सुचित्रा हत्याकांड का आरोपी शशिभूषण BJP में शामिल, जनता व पत्रकारों ने BJP को लानत भेजी
सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड का मुख्य आरोपी, पांकी विधानसभा से भाजपा के टिकट का प्रबल दावेदार एवं आक्सफोर्ड स्कूल का निदेशक शशिभूषण मेहता आज आखिरकार भाजपा में शामिल हो ही गया, वह जैसे ही इस निमित्त भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचा, वैसे ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ और मंच पर चढ़े ऐसे लोग जो कभी कुदाल भी नहीं पकड़े हैं, पर भाजपा किसान मोर्चा के बड़े नेता बनते हैं, उसकी अगवानी की और स्वयं को धन्य समझने लगे।
सुचित्रा हत्याकांड के आरोपी शशिभूषण जैसे ही मंच पर पहुंचा, कई भाजपाइयों के आंखों से आंसू छलक गये
कई लोग मंच से ही शशिभूषण को महान नेता कह कर उसकी अगवानी की, कई भाजपा नेता के तो आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे, कि इतना बड़ा नेता, सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड का मुख्य आरोपी आखिर भाजपा से इतना दूर क्यों था, आखिर भाजपा जैसी पवित्र पार्टी में शामिल होने में उसने देर क्यों लगाई, कई ने कहा कि चलो अब देर से ही सही, शशिभूषण मेहता भाजपा में आ ही गये, तो वे अब पवित्र हो गये और इस प्रकार शशिभूषण मेहता भाजपा में पहुंचते ही पवित्र हो गये।
संभव है उनके पास अकूत धन है, भाजपा को चुनाव में जीतने के लिए धन की भी आवश्यकता होगी और इसके बदले हो सकता है कि जिस व्यक्ति के कमर में कभी रस्सा बंधा था, हो सकता है कि भाजपाइयों की कृपा से वह सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड से बरी भी हो जाये, क्योंकि देश का इतिहास गवाह है कि आजादी के पहले अंग्रेजों और आजादी के बाद किसी भी नेता को सजा नहीं मिली और अगर निचली अदालत ने सजा दे भी दी, तो उपर के कोर्ट ने उन पर कृपा लूटा ही दी, तभी तो जो मंजे हुए जो नेता होते हैं, जेल जाते वक्त भी बड़े ही प्रेम से कहते हैं, कि उन्हें अदालत पर पूरा विश्वास है, और यह विश्वास तब सत्य में बदल जाती हैं, जब अदालत से आखिर–आखिर में वे बरी हो जाते है।
भाजपा में कोयला चोरी के आरोपी से लेकर हत्याकांड में शामिल लोग शामिल हुए और आश्चर्य भाजपा ने किसी को ‘ना’ नहीं किया
बहुत सारे प्रमाण है, दिमाग लगाइये, आपको सब कुछ मिल जायेगा, कई नेताओं को तो उम्र कैद तक की सजा मिली और बाद में वे उपरि अदालत में बाइज्जत बरी हो गये। यही सत्य है, और इस सत्य को नकारा भी नहीं जा सकता, इसलिए भाजपा रुपी गंगा में आज डूबकी लगानेवाले शशिभूषण कल अदालत से भी बरी हो जाये, तो इस पर किसी को चिन्ता करने की जरुरत नहीं, क्योंकि फिलहाल राज्य में डबल इंजन की सरकार हैं, इसीलिए तो कोयला चोरी के दर्जनों मामले में आरोपी मैनेजर राय आज भाजपा की शोभा बढ़ा रहे हैं।
अख्तर हवारी जो धनबाद के उपायुक्त कार्यालय में पूरे परिवार के साथ मुख्यमंत्री रघुवर दास का चहेता बाघमारा ढुलू महतो के खिलाफ आत्मदाह करने का प्रयास करता हैं, फिर भी ढुलू पर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं होती, भाजपा की ही जिला मंत्री कमला, ढुलू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए लड़ रही हैं, पर एक साल बीतने को आये, लेकिन उसके खिलाफ कोई प्राथमिकी तक दर्ज नहीं होती, यहीं नहीं कोई भी व्यक्ति ढुलू के जूर्म के खिलाफ लड़ता हैं तो उसे बलात्कार और एससी–एसटी एक्ट के तहत वह झूठे केसों में फंसाता हैं, पर क्या मजाल कि राज्य का मुख्यमंत्री उसके खिलाफ एक्शन लेने को वहां की स्थानीय पुलिस को कह दें।
अपराधिक कृत्यों में शामिल लोगों का मानना, भाजपा में जाने से वे पवित्र हो गये
भाई भाजपा का हैं, पवित्र गंगा में डूबकी लगा चुका है, उसके खिलाफ कार्रवाई कैसे होगी? क्या स्थानीय प्रशासन को नहीं पता कि यह नई भाजपा हैं, पं. दीन दयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी को मरे हुए युग बीत गये, अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी का जमाना भी लद गया। अब तो नरेन्द्र मोदी और अमित शाह का युग है, होगा वहीं जो रघुवर चाहेगा।
