राजनीति

सरयू राय का बयान – झारखण्ड सरकार के स्वनामधन्य खाद्य आपूर्ति मंत्री, विभाग में उनके कार्यकाल की फाइलें ढूंढने में समय बीता रहे

सरयू राय का कहना है कि झारखंड सरकार के स्वनामधन्य खाद्य आपूर्ति मंत्री विभाग में उनके कार्यकाल की फ़ाइलें ढूँढने में समय बीता रहे हैं और गोदामों में उनके कार्यकाल में ख़रीदे गए नमक और चीनी की बोरियां गिनने में समय गँवा रहे हैं। सरयू राय का कहना है कि वे ढूँढते रह जायेंगे, लेकिन मंत्री जी का मनोरथ पूरा नहीं होगा। कुछ अच्छा ज़रूर मिल जाएगा पर वह उन्हें पचेगा नहीं, उसे वे ग्रहण भी नहीं कर पाएँगे।

सरयू राय ने चुनौती दी है कि खाद्य आपूर्ति मंत्री ऐसा कुछ भी विभागीय संचिकाओं से निकाल दें, जिसके कारण उनके मंत्री कार्यकाल में राज्य को और लाभुकों को एक पैसा का भी नुक़सान हुआ हो। वास्तव में मंत्री जी अपने पूर्ववर्ती मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव के कार्यकाल की ग़लतियां ढूंढ़ रहे हैं ताकि कांग्रेस आलाकमान को बता सकें कि रामेश्वर बाबू ने स्कोप रहते हुए भी लाभुकों के घर जाने वाले अनाज में से कटौती कर आलाकमान की झोली में डालने का काम क्यों नहीं किया?

सरयू राय ने कहा है कि उन्हें पक्की सूचना है कि मंत्री जी अनाज गोदामों का जायज़ा ले रहे हैं ताकि पहले से वहां बचे सामानों को और गेहूं-चावल आदि को कालाबाजार तक पहुंचा सकें। उनकी मंशा पूरी नहीं होगी क्योंकि रामेश्वर बाबू ने सब कील-काटा दुरुस्त कर रखा है। रही उनके कार्यकाल की बात तो उसका भी पूरा हिसाब-किताब और उनके द्वारा की गई कारवाईयों का पूरा ब्यौरा संचिकाओं में है। मंत्री जी हवा में उड़ रहे बैलून में छेद ढूँढने की कोशिश कर रहे हैं।

सरयू राय का कहना है कि वे ज़रूरतमंदों के लिए आवंटित अनाज को कालाबाज़ारियों को सौंपने की साज़िश कामयाब नहीं होने देंगे। जनता के निवाला का छोटा सा हिस्सा भी लूटकर आलाकमान की झोली में डालने के प्रयत्न को विफल कर दिया जाएगा। इस बारे में मुख्यमंत्री जी भी सचेष्ट रहें ताकि स्वास्थ्य विभाग में किए गए मंत्री जी के कारनामों को खाद्य आपूर्ति विभाग में नहीं दोहराया जा सके।

दवाईयां तो ऊंची क़ीमत पर ख़रीदकर बर्बाद की गईं पर माप-तौल कर गरीब-गुरबा के लिए आवंटित अनाज का यह हाल न हो और माप-तौल में भी घपला-घोटाला नहीं हो। विधानसभा चुनाव नज़दीक है, वे भी इस पर नज़र रखेंगे। सीएजी भी खाद्य कॉरपोरेशन के कारनामों पर नजर रख रही है। मुख्यमंत्री जी भी सचेत रहेंगे तो ग़रीबों का निवाला छीनने की साज़िश सफल नहीं हो पाएगी।