CM हेमन्त के कार्यक्रम का सच दिखाना महिला पत्रकार को पड़ा भारी, कांग्रेसी नेता ने उक्त महिला पत्रकार के साथ की बदतमीजी, CM हेमन्त, राज्यपाल रमेश बैस व पत्रकार संगठन लें संज्ञान
रांची के मोराबादी मैदान में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा दिये जा रहे भाषण के दौरान जनता के लिए रखी गई हजारों कुर्सियां जब पूरी तरह खाली एक महिला पत्रकार को दिखी, तब उसने उस परिदृश्य का लाइभ प्रसारण अपने पोर्टल चैनल पर दिखाना शुरु किया और जैसे जब वह महिला पत्रकार सच दिखाने लगी, वहां खड़ा एक कांग्रेसी नेता, उस महिला पत्रकार के साथ बदतमीजी से पेश आने लगा, विडियो को सावधानी से सुने तो ये शुरु में ही स्वयं को कांग्रेस का जिलाध्यक्ष भी बताया है। यह विडियो बहुत तेजी से सोशल साइट पर वायरल हो रही है।
इस कांग्रेसी नेता ने जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग एक महिला पत्रकार के लिए किया हैं, और जिन-जिन भाषा का प्रयोग किया है, उसे कोई भी सभ्य महिला या पुरुष बर्दाश्त नहीं कर सकता। अब सवाल उठता है कि किसी पत्रकार को चाहे वह महिला हो या पुरुष उसे जनता को क्या दिखाना है, वह इन छुटभैये नेताओं से पूछकर दिखायेगा। हमें किस प्रकार की पत्रकारिता करनी हैं, कैसे करनी हैं, अब सत्ता में शामिल पार्टियां हमें बतायेंगी।
क्या ये सही नहीं है कि जब मुख्यमंत्री भाषण दे रहे थे तो जनता के लिए रखी कुर्सियां पूरी तरह से खाली हो गई थी, और जो बचे-खुचे थे, खड़े थे, वे भी बाहर जल्द निकलने के लिए स्वयं को पंडाल से मुक्त करने के लिए बेकरार थे, अरे ये तो विजयूल है, अगर पंडाल भरा हैं, तो कोई पत्रकार पंडाल को भरा हुआ ही दिखायेगा और जब पंडाल खाली हैं तो पंडाल खाली ही दिखायेगा, ये कोई फोटो शॉप थोड़े ही हो रहा हैं, ये तो लाइभ चल रहा है।
भाई, सारे पत्रकार को आप खरीद तो नहीं सकते, जो बिकाऊ हैं, उन्हें आप खरीद कर अपने पक्ष में जो लिखवा रहे हैं, या जो वो लिख रहे हैं, उनको कौन मना कर रहा हैं, पर जो बिकाऊ नहीं हैं, उन्हें भी अपने बाहुबल से, गालियों से, बदतमीजी से स्वयं के पक्ष में समाचार लिखने और दिखाने को कहेंगे तो ये तो संभव नहीं हैं।
आश्चर्य तो यह हो रहा है कि जो कांग्रेस उत्तर प्रदेश में बेटियों और महिलाओं को अपने पक्ष में करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही हैं, वहीं कांग्रेस और उसी के नेता एक महिला पत्रकार के साथ यहां बदतमीजी कर रहे हैं, क्या ऐसे कांग्रेसी कार्यकर्ता अथवा नेता के खिलाफ स्थानीय कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता कार्रवाई करेंगे, या पत्रकारों का संगठन इस महिला पत्रकार के पक्ष में खड़ा होगा, सम्मान दिलायेगा? सवाल यही है।
विद्रोही24 का साफ मानना है कि कांग्रेसियों अथवा महागठबंधन में शामिल सभी पार्टियों को जिनके देखरेख में आज का कार्यक्रम हुआ, उक्त महिला पत्रकार को न्याय दिलाने के लिए आगे आना चाहिए, उस कार्यक्रम में राज्यपाल भी थे, इसलिए इस कांड का संज्ञान राज्यपाल को भी लेना चाहिए तथा उक्त महिला पत्रकार को न्याय दिलाने के लिए कदम बढ़ाना चाहिए।