सुबोध और हेमन्त ने राज्य में बिजली दर बढ़ाये जाने पर रघुवर सरकार की खिंचाई की
झारखण्ड में विद्युत नियामक आयोग द्वारा घोषित नई विद्युत टैरिफ की पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि नई विद्युत टैरिफ साफ बताता है कि राज्य सरकार संवेदनहीन हो गई है। बिजली बिल में अप्रत्याशित वृद्धि का जनविरोधी निर्णय लेकर जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया गया है, झारखण्ड में ऐसे भी पावर कट की पहले से ही दयनीय स्थिति है। जिस कारण राज्य के कई उद्योग धंधे बंदी के कगार पर है। सुबोध कांत सहाय ने ये बातें अपने आवासीय परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता पहले से ही बिजली की बढ़ी दर की मार झेल रही है। दुसरी ओर फिर से बिजली की बढ़ी दर से जनता परेशान हो गई है। गरीबों के घर से बिजली छीन कर बड़े-बड़े पूंजीपतियों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल में 98 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी न तो तर्कसंगत है और न ही न्यायसंगत। रघुवर सरकार के इस निर्णय से आम जनता पर और अधिक बोझ बढ़ेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि रघुवर सरकार की यह घोषणा कि घरेलू उपभोक्तों के लिए बढ़े हुए बिजली दर की भरपाई सरकार द्वारा प्रस्तावित सब्सिडी से की जायेगी, ये महज आईवाश है, यह जनता को भरमानेवाली बात है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जल्द ही सरकार के इस जनविरोधी निर्णय के खिलाफ एक जनांदोलन खड़ी करेगी। उन्होंने सभी सामाजिक संगठनों, छात्र संगठनों, किसानों-मजदूरों से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील भी की।
दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने भी राज्य सरकार के इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि गर्मी के इस महीने में बिजली न दे पा रही इस भाजपा सरकार को बिजली की दाम बढ़ाने पर लज्जा नहीं आ रही, वह भी तब जब पूरे देश में कोयला सर्वाधिक झारखण्ड से निकलता है। उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि वह ऐसा कर किसका तिजोरी भर रही है। गोड्डा में बिजली संयंत्र लगा रहे है, अपने मित्र अडानी की तो नहीं?
हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में गलत तरीके से झारखण्ड में महंगी दर पर बिजली खरीद की जा रही है। नगर निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद जनता को जूमलेबाज पार्टी की ओर से यह पहला तोहफा है। राज्य में बिजली की बढ़ी दर को लेकर आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल तथा वामपंथी पार्टियों ने भी राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की है।