राजनीति

सुप्रियो ने कहा, जब से हेमन्त सोरेन इंडिया एलायन्स के समन्वय समिति के सदस्य बने हैं, भाजपाइयों को अब कोई रास्ता ही नहीं सूझ रहा कि वे झारखण्ड से कैसे भागे?

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज रांची में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब से झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमन्त सोरेन ने इंडिया एलायन्स के समन्वय समिति के सदस्य बने हैं। भाजपा में गजब की स्थिति देखते बन रही है। वहां हेमन्त सोरेन के प्रति ऐसी बौखलाहट हो गई है, कि भाजपाइयों को कोई रास्ता ही नहीं दिख रहा कि वे झारखण्ड से कैसे भागे?

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यही कारण है कि भाजपा के लोग ऐसे प्रोपेगैंडा व नैरेटिव फैलाने का काम कर रहे हैं, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है। अब तो भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के प्रवक्ता भी अनर्गल बातों के साथ सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपाइयों को गुजरात, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के घोटाले नजर नहीं आते। मध्यप्रदेश का घोटाला व्यापमं का जिसने कीर्तिमान बनाये, ये उस पर चर्चा नहीं करते।

महाराष्ट्र में जहां 70 हजार करोड़ का घोटाला करनेवाले एनसीपी के अजीत पवार को ये खुद ही महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम बनाते हैं। असम के सीएम हेमन्त बिस्व शर्मा पर ये नहीं बोलते। गुजरात पावर कार्पोरेशन के पैसों को अडानी ने खाया और सवाल हमसे पूछते हैं। उन्होंने कहा कि यहां 2002 से ही सोरेन परिवार को जमीन से जोड़ने का काम चल रहा है। एक फर्जी वीडियो जो उस वक्त के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष दुखा भगत द्वारा जारी किया गया था, उसे बार-बार पेश किया जाता है।

कभी उनके रघुवर दास ने तो इस पर एसआईटी की गठन भी कर दिया था। वहीं दस्तावेज हाई कोर्ट में भी रखा गया। जिस पर हाई कोर्ट ने उस वक्त फटकार भी लगाई थी। हाईकोर्ट में याचिका दायर करनेवाले के खिलाफ पेनाल्टी भी लगाया गया था। उस वक्त हाई कोर्ट ने केवल क्लीन चीट ही नहीं दी थी, बल्कि भाजपा नेताओं का भी उसमें नाम सामने आ गया था।

सुप्रियो ने कहा कि दरअसल जब से ये सरकार बनी है। भाजपा ने कभी इस सरकार को सहयोग नहीं किया। कोरोना में असहयोग, टीकाकरण में असहयोग, खनिजों के रायल्टी में असहयोग, राज्यपाल के माध्यम से भ्रम फैलाने की कोशिश, केन्द्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग इनका यही कारनामा रहा है और अब राष्ट्रीय स्तर पर झूठ बोलना इनका सतत प्रक्रिया बन गया है। जो ये पन्नों का फोटोग्राफी दिखाते हैं, वे सभी वहीं होते हैं, जिसे ये कई बार दिखा चुके होते हैं और इसी में उलझाकर लोगों को रखना चाहते हैं।

सुप्रियो ने कहा कि दूसरी ओर इन सबसे दूर यह सरकार उन बातों के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिन बातों को लेकर उसने जनता से वायदें कर सरकार बनाई। उन्होंने कहा कि वे ये नहीं बताते कि उन्होंने कैसे पूरा का पूरा मध्यप्रदेश सरकार खरीदकर बनाया था। वे ये नहीं बताते कि कैसे कर्नाटक के विधायकों को मुंबई में बंद किया गया। वे ये नहीं बताते कि कैसे महाराष्ट्र के विधायकों को पहले गुजरात, फिर असम और फिर गोआ घुमाया गया और उसके बाद वहां अपनी सरकार बना ली।

सुप्रियो ने कहा कि दरअसल इनकी यही नैतिकता है। वे छत्तीसगढ़ के एक ऑडिटोरियम में अब आम सभा करने लगे हैं। हैदराबाद में राहुल गांधी की सभा में आज से दो दिन पहले हुई सभा ने इन सभी की नींद उड़ा दी है। ये राजनीतिक विचारधाराओं की प्रतिद्वंदिता के आधार पर नहीं लड़ते, अब ये व्यक्तिगत आक्रमण करने में लगे हैं। दरअसल ये दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों व महिलाओं के देखना ही पसन्द नहीं करते। यही इनकी सच्चाई है।