राजनीति

सुप्रियो ने अमित शाह के रांची दौरे पर छोड़े व्यंग्य बाण, कहा इनका टिप्स भ्रांति व झूठ फैलानेवाला, 22 जुलाई से शुरु हो रहे संसद सत्र में ये भाजपा के भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए नया विधेयक न ला दें

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कल की रांची यात्रा को लेकर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कल की उनकी भाजपा कार्यकर्ताओं को टिप्स देनेवाले बात पर कहा कि ये टिप्स क्या देंगे, इनका टिप्स तो नफरत और भ्रांति फैलानेवाला होता है। सुप्रियो ने कहा कि एक बार उत्तर प्रदेश में उन्होंने झूठ फैलाया कि अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को थप्पड़ मारा था। इनके नेता व देश के प्रधानमंत्री ने स्वयं स्वीकारा कि वे ट्रेन में सीट पाने के लिए झूठ का हाथ देखने लगते थे और इसी में उन्हें सीट भी मिल जाया करती थी।

सुप्रियो ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री कल आ रहे हैं, उनका स्वागत इसलिए भी कि उनकी केन्द्रीय जांच एजेंसियों के दायरे में झारखण्ड है। पूर्व में भी लोकसभा चुनाव के पहले ये जांच एजेंसियां सक्रिय थी और जो भाजपा के खिलाफ थे, उन पर शिकंजा कसने के लिए इनके द्वारा टारगेट किया गया। लेकिन जो लोग भाजपा के साथ है, जिनके खिलाफ पर्याप्त सबूत है। जिनके खिलाफ समन पर समन जारी है। उन्हें रिलीफ देने का काम प्रवर्तन निदेशालय के स्पेशल डायरेक्टर बीएल मरांडी करते हैं। उनका सीधा इशारा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की ओर था।

ईडी के शिकंजे में रहा विष्णु अग्रवाल को इनके द्वारा केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलाया जाता है। जिसके खिलाफ ईडी समन पर समन जारी किये जा रही है। जिसके यहां कारतूस व अवैध धन बरामद हुए, जो कभी मीडिया में भी था, उसे भी निर्मला सीतारमण से बाबूलाल मरांडी द्वारा मिलवाया जाता है। तो ऐसे में कल जो गृह मंत्री आ रहे हैं, ऐसे लोगों की लिस्ट पहले से ही तैयार हो जाती तो मीडिया को भी ऐसे लोगों को इंटरव्यू करने में सहूलियत हो जाती।

सुप्रियो ने कहा कि जो खुद भाजपा में घुसपैठिये का काम कर रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष तो खुद घुसपैठिये हैं। ये मूलतः भाजपा के नहीं हैं। ऐसे लोग घुसपैठिये का मुद्दा उठाते हैं। उन्होंने कहा कि इतना सम्मान भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों का ये लोग किया करते हैं और खुद ही भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते है।

सुप्रियो ने कहा कि एक कमेटी होती है, जिसका नाम है कमेटी ऑफ कैबिनट अफेयर्स जिसकी अध्यक्षता स्वयं प्रधानमंत्री करते हैं और जिसमें विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री होते हैं। जो हर आपात स्थितियों पर मिलकर अपनी राय प्रकट करते हैं। ऐसे में इनमें से दो प्रमुख मंत्रियों का झारखण्ड में विजिट होना, वो भी तब जबकि 22 जुलाई से संसद का सत्र शुरु होने जा रहा है। कही ऐसा तो नहीं कि नया कानून ये लोग पेश करने की सोच रहे हो कि जो भाजपा के लोग भ्रष्टाचार में लिप्त होंगे, उन्हें विशेष छूट दे दी जायेगी।