राजनीति

सुप्रियो ने दीपक प्रकाश की जमकर की खिंचाई, अमित शाह के दौरे को भय का दौरा बताया, राज्यपाल के क्रियाकलापों पर भी उठाई अंगूलियां

मैंने पहले भी कहा था और आज भी कह रहा हूं कि 2023 का साल झामुमो और इस राज्य के लिए चुनौतियों भरा होगा। मैं अपने राजनीतिक विरोधियों को ऐहसास कर देना चाहता हूं कि वो झामुमो के पिछले संघर्षों को ध्यान से देखें। झामुमो के पास एक से बढ़कर एक समस्याएं आई और झामुमो ने उन समस्याओं को प्रखरता के साथ मुकाबला किया। चाहे गुरुजी के साथ या पार्टी के अन्य नेताओं के साथ चुनौतियां क्यों नहीं आई हो, हम सब ने मिलकर उसका सामना किया और आज ताल ठोक कर कहता हूं कि झामुमो के लिए 2023 का वर्ष इस संकल्प का होगा कि 2024 में ये राज्य भाजपामुक्त बनें। ये वक्तव्य है, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य का, जिन्होंने आज संवाददाता सम्मेलन के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग इतने डरे हुए हैं कि आगामी सात तारीख को भाजपा के बड़े नेता व केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह चाईबासा आनेवाले हैं। ये प्रमाण है भाजपा के डर का, क्योंकि इस राज्य ने जिस प्रकार कार्यक्रम तय किये हैं, जिस प्रकार से रास्ते को चुनने का काम किया है, वो भाजपा के नेताओं में डर का कारण बन गया है। तभी तो लोकसभा की 14 में से 12 सीट जीतनेवाली भाजपा के पसीने छूट रहे हैं, क्योंकि वो जानती है कि यहां की जनता उनसे आक्रोशित व उद्वेलित है।

सुप्रियो ने कहा कि एचईसी जिसे झारखण्ड का मातृ उद्योग कहा जाता था। पिछले एक वर्ष से यह मृतप्रायः हो चुका है। लोगों को न्यूनतम मजदूरी, सरकारी तनख्वाह तो छोड़ दीजिये दाल, रोटी, नून, चावल के लाले पड़ गये हैं। ऐसे में भाजपा के नेताओं को शायद पता चल गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में दशा और दिशा क्या होगी? ऐसे में 16 महीने पहले भाजपा के नेताओं को राजनीतिक क्लास करना पड़ता है, वो भी ऐसे संसदीय क्षेत्र में जहां उनका कोई राजनीतिक प्रतिनिधि नहीं हैं, आप खुद सोचिये कि उस पूरे प्रमंडल में जहां अमित शाह आ रहे हैं, उस कोल्हान प्रमंडल में भाजपा का एक भी प्रतिनिधि नहीं है, चाहे वो पूर्वी सिंहभूम हो या पश्चिमी सिंहभूम या सरायकेला-खरसावां, वहां कितना भाजपा के प्रति रोष है, ये भाजपा के नेताओं को समझ में आ गया हैं।

सुप्रियो ने इस दौरान भाजपा नेता दीपक प्रकाश की जमकर खिंचाई की। सुप्रियो ने कहा दीपक प्रकाश वो जिस मुद्रा में कल प्रेस कांफ्रेस कर रहे थे, उनमें कितनी बौखलाहट थी, कितनी नाटकीयता थी, वो समझ से परे था, उनके आंखों की व हाथों की तथा पूरे शरीर की  भाव-भंगिमाएं बताने के लिए काफी थी कि वो व्यक्ति अंदर से कितना डरा हुआ है। राजनीति में इन भाव-भंगिमाओं के कई अर्थ निकाले जाते हैं, कि आप डरे हैं या हताश है।

उन्होंने कहा कि दीपक प्रकाश ये बता नहीं पाये कि रघुवर शासन में क्यों नहीं जेपीएससी से नियुक्ति की गई, वो बता नहीं पाये कि, जिला खेल पदाधिकारी, तीस वर्षों से लंबित कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति क्यों नहीं हुई, पुलिस परिवार को सीपीएल का लाभ क्यों नहीं मिल पाया, कहां गया मोमेंटो झारखण्ड, कहां गया देश-विदेश का रोड शो?

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि तीन साल में हेमन्त ने कोई रोड शो नहीं किया, पर परफारमेंस किया। रोड मैप बनाने का काम किया, माइल स्टोन बनाने का काम किया, इसी से भाजपा घबरा सी गई। सुप्रियो ने कहा कि इन्हीं कारणों से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि जब भी कोई ट्रायबल या दलित या अल्पसंख्यक यदि अपने वजूद के साथ राज करना चाहता है, तो  उसको चुनौती देनेवाले लोग बड़ी संख्या संगठित हो जाते है।

पूरे कोरोनाकाल के बाद राज्य में एक भ्रम की स्थिति तैयार की गई ताकि विकास नहीं हो पाये, लोगों की जरुरते पूरी नहीं हो पाये, इस कार्यक्रम में राजभवन भी शामिल हुआ। बिना आशय का, छतीसगढ़ में जाकर राज्यपाल ने कहा कि झारखण्ड में एटम बम फूट सकता है, इसकी मनाही नहीं है, इतनी ईर्ष्या और किसी राज्य में देखने को नहीं मिला। जब उनको कोई काम ही नहीं बचा, फिर नया एडवेंचर शुरु हुआ -एक्सपोलर बिहार।

सुप्रियो ने कहा कि बगांल चला, झारखण्ड चला, लेकिन उससे कोई फर्क पड़नेवाला झामुमो को नहीं हैं। सुप्रियो ने कहा कि हम चाहते हैं, अमित शाह जी वस्तुस्थिति से अवगत हो, अच्छा रहेगा कि वे पांचों प्रमडंल का एक-एक कर बैठक करें, सारी स्थितियां साफ हो जायेगी,  क्योंकि हमें मालूम है कि विगत लोकसभा चुनाव में खूंटी, लोहरदगा व दुमका में क्या हुआ था? इसलिए अमित शाह का ये दौरा बताने के लिए काफी है कि भाजपा के नेताओं में इस सरकार के प्रति कितना भय व्याप्त है।