राजनीति

सुप्रियो का आरोप भाजपा एवं ईडी के गठजोड़ की कलई खुलने के डर से बाबूलाल ने नई कहानी गढ़ी, कहा चलते सत्र के दौरान उन्होंने यही बात सदन में क्यों नहीं रखी

झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि झारखण्ड विधान सभा का विशेष सत्र के सत्रावसान के बाद झारखण्ड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मराण्डी ने अपने कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के गिरफ्तारी के लिए एवं एक लोकप्रिय सरकार को अपदस्थ करने के लिए रची गई साजिश, जिसे केन