तो क्या सही में, झारखण्ड के एक मंत्री ने लुधियाना से मजदूरों के लिए ट्रेन खुलने की भ्रामक खबर फैलाई थी?
एक विडियो आज बहुत तेजी से वायरल हुआ। उस विडियो में झारखण्ड के मजदूर लुधियाना स्टेशन के पास बैठे हैं और विडियो के माध्यम से दूसरा कोई श्रमिक वहां की वस्तुस्थिति का बयान कर रहा है, विडियो के माध्यम से सुना जा रहा है कि राज्य के ही एक मंत्री ने एक ट्विट किया कि लुधियाना स्टेशन से आज मजदूरों के लिए एक ट्रेन खुलेगी, मजदूर पहुंच गये, पर ट्रेन खुली नहीं और इधर लुधियाना पुलिस मजदूरों को बड़ी संख्या में देख, उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठियां चला दी।
टिवटर देखने से साफ पता चलता है कि राज्य के एक मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने अपने ट्विट में कल यानी चार मई को लिखा था कि “कल सुबह पंजाब से झारखण्ड के लिए दो ट्रेनें खुलेंगी, पहली लुधियाना से सुबह दस बजे और दूसरी जलंधर से सुबह 11 बजे चलेगी। घर वापसी के इच्छुक सारे श्रमिक बंधु कृपया समय से स्टेशन पहुंच जाएं।”
आम तौर पर अब तक जितनी भी ट्रेने अन्य राज्यों से खुली है, उसके लिए इस प्रकार का ट्विट किसी मंत्री अथवा नेता ने नहीं किया, उसका मूल कारण है, कि रेलवे और विभिन्न राज्य सरकारों ने केन्द्र की मदद से कुछ नियम तय किये हैं, जिन नियमों के आधार पर उन्हीं मजदूरों को स्टेशन तक लाया जा रहा है, जो उन नियमों में फिट बैठ रहे हैं, साथ ही कितने लोगों को ट्रेन में आना है, उसकी भी संख्या नियत कर दी गई है, ऐसे में इस प्रकार की सार्वजनिक घोषणा कर दिये जाने से, स्थिति और बिगड़ेगी।
साथ ही सभी को ट्रेन में जगह मिल ही जायेगी, इसकी संभावना न के बराबर है, फिर भी मंत्री ने ट्विट कर दिया और लोग ट्विट देखकर पहुंच गये। प्रथम दृष्टया वायरल विडियो को देखने से साफ पता लगता है कि मंत्री द्वारा भ्रामक खबर फैलाई गई, पर जब हमारे मित्रों ने संबंधित मंत्री से संपर्क किया, तब उनका कहना था कि उन्होंने कोई भ्रामक खबर नहीं फैलाई, उनके पास रेलवे द्वारा जारी पक्के सबूत है, जिसमें साफ लिखा है कि आज यानी पांच मई को दो ट्रेनें खुलेंगी एक जलंधर से तो दूसरा लुधियाना से, इसी पत्र के आधार पर उन्होंने ट्विट भी किया। मंत्री ने हमारे मित्र को वो रेलवे के सारे प्रपत्र उदाहरणस्वरुप सबूत के तौर पर पेश किये, जो आपके समक्ष है। जिससे साफ पता चलता है कि रेलवे ने इस बात की घोषणा पूर्व में की थी।
दूसरी ओर कमिश्नर ऑफ पुलिस लुधियाना ने भी इस संबंध में एक ट्विट किये है – जिसमें उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्री मिथिलेश को संबोधित करते हुए ट्विट किया है कि, “वे सबसे निवेदन करते है कि इस प्रकार का मैसेज सर्कुलर कर लॉ एंड आर्डर की समस्या न खड़ी करें। ऐसी कोई ट्रेन लुधियाना से झारखण्ड के लिए नहीं चलनी है। जब चलेगी तो संबंधित व्यक्ति को इसकी सूचना मोबाइल के द्वारा एसएमएस के माध्यम से समय और दिनांक के साथ दे दी जायेगी।
वे स्वयं ऐसे लोगों से ऑनलाइन आवेदन प्राप्त कर चुके हैं, वे सभी से निवेदन कर चुके हैं कि बिना एसएमएस पाये स्टेशन पर न आये, जब उनके जाने की बात आयेगी, तो उन्हें एसएमएस से इसकी सूचना दे दी जायेगी, उन्हें उनके घर से स्टेशन तक लाने के लिए बस की भी व्यवस्था की जायेगी, साथ ही उनकी मेडिकल जांच भी होगी।”
अब एक ओर मजदूरों की व्यथा, दुसरी ओर मंत्री का ट्विट और उनके द्वारा पेश सबूत और तीसरी ओर कमिश्ननर ऑफ पुलिस का ट्विट बताने के लिए काफी है, कि गलती किसने की है, फिर भी अच्छा रहेगा कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में सभी संयम से काम लें, तो ज्यादा बेहतर रहेगा, क्योंकि जो मजदूर बाहर है, उन्हें कितनी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं, उनसे बेहतर कोई नहीं जान सकता।