तो क्या मान लिया जाये “भास्करवालों” कि पंकज मिश्रा के उपर शनि की महादशा में राहु का अंतर्दशा चलने लगा?
भाजपा नेता व कभी मोदी मिशन के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके अनुरंजन अशोक ने दैनिक भास्कर और राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के कट्टर विरोधियों को शुद्ध च्यवनप्राश वो भी केशर युक्त खिलवा दिया है। चूंकि उन्होंने एक पत्र कभी ईडी को लिखा था और उसी पत्र के आधार पर दैनिक भास्कर में छपी एक खबर से सभी प्रसन्न हैं, साथ ही उतने ही दुखी है पंकज मिश्रा के कट्टर विरोधी। वे इस बात को लेकर ज्यादा दुखी है, कि अब क्या होगा?
क्या औरों की तरह पंकज मिश्रा पर भी शनि की महादशा में राहु की अंतर्दशा ने कमाल दिखाना शुरु कर दिया, जेल जायेंगे या मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन अपने प्रिय पंकज मिश्रा को विधायक प्रतिनिधि से बाहर का रास्ता दिखायेंगे, हालांकि ये सारे सवाल भविष्य के गर्भ में हैं, क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भी कोई कच्चे खिलाड़ी नहीं हैं, वे भी तू डाल-डाल तो मैं पात-पात पर विश्वास रखते हैं।
कभी अनुरंजन अशोक ने एक शिकायत ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय को भेजी थी, ईडी ने अपना दिव्य चक्षु खोला और दिव्य चक्षु खुलने से वहीं हुआ जो होना था। अखबार कहता है कि ईडी ने इनकम टैक्स को लिखा है कि वो मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की आय और संपत्ति की जांच करें। अनुरंजन अशोक और अखबार की मानें तो पंकज मिश्रा 100 करोड़ रुपये काला धन, जमीन व कारोबार में निवेश करने में लगे हैं। लेकिन सच्चाई तो तब पता चलेगा जब इसकी ईमानदारी से जांच होगी।
अनुरंजन अशोक को ये सारी बाते कहां से पता चला, ये भगवान जाने, पर स्थानीय पुलिस को तो इस बात की जानकारी भी नहीं है कि ईडी ने ऐसा कुछ करने की ठानी हैं, ये अखबार कह रहा है। अखबार ये भी कह रहा है कि पंकज मिश्रा पर कितने और किस जगह पर अपराधिक मामले दर्ज हैं, पुलिस वो भी बतायें। लीजिये, आज का दिन निःसंदेह दैनिक भास्कर और अनुरंजन अशोक का है, जिसको लेकर एक पक्ष बहुत ही उतावला है, तो दूसरी तरफ चिन्ता की लकीरें ललाट पर खींच चुकी हैं।
इधर बाबू लाल मरांडी के मीडिया सलाहकार सुनील तिवारी ने भी इस समाचार को देख चुटकी ले ली। उन्होंने अपने ट्विट में लिखा है – “परनाम पकंज मिसिर भाई जी, वहीं तो हमको बुझाईये नै रहा था कि आपको हमारा जईसन सड़क छाप झोलटंगवा से काहे डर लग गया था? दिमागे घूमने लगा था। आपके जईसा साहसी, जाबांज, लोकप्रियता का धनी, ईमानदारी मे हरिश्चन्द्र के चचा तो भगवान से भी नै डरेगा, त ईडी-फिडी से काहे डरेगा? है कि नहीं।”
चूंकि अखबार ने पंकज मिश्रा के मुख से कहलवाते हुए छापा है कि केन्द्रीय एजेंसियों का दुरपयोग कर रही भाजपा, नहीं डरेंगे- पंकज मिश्रा। इसी पर सुनील तिवारी ने कसकर व्यंग्य जड़ दिया। दरअसल अब ये पूरी तरह से मामला राजनीतिक हो गया है। एक वर्ग हैं, जो सत्ता का सुख पाने में लगा है, और दूसरे की इस बात पर नजर हैं कि भाई वो कैसे सत्ता सुख पा रहा हैं और उसके इशारे पर सारा पुलिस प्रशासन क्यों डांस कर रहा हैं, पहले तो ऐसा नहीं था।
ये सारे लोग हमारे इशारे पर डांस किया करते थे, चलो अब देखते है कि कैसे इ लोग उसके इशारे पर डांस करता है। बस इसी को समझ जाइये तो आप जान लेंगे कि ये शुद्ध राजनीति हैं। इसमें कटेगा वहीं, जो कमजोर होगा, चाहे वह सत्तापक्ष का हो या विपक्ष का, पर जो मजबूत होगा, वो काहे को कटेगा, वो चाहे सत्तापक्ष का रहे या विपक्ष का। हां इतना जरुर जान लीजिये, ये कुकर्म कभी खत्म नहीं होनेवाला, चाहे कुछ भी हो जाये।
चलते-चलते भाजपा नेता अनुरंजन अशोक को बधाई, बहुत दिनों के बाद प्रथम पृष्ठ पर कई बार नाम दिखा हैं, वो भी दैनिक भास्कर में और बधाई पंकज मिश्रा के विरोधियों को भी, क्योंकि बहुत दिनों के बाद उन्हें लगा कि अब जीत उनको मिलने ही वाली है। रही बात पंकज मिश्रा के बारे में, तो हम क्या कहें जब तक सत्ता का आशीर्वाद हैं, पुलिस आपके साथ हैं, घबराना काहे का, डायलॉग मारते रहिये, भिड़ते रहिये, जैसे और लोग भिड़ रहे हैं, और जनता तुम तो अपना चीरहरण करवाने के लिए ही बने हो, चीर उतरवाते रहो। और क्या कहें?