अपनी बात

लोकसभा में रांची सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की चाह रख प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा ने सोशल साइट पर चलाया “प्रदीप4रांची” कैंपेन, इधर भाजपा कार्यकर्ताओं की नाक-भौहें हुई टेढ़ी

लोकसभा चुनाव नजदीक आ गया। चुनाव दरवाजे पर आया देख, भाजपा में वैसे लोग अब ज्यादा सक्रिय हो गये हैं। जो कुछ वर्षों से सिर्फ और सिर्फ व्यक्ति पूजा और गणेश परिक्रमा से अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं। जिनको देश सेवा या झारखण्ड के भोले-भाले लोगों से कोई मतलब नहीं, बल्कि वे सिर्फ और सिर्फ सांसद या विधायक बनकर अपना उल्लू सिद्ध करना चाहते हैं। पहले तो वे व्यक्ति पूजा व गणेश परिक्रमा कर भाजपा के महत्वपूर्ण पदों पर कब्जा जमा लिया और अब उनकी सांसद/विधायक की कुर्सी पर नजर टिक गई है।

शायद उन्हें लगता है कि दीपक प्रकाश और आदित्य साहू जैसे लोग भाजपा के राज्यसभा सांसद बन सकते हैं तो हम प्रदीप वर्मा भाजपा के प्रदेश महामंत्री इस बार रांची से लोकसभा सीट पर भाजपा के टिकट से अपना भाग्य क्यों नहीं आजमा सकते, वो भी तब जब हम कर्मवीर सिंह जैसे प्रदेश संगठन मंत्री को अपनी ओर से बेहतर सेवा दे चुके हैं और उनकी हमारे उपर कृपा-दृष्टि भी बनी रहती है। जब कर्मवीर सिंह जैसे संगठन मंत्री की हमारे उपर कृपा दृष्टि हैं तो उसे इस बार रांची का सांसद या विधायक बनने से हमें कौन रोक सकता है। ऐसे भी सरला बिरला स्कूल की सेवा तो केवल एक इशारे पर हम भाजपाइयों और संघ को दिलवाने में तैयार रहते हैं। इस सेवा पर भी तो पहला हक हमें बनता है।

तभी तो प्रदीप वर्मा ने सोशल साइट पर पहले से ही एक कैंपेन चला दिया। कैंपेन का नाम है – प्रदीप4 रांची अर्थात् रांची के लिए प्रदीप। इधर विद्रोही24 देख रहा हैं कि अपने कैंपेन को धारदार करने के लिये यह व्यक्ति भाजपा के छोटे से लेकर बड़े नेताओं तक के नाम को इन दिनों स्मरण कर रहा है और उनकी जन्मदिन पर फेसबुक के माध्यम से बधाई दे रहा है। किसी को युवा साथी, तो किसी को भाई तुल्य, तो किसी को बहन आदि का विशेषण लगाकर अपनी ओर आकर्षित करने के लिए दिमाग लगाना शुरु कर दिया है।

भाजपा के कई हमारे मित्रों ने बताया कि पहले ये व्यक्ति अपना फोन नहीं उठाता था, अब तो बड़ा जल्दी ही फोन उठाने लगा है, शायद उसे विश्वास हो गया है कि इस बार रांची लोकसभा से उसे टिकट मिल जायेगा और अगर लोकसभा से नहीं मिला तो रांची विधानसभा की सीट तो एक तरह से पक्की है। यूपी का रहनेवाला यह शख्स पहले से ही दिमाग लगाकर भाजपा के बड़े लोगों को अपनी कार्यशैली से मुट्ठी में कर चुका है, जिसमें भाजपा का संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह प्रथम हैं। इसकी प्रदेश भाजपा में इतनी पैठ है कि बाबूलाल मरांडी जैसे लोगों की भी नहीं चल रही।

पूर्व में यह रघुवर दास का खासमखास रहा हैं और रघुवर दास के इशारे पर कुछ भी करने को तैयार रहा हैं, शायद उसे लगता हो कि उसकी महत्वाकांक्षा की पूर्ति बिना रघुवर दास की कृपा के नहीं हो सकती। इधर रघुवर दास के राज्यपाल बन जाने से उसकी अंतिम कड़ी कर्मवीर सिंह बन चुके हैं। इधर पुराने भाजपाइयों का कहना है कि अगर ऐसे लोगों को पार्टी ने भाजपा से टिकट दिया तो समझ लीजिये कि क्रांति हो जायेगी, पार्टी में विद्रोह होगा।

जनता इतनी भी बेवकूफ नहीं कि ऐसे लोगों को अपना सांसद या विधायक बना लेगी। हालांकि प्रदीप वर्मा द्वारा प्रदीप4 रांची कैंपेन चलाने को लेकर सबकी भौंहे टेढ़ी हो गई हैं। लोगों को कहना हैं कि किसी न किसी बड़े नेता ने तो उसे इस बात की हरी झंडी जरुर दिखाई होगी कि उसे इस बार रांची से लोकसभा या विधानसभा चुनाव लड़ाया जायेगा, तभी तो डंके के चोट पर वो अपना कैंपेन सोशल साइट पर चला रहा हैं, नहीं तो और किसी भाजपा नेता ने ऐसा क्यों नहीं किया। ऐसा तो आजतक कभी देखा भी नहीं गया। मतलब साफ है कि जब से प्रदेश संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह बने हैं, लोग भाजपा में नई-नई चीजें देख रहे हैं, पता नहीं आगे और क्या देखने को मिलेगा। प्रदीप के इस कैंपेन और भाजपा कार्यकर्ताओं के भौहें टेढ़ी कर लेने से ये तो तय हो गया कि प्रदेश के सिर्फ एक नेता ने उसे अपना आशीर्वाद दिया है, बाकी अन्य समर्पित भाजपा कार्यकर्ता उसे पसन्द नहीं करते।