राजनीति

सुप्रियो ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मतदाताओं को सीधे प्रलोभन दिया जा रहा, लेकिन चुनाव आयोग मौन है, संज्ञान नहीं ले रहा, पूरे देश में पहली बार डर और आतंक का माहौल

झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जो सुप्रीम कोर्ट का इलेक्टरोल बॉन्ड पर जो ऐतिहासिक फैसला आया और जिस प्रकार से ईडी की छापेमारी विपक्ष के नेताओं के खिलाफ शुरु हुई और उन्हें जेल के अंदर किया गया। इससे साफ पता चलता है कि भाजपा को चुनाव में हार का डर है। अब तो स्थिति ऐसी हो गई है कि इधर विपक्ष अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा करता है और उधर ईडी उसके दरवाजे पर दस्तक दे देती है। मामला महाराष्ट्र का है।

अब तो स्थिति यह भी हो गई है कि कही हमलोग अपने प्रत्याशी के नामों की घोषणा करें और कल ईडी फिर से उनके दरवाजे पर न पहुंच जाये। शायद यही कारण है कि अब कई लोग चुनाव लड़ने से कतरा रहे हैं कि कौन इस झमेले में पड़ने जाये। कई लोग ऐसे भी है कि चुनाव इस लिए लड़ रहे हैं कि ईडी का लाभ मिल जाये। मतलब दोनों बाते हैं।

सुप्रियो ने कहा कि अभी -अभी पीएम मोदी का बयान आया है कि बंगाल में ईडी ने जो तीन हजार करोड़ रुपये पकड़े हैं। वो बंगाल के लोगों में बांट दिये जाये। अब सवाल उठता है कि ईडी जो पैसे पकड़ती हैं, वो भाजपा के खाते में जाते हैं क्या? पीएम मोदी के बयान से तो ऐसा ही लगता है, और अगर बंगाल में ईडी के द्वारा पकड़े गये पैसे बंगाल के लोगों में बांट दिये जाये तो स्विस बैंक में पड़े पैसे जो उन्होंने पन्द्रह-पन्द्रह लाख बांटने को कहें थे, वो कहां गये?

सुप्रियो ने कहा कि यह तो सीधा-सीधा मतदाताओं को प्रलोभन दिया जा रहा है और चुनाव आयोग मौन है। चुनाव आयोग इसका संज्ञान नहीं ले रहा। अजीब सा देश में माहौल बना दिया गया है। अब तक देश में 17 लोकसभा के चुनाव हो गये। इतना डर और आतंक कभी नहीं रहा। लोगों में चुनाव के दौरान उत्साह और उल्लास होने चाहिए। लेकिन उसकी जगह आशंकाओं ने जन्म ले लिया है, क्योंकि ये चुनाव लोकतंत्र या लोकशाही में नहीं बल्कि फांसीवाद व डिक्टेटरशिप को स्थापित करने के लिए हो रहा।

सुप्रियो ने कहा कि अब तो भाजपा के लोग उनसे गुहार लगा रहे है और कह रहे है कि हम उनकी बातें करें। भाजपा के लोग बाहर से उम्मीदवार बुलाकर टिकट दे रहे हैं। उनका कहना है कि कम से कम 20 प्रतिशत आरक्षण होना चाहिए सीटों के बंटवारे में। आप देखिये भाजपा के 13 उम्मीदवारों में रिजर्व सीट को छोड़कर सात सीटों पर बाहरी उम्मीदवार खड़े हैं। जहां प्रदेश अध्यक्ष बाहरी, मुख्य सचेतक बाहरी, संगठन मंत्री तो आरएसएस का ही हैं तो उसकी बात क्या करनी, ये तो हाल है भाजपा का।

सुप्रियो ने कहा कि अब तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परक्कल प्रभाकरण ने भी कह दिया कि इलेक्टरोल बॉन्ड विश्व का सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कथित शराब घोटाले में जो सरकारी गवाह बना है। वो पहला इलेक्टरोल बॉन्ड खरीदकर टीडीपी को देता है, जो भाजपा का समर्थक है। दूसरा बॉन्ड खरीदकर बीआरएस को देता है। जब शराब कांड रचा जाता है तो आम आदमी पार्टी को समाप्त करने के लिए भाजपा को वो 55 करोड़ रुपये देता है।

झारखण्ड में भी फर्जीवाड़े ढंग से जमीन घोटाले को जन्म दिया जाता है। जमीन किसी और की और जमीन हेमन्त सोरेन का दिखा दिया जाता है। जहां मनी का न तो ट्रेलिंग हुआ और न ही लॉन्ड्रिंग। हमें समझ नहीं आता कि वहां पीएमएलए कहां से आ जाता है और जहां 55 करोड़ की सीधी ट्रेडिंग हुई, वो भी शरत चंद्र रेड्डी द्वारा, भाजपा उसे भुना भी लेती है। लेकिन वहां पीएमएलए नहीं होता। हद हो गई पूरे देश के एयरक्राफ्ट मशीनरी के 55 प्रतिशत पर भाजपा ने कब्जा कर लिया, ठीक उसी प्रकार जैसे इलेक्टरोल बॉन्ड पर किया। ऐसे में समतल भूमि ही नहीं चुनाव लड़ने को तो फिर ऐसे चुनाव से किसे फायदा होने जा रहा।