राजनीति

जनता को ठगना बंद करिये, पांच वर्षों में झारखण्ड के लिए आपके CM रघुवर ने क्या किया, इस पर मुंह खोलिये

झारखण्ड विधानसभा चुनाव धीरे-धीरे अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा हैं, जैसे-जैसे चुनाव अपने अंतिम चरण की ओर जा रहा है, भाजपा की हालत वैसे-वैसे पस्त होती जा रही हैं। जिसकी जानकारी भाजपा मुख्यालय ही नहीं, बल्कि उन सारे भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं को हैं जो दिल ही दिल में जैसे-तैसे भी भाजपा की सरकार बनाने के लिए बेताब हैं, पर जैसे ही उन्हें प्रथम से लेकर तीसरे चरण की वस्तुस्थिति और चौथे तथा पांचवे चरण की विस्तृत रिपोर्ट उनके समक्ष आ रही हैं, उनके पसीने छूट जा रहे हैं।

राजनीतिक जानकार बता रहे हैं कि पीएम मोदी के भाषण के बावजूद भी, उन इलाकों में जहां फिलहाल पीएम मोदी के भाषण होनेवाले हैं, या भाषण होंगे, वहां से भाजपा प्रत्याशी चुनाव जीत ही जायेंगे, इसकी संभावना न के बराबर है, क्योंकि आम जनता का यही कहना है कि ये लोकसभा का चुनाव नहीं, बल्कि विधानसभा का चुनाव है, और इसके लिए फिलहाल सीएम रघुवर दास उपयुक्त नहीं हैं, निश्चय ही कोई नया चेहरा इस बार दिखना चाहिए, वो चेहरा महागठबंधन का ही होगा, ये भी तय है।

राजनीतिक पंडित बताते है कि इस राज्य में जमीन लूट, विस्थापन, रोजगार को लेकर झूठी दिलासा, जमीन को खत्म करने की बड़ी साजिश बताती है कि रघुवर के शासनकाल में पांच वर्षों में क्या हुआ? कैसे सीएनटी-एसपीटी की धज्जियां उड़ाई गई, कैसे चौदह हजार स्कूलों में ताले लगवा दिये गये, कैसे शराब की दुकाने गली-मोहल्ले में खुलवाये गये, कैसे पारा टीचरों को कुछ हजार रुपये की मांग पर उन्हें पिटवाया गया।

झामुमो के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य की माने तो पिछली बार बरहेट और दुमका में भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि उनके रहते आदिवासियों की जल-जंगल-जमीन पर कोई डाका नहीं डाल सकता, पर जैसे ही चुनाव समाप्त हुआ, सबसे पहले गोड्डा की जमीन अधिगृहित की गई, और आदिवासियों-मूलवासियों को अपनी जमीन से हाथ धोना पड़ गया। वह जमीन गौतम अडानी को दे दी गई।

कमाल है उस जमीन से हाथ धोना पड़ा, जो जमीन तो झारखण्ड की हैं, पर झारखण्ड को उससे कभी फायदा नहीं होगा, यानी जमीन झारखण्ड का, पानी झारखण्ड का, श्रम झारखण्ड का, कोयला झारखण्ड का और बिजली न झारखण्ड को मिलेगा और न ही इस देश को, सीधे वह बिजली बांगलादेश को चला जायेगा, ये हालत झारखण्ड की इन भाजपाइयों ने कर दी और यही मोदी की सच्चाई है।

झामुमो का यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री एनआरसी, सीएबी के बारे में खुब बोलते हैं, पर झारखण्ड की जो दशा इनके रहनुमाओं ने, जो उनके इशारे पर की, उस पर बात करने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि फिर जनता उन्हें छोड़ेगी नहीं, क्योंकि फिलहाल जो वोटिंग हो रहा हैं, उसमें भाजपा कहां हैं? सभी को पता है।

झामुमो का तो यह भी कहना है कि बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओं का नारा देनेवाले पीएम मोदी से पूछिये कि आज तीन सौ से भी ज्यादा मुकदमे दुष्कर्म के क्यों हुए, वह भी तब जब महिलाएं शौच के लिए जा रही थी। पीएम मोदी बताएं कि झारखण्ड के पाकुड़, गोड्डा, चतरा, रांची, रामगढ़, सरायकेला, पूर्वी सिंहभूम लिंचिंग के अड्डे कैसे बन गये?

अब तो पिपरवार में जैसी वीभत्स घटना घटी हैं, उससे तो लोगों को भय समा गया है कि यह राज्य कब सुधरेगा, यहां कानून-व्यवस्था आखिर कब सुधरेगी? आखिर पीएम मोदी को तो बताना ही चाहिए कि इसके लिए जिम्मेवार कौन है, खुद मोदी या उनके रघुवर, और इसके लिए सजा जनता किसको दें, उन्हें या रघुवर को या दोनों को, ऐसे भी जनता ने सजा देने की सोच रखी हैं, तभी तो भाजपा की हालत हर जगह पस्त है।