राजनीति

सुप्रियो ने कहा दुमका से धनबाद के भाजपा नेता सत्येन्द्र सिंह व भागलपुर के विष्णु शर्मा तथा इनके पास से चार लाख रुपये का पकड़ा जाना बताने के लिए काफी कि भाजपावाले साइलेंट पीरियड का कैसे माखौल उड़ा रहे हैं

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज रांची में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वर्तमान में साइलेंट पीरियड चल रहा हैं। कायदे से हमें भी इस समय साइलेंट रहना चाहिए, लेकिन जिस प्रकार से भाजपा के द्वारा लोगों के बीच भ्रम और दुष्प्रचार की साजिश रची जा रही हैं। इसे देखते हुए हम भी चुप नहीं रह सकते।

उन्होंने प्रमाण के तौर पर बताया कि दुमका के अग्रसेन भवन में बाहर के लोग आकर मीटिंग कर रहे थे। जब झामुमो के लोगों को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने इस बात की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस वहां छापेमारी की। जिसमें कई लोग भाग खड़े हुए और दो पकड़ गये, जिसमें एक धनबाद के सत्येन्द्र सिंह और दूसरे भागलपुर के विष्णु शर्मा हैं। इनके पास से चार लाख से ज्यादा की राशि भी बरामद हुई।

इसी प्रकार सुप्रियो ने बताया कि चंदनकियारी में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा प्रत्याशी अमर कुमार बाउरी ने अपने काफिले तथा सेन्ट्रल पुलिस फोर्स को लेकर अपने क्षेत्र में आतंक मचाया। ये घटना बता रहा है कि भाजपा के लोग इस चुनाव को बंगाल के तर्ज पर ले जाना चाहते हैं। आखिर ये मॉडल कोड ऑफ कन्डक्ट केवल भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़नेवालों के लिए ही बना है।

भाजपा के लिए नियम, कायदा-कानून अलग क्यों हैं। चुनाव आयोग पूरी तरह से सोया है। बार-बार हमलोगों के द्वारा कम्पलेन किये जाने के बावजूद भी वो संज्ञान क्यों नहीं लेता। पूरे झारखण्डी अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वीभत्स तरीके से इसके पहचान को नष्ट किया जा रहा है। लेकिन चुनाव आयोग मौन है। लेकिन हमलोग अब चुप नहीं रहेंगे।

हमने सभी झारखण्डियों से निवेदन किया है कि वे कल जमकर वोट करें और जो लोग झारखण्डी अस्मिता पर चोट कर रहे हैं, उनके खिलाफ एकजुट हो जाये। उन्होंने कहा कि इसी बात को लेकर झामुमो ने नया नारा गढ़ा है। वो नारा है – विकसित झारखण्ड गढ़ने की परिकल्पना है और हेमन्त के साथ खड़ी मईयां शक्ति कल्पना हैं।

सुप्रियो ने कहा कि भाजपा का आफिसियल ट्विटर हो या फेसबुक पेज, जिस प्रकार से इस पर ऑडियो-वीडियो चल रहे हैं। वो साफ साइलेंट पीरियड का उल्लंघन है। इस बात को लेकर उन्होंने आज एक चिट्ठी भी भारत निर्वाचन आयोग को भेजी है और कहा है कि ऐसे लोगों पर आईटी एक्ट तथा मॉडल कोड ऑफ कन्डक्ट का जो एक्ट हैं, उसके तहत आपराधिक मुकदमा चलाया जाये। क्योंकि जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग असम और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किया हैं। जिस घृणा के बीज इन्होंने बोये हैं। वो बहुत ही गंभीर है।

सुप्रियो ने संवाददाता सम्मेलन में एक जाति विशेष का पक्ष लेकर एक संवाददाता द्वारा पूछे जा रहे सवाल की भी कड़ी भर्त्सना की तथा उस पत्रकार को झाड़ भी लगाई। सुप्रियो ने साफ कह दिया कि जिसके कहने पर वो सवाल कर रहा हैं, वो सवाल एक पत्रकार को शोभा नहीं देता, फिर भी वो पत्रकार अपमानित होने के बावजूद, उस संवाददाता सम्मेलन में अपने स्वभावानुसार दांत निपोड़ने में ही लगा था। उक्त पत्रकार धनवार से चुनाव लड़ रहे राज कुमार यादव का समर्थक बताया जाता है।

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