सुप्रियो ने CEO के रवि कुमार व दो IPS एस ए लाटकर व एवी होमकर की शिकायत चुनाव आयोग से की, लगाया भाजपा के पक्ष में काम करने का गंभीर आरोप, तत्काल प्रभाव से चुनाव कार्यों से मुक्त करने की मांग
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राज्य निर्वाची पदाधिकारी के रवि कुमार समेत दो उच्चस्थ पुलिस पदाधिकारियों संजय आनन्द लाटकर व एवी होमकर पर गंभीर आरोप लगाते हुए इनकी शिकायत मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली से की है। इन सारे अधिकारियों पर आरोप है कि ये यहां भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं। इसलिए इन्हें तत्काल प्रभाव से हटाया जाय, ताकि चुनाव निष्पक्ष ढंग से हो सकें।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा अभी से घबराई हुई है। वो केन्द्रीय जांच एजेंसियों का खुब इस्तेमाल कर रही है। वो इसके द्वारा पूरे चुनाव को प्रभावित करना चाहती है। केन्द्र सरकार ने ईडी, सीबीआई व आईटी को टास्क दिया है कि वो कुछ ऐसा करते रहे, जिससे राज्य में भ्रम की स्थिति बनती रहे, तथा अखबारों के पन्नों पर उनकी खबरें सुर्खियां बनती रहे। ये काम पिछले तीन दिनों से चल रहा है। लेकिन आज तो हद हो गया।
सुप्रियो ने कहा कि आज राज्य में पदस्थापित भाप्रसे के मुख्य निर्वाची पदाधिकारी के रवि कुमार ने अपने पद का दुरूपयोग किया तथा राज्य के तमाम जिलाधिकारियों व पुलिस सेवा में लगे लोगों को डराने-धमकाने का काम किया। इनके साथ-साथ पुलिस महकमे में बैठे एडीजी के पद पर तैनात संजय आनन्द लाटकर, एवी होमकर जैसे पदाधिकारियों ने राज्य के पुलिस अधिकारियों को भयाक्रांत करने की कोशिश की।
सुप्रियो ने कहा कि इन सभी अधिकारियों की हरकतों के बारे में उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग को आज मेल किया है। उन्होंने बताया कि आज गिरिडीह में एक घटना घटी है। वाहन चेकिंग के क्रम में पाया गया कि निवर्तमान मुख्यमंत्री व बरहेट के प्रत्याशी हेमन्त सोरेन के एक सेट के प्रस्तावक मंडल मुर्मू को कुछ अज्ञात लोग अपनी गाड़ी में बैठा कर ले जा रहे थे। जब उस गाड़ी को पुलिस ने रोका और पूछा कि कहां जा रहे हो, तो किसी ने जवाब नहीं दिया। इसी बीच ड्राइविंग सीट पर बैठा आदमी किसी को फोन लगाया और फिर रांची जिला से तीन आदमी के रवि कुमार, संजय आनन्द लाटकर व एवी होमकर, गिरिडीह जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को धमकी देते हैं और कहते हैं कि उस गाड़ी को छोड़ दो। अब इसके पीछे की क्या मंशा है। हमें नहीं मालूम।
सुप्रियो का कहना है कि ये बहुत ही गंभीर मामला है। राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। इस कार्य में राज्य निर्वाची पदाधिकारी कैसे संलिप्त है, यह अत्यंत भयावह स्थिति है। कई तरह की साजिशें आती जा रही हैं। ऐसे-ऐसे लोगों को यूज किया जायेगा। दरअसल भाजपा का मनोबल गिर चुका है। ये जनता के पास नहीं, निर्दलीय प्रत्याशियों के पास जा रहे हैं। उनके द्वारा डराकर, धमकाकर, उन्हें प्रलोभन देकर जबरन बैठाया जा रहा है। अखबारों में खबरें निकल रही है।
सुप्रियो ने कहा कि जिस प्रकार की स्थिति हैं। वो बताता है कि ये साधारण चुनाव नहीं, असाधारण परिस्थितियों में चुनाव हो रहे हैं और ये सब कार्य कारपोरेट जगत को खुश करने के लिए किया जा रहा है। ताकि येन केन प्रकारेन उनकी सरकार बन जाये, जो लूट की मंशा रखते हैं। लेकिन ऐसा संभव नहीं हैं, क्योंकि यहां जनता तैयार बैठी है। यहां आदिवासियों, अल्पसंख्यकों व दलितों वाली मतदान केन्द्रों पर असलहों के साथ अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती कराई जा रही हैं ताकि डरा-धमका कर वोट अपने पक्ष में कराई जा सकें।
ये उसकी पटकथा है। ये पटकथा जिसने भी लिखी हैं। उन्हें पता नहीं कि ये जमीन सिदो-कान्हो, भगवान बिरसा मुंडा, शेख भिखारी, नीलाम्बर-पीताम्बर, निर्मल महतो व शिबू सोरेन जैसे लोगों की रही हैं। यह जमीन संघर्ष करना जानती है। यहां के लोग डरनेवाले नहीं, वे जितना भी कुचक्र रचे। जितने पदाधिकारियों को अपना पेट बनाना है, बना लें, लेकिन ये निर्वाचन आयोग का फर्ज बनता है कि वो यहां चुनाव निष्पक्ष ढंग से कराये और इसके लिए जरुरी है कि सबसे पहले राज्य के मुख्य निर्वाची पदाधिकारी के रवि कुमार को तत्काल प्रभाव से हटाए, क्योंकि इसके हटाए बिना यहां चुनाव निष्पक्ष ढंग से होना संभव नहीं।