अर्जुन मुंडा की राजनीतिक कैरियर को प्रभावित करने के लिए झारखण्ड में कुछ लोग सक्रिय, मुंडा ने फर्जी खबरों से लोगों को किया सचेत
शायद भाजपा में ही कुछ लोगों को तथा उनके कट्टर राजनीतिक दुश्मनों को अर्जुन मुंडा का मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रुप में शामिल होना, अच्छा नहीं लग रहा। जैसे ही उन्होंने जनजातीय मंत्रालय संभाला हैं, उनके विरोधी भी लगता है, सक्रिय हो गये और बड़ी ही सोची समझी रणनीति के तहत एक ऐसी फर्जी खबर सोशल साइट पर वायरल करवा दी, जो अर्जुन मुंडा ने कही ही नहीं। ये फर्जी खबर किसी ने विद्रोही24.कॉम को भी भेजी थी, जो पढ़ने से ही लग रहा था कि यह पूरी तरह फर्जी हैं, फिर भी कुछ लोगों ने इसे समाचार बनाकर पेश किया, जो पूर्णतः गलत निकला।
जिसका खंडन स्वयं अर्जुन मुंडा ने अपने फेसबुक के माध्यम से आज कर दिया। साथ ही अपने समर्थकों, भाजपा कार्यकर्ताओं व शुभचिन्तकों को इसके माध्यम से संदेश दिया कि वे इस प्रकार की फर्जी खबरों से सचेत रहे, अर्जुन मुंडा ने साफ कहा है कि यह खबर शत प्रतिशत फर्जी है, जो उनके नाम द्वारा कोई धनबाद का तथाकथित अधिवक्ता ने प्रचारित किया है।
अर्जुन मुंडा ने अपने सोशल साइट फेसबुक पर लिखा है कि “सोशल मीडिया में धनबाद के कोई तथाकथित अधिवक्ता वीरेन्द्र नाथ महतो द्वारा एक फर्जी खबर चलायी जा रही है। ये खबर बिल्कुल फर्जी है। न तो मैं उनसे शपथ ग्रहण से पूर्व और न बाद में मिला हूं। ऐसे भ्रामक खबरों से जनता को सचेत रहना चाहिए।”
ज्ञातव्य है कि जिस दिन अर्जुन मुंडा ने मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रुप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली, उसके ठीक थोड़ी देर बाद उनके हवाले से एक खबर को वायरल किया गया, जो देखते ही देखते, संपूर्ण झारखण्ड में फैल गई, पर इसका खंडन न तो भाजपा के लोगों ने किया था और न ही अर्जुन मुंडा ने किया था, पर आज जैसे ही अर्जुन मुंडा ने इस खबर का खंडन किया, सब कुछ एक तरह से क्लियर हो गया, आखिर वो फर्जी खबर क्या थी? जिसे बड़े पैमाने पर झारखण्ड में वायरल किया गया। वो खबर यह थी, उसे आपको भी जानना चाहिए।
“मोदी कैबिनेट में जनजातीय मंत्रालय का पदभार ग्रहण करने के बाद, अर्जुन मुंडा ने कहा कि झारखण्ड के कुड़मियों को विधानसभा चुनाव के पहले एसटी का दर्जा दे दिया जायेगा। अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो विधानसभा चुनाव में कुड़मियों के बीच वोट मांगने नहीं जाउंगा। उन्होने कहा कि कुड़मियों का यह मांग आजादी के बाद से ही रहा हैं, परन्तु कांग्रेस की सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल में अनुशंसा केन्द्र को भेज दी गई थी। लेकिन जनजातीय मंत्रालय के नकारात्मक रवैये से यह काम नहीं हो पाया था, अभी मैं इस मंत्रालय में आया हूं तो इस काम को चार माह के अंदर में निपटा लूंगा।
आदिवासियों के विरोध पर उन्होंने कहा कि झारखण्ड में संचालित ईसाई मिशनरियां कुड़मियों का विरोध कर रही हैं, वे चाहती हैं कि ईसाईयों की कुड़मियों को भी दोहरा लाभ न मिले। इसके अलावे पूर्व में वैसे लोगों ने भी इसका विरोध किया था, जो अभी सत्ता के शीर्ष पर बैठे हुए है। उनका तर्क था कि कुड़मियों को एसटी में शामिल होने से उनका जमीन औद्योगीकरण के लिए आसानी से नहीं लिया जा सकता है। मैं हमेशा से कुड़मियों का शुभचिंतक रहा हूं और उनकी मांग को इस बार जरुर पूरा करुंगा।
ऐसा नही कर पाने पर कुड़मी समुदाय के लोग 2014 के परिणाम को दोहरा सकते है, मुझे इसमें कोई आपत्ति नही होगी। इसके अलावे घटवार जाति को भी एसटी की सूची में शामिल करने के लिए प्रक्रिया प्रारम्भ की जायेगी। झारखण्ड में जिसको जितना हक अधिकार मिलना चाहिए, उतना हम देने को तैयार है। शपथ ग्रहण समारोह के उपरांत धनबाद से अधिवक्ता वीरेन्द्र नाथ महतो की अध्यक्षता में दिल्ली गई हुई प्रतिनिधिमंडल को मुंडा ने उपरोक्त बातें कही हैं।”
अब सवाल उठता है कि केन्द्रीय मंत्री के नाम से जो फर्जी खबरे वायरल की गई, क्या उसकी जांच नहीं होनी चाहिए, जिसने यह झूठी खबर बड़े पैमाने पर वायरल की या कराई, उसके खिलाफ प्राथमिकी नहीं होनी चाहिए, क्या उसे कानून का भय नहीं दिखाना चाहिए, क्योंकि अगर कोई भी व्यक्ति सीएम रघुवर दास के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करता हैं, तो उसे बिना प्राथमिकी के ही दंड देने की प्रक्रिया शुरु हो जाती है।
आनन-फानन में पुलिस भी इतनी तेजी दिखाती है कि पूछिये मत। अब चूंकि ये मामला केन्द्रीय मंत्री से संबंधित हैं, क्या रघुवर सरकार इस मामले में भी तेजी दिखायेगी, प्राथमिकी दर्ज करवायेगी, उस व्यक्ति तथा उनलोगों को दंडित करवायेगी, जिन्होंने केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के सम्मान के साथ खेलने की कोशिश की।