इधर जैसे ही मृतका सुचित्रा मिश्रा के परिजनों को पता चलता है कि आज शशिभूषण मेहता भाजपा ज्वाइन करनेवाला हैं, वह अपना विरोध दर्ज करता हैं, और लीजिये भाजपा के तथाकथित अनुशासित कार्यकर्ता सुचित्रा मिश्रा के परिजनों पर ही हमला बोल देते हैं, उसे अपने बाहुबल से चुप करा देते हैं, बेचारी मृतका सुचित्रा के परिवारों को क्या पता कि जिस भाजपा के वे आजीवन समर्थक रहे हैं, उन्हें यह दिन भी देखना पड़ेगा? जिस शशिभूषण ने कभी भाजपा को फूंटी आंखों नहीं देखा था, आज वह खुश था कि भाजपा के लोग उसी की रक्षा में अपने ही लोगों का इज्जत उतारने में लगे थे, पैसे की ताकत क्या होती है, शशिभूषण को आज अंदाजा लग चुका था।
राजनैतिक पंडितों ने कहा रघुवर वक्त को समझे, वक्त किसी का नहीं होता, लालू रांची में हैं, मौका मिले तो जाकर देख लें
राजनीतिक पंडित बताते है कि सब का वक्त होता है, लोगों ने लालू को देखा, अब रघुवर को देख रहे हैं, ये वक्त रघुवर को दिया हैं, जनता की सेवा करने के लिए, पर जब ये अपराधी व चोरों में ही सबका साथ–सबका विकास देखेंगे तो वक्त भी उन्हें करारा जवाब देगा, जैसा कि अभी लालू के साथ हो रहा हैं, संवैधानिक व प्राकृतिक प्रकोपों से लालू की क्या स्थिति हो रही हैं, वे लालू ही जानते होंगे, और रघुवर मामले में भी ऐसा ही होगा, बस खुदा के घर देर हैं, अंधेर नहीं।
राजनैतिक पंडितों का यह भी कहना है कि शशिभूषण को भाजपा में शामिल कराने से नुकसान भाजपा का ही होगा, पहला ये कि भाजपा का नकाब अब जनता के सामने पूरी तरह से उतर गया, जो लोगों के बीच पार्टी विद् द डिफरेंस जानी जाती थी, अब लोग जान गये है कि यहां भी अपराधियों और असामाजिक तत्वों का जमघट हैं। राजनैतिक पंडित तो बताते है कि कई सभ्य परिवारों ने तो भाजपा के कई नेताओं की अपने घरों में इंट्री तक बंद करवा दी है, उनका कहना है कि इसकी क्या गारंटी की, इन भाजपा नेताओं के आने से उनके घर की बदनामी नहीं होगी। जरा देखिये आज की घटना के बारे में पत्रकार क्या कहते हैं –
भाजपा में शामिल शशिभूषण ने सुचित्रा हत्याकांड से खुद को बचाने के लिए रांची के एक SSP को 25 लाख रिश्वत पेश की थी
हिन्दुस्तान के वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश कुमार सिंह अपने फेसबुक पर लिखते हैं कि ”सुचित्रा मिश्रा रांची के आक्सफोर्ड स्कूल की वार्डन हुआ करती थी, साल 2012 में अचानक ही सुचित्रा की हत्या हो जाती है। हत्या के बाद पुलिस इस मामले में स्कूल के डायरेक्टर/संचालक शशिभूषण मेहता की गिरफ्तारी करती है। गिरफ्तारी के बाद मेहता ने खुद के बचाव में 25 लाख का ऑफर तब रांची में ही पोस्टेड एक आइपीएस अधिकारी को दिया, जो खुद आइपीएस अधिकारी ने स्वीकार भी किया था। इस खबर की रिपोर्टिंग के दौरान मैने ही खुलासा किया था कि जब सुचित्रा की हत्या हुई, वह गर्भवती थी।
मामला सेरोगेसी का था। हिन्दुस्तान में तब सुचित्रा के बच्चों की भावना ऐसी नहीं थी, मेरी मां –छपी थी (तब मीडिया के एक तबके में सुचित्रा का कैरेक्टर एसेशिनेशन किया जा रहा था)। आज सात साल के बाद सुचित्रा के बच्चे बड़े हो गये हैं, इंसाफ अब तक नहीं मिला, लेकिन अब उन बच्चों के साथ झारखण्ड की भाजपा सरकार भी नहीं हैं। शशिभूषण मेहता परिजनों के विरोध के बाद विधिवत् भाजपा के सदस्य बन चुके हैं। उम्मीद हैं उन्हें पांकी से विधानसभा का टिकट भी मिले। जय हिन्द।”
कई लोगों ने कहा शर्म आनी चाहिए प्रदेश भाजपा नेतृत्व को
अखिलेश कुमार सिंह के इस पोस्ट पर कई कमेन्ट्स भी है, लोग कह रहे हैं कि भाजपा जैसी पार्टी से अब घिन्न आ रही हैं, पर भाजपाइयों को लगता है घिन्न से प्यार हो गया है। विश्ववेन्दु जयपुरियार – घिन्न आ रहा अब इस पार्टी से। कैलाश साहू –यही बीजेपी है। चाल, चरित्र व चेहरा सब इसका अलग–अलग दिख रहा है। राहुल गुरु – बीजेपी रुपी गंगा में सब पवित्र। रौशन शाहदेव – बीजेपी के पास गंगा जल से भरा वाशिंग मशीन है, जो गया पूरा पवित्र हो जाता है। शादाब खान – यही है वो शशिभूषण मेहता, जिसे रस्सियों से बांधकर तत्कालीन एसएसपी साकेत सिंह सुचित्रा मर्डर केस का खुलासा किये थे। आज ये भाजपा की शोभा बढ़ा रहे हैं। शर्म आनी चाहिए प्रदेश भाजपा नेतृत्व को।