप मैसेज भेजकर जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की गई। परंतु कही से सटीक उत्तर नही मिला।

न तो बेदिया परिवार के लोग आखिर कहां हैं इसकी जानकारी दी गई।उन्होंने कहा कि एक पदाधिकारी ने ऊपर से ऐसा करने का निर्देश मिला है इसे स्वीकार भी किया। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश ने भी राज्य के पुलिस महानिदेशक से बात की परंतु कोई स्पष्ट जानकारी नही प्राप्त हुई।

उन्होंने कहा कि इन बातों से यह स्पष्ट है कि सरकार की नीयत साफ नही। भोले भाले लोगों लोगों को पुलिस द्वारा डराया-धमकाया जाना आम बात हो गई है। श्री मरांडी ने कहा कि राज्य अब जंगल राज में तब्दील हो गया है। राज्य की पुलिस जनता को सुरक्षा नही दे रही, बल्कि बेवजह परेशान कर रही। श्री मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार की ऐसी कार्रवाई से राज्य में अराजकता की स्थिति है।

श्री मरांडी ने सरकार से चैता बेदिया की बहन पुसमनी कुमारी सहित उसके वृद्ध पिता, पत्नी सीपोति देवी एवम दो छोटे बच्चे सभी को अविलंब मुक्त करने का अनुरोध किया। सूत्र ये भी बता रहे है कि राज्य की करीब 250 से भी ज्यादा पुलिसकर्मियों को बाबू लाल मरांडी के मीडिया सलाहकार सुनील तिवारी को पकड़ने के लिए लगा दिया गया है।

उन पर तरह-तरह के दबाव बनाये जा रहे हैं, दरअसल सुनील तिवारी ने हेमन्त सरकार को इतनी बड़ी मुश्किल में डाल दिया है कि सरकार को लगता है कि बिना उन्हें जेल में डाले, सरकार का कल्याण नहीं, लेकिन इधर भाजपाइयों द्वारा ताल ठोककर मैदान में कूद जाने से, पुलिस की भी सिट्ठी-पिट्ठी गुम हो गई हैं, क्योंकि राजनीतिक पंडितों का मानना है कि आम जनता की नजर में पुलिस, झारखण्ड सरकार की टूल्स के रुप में काम कर रही हैं।

मतलब जो पहले नेता बोला करते थे, राजनीतिक दल के लोग बोला करते थे, अब आम जनता भी बोलने लगी हैं। अगर ये सिलसिला यूं ही चलता रहा तो आनेवाले समय में झारखण्ड पुलिस की कोई इज्जत नहीं रहेगी, लोग अभी बोल रहे हैं, आनेवाले समय में टूल्स के रुप में इन्हें याद रखेंगे, इससे इनकी इज्जत का फलूदा निकलना तय है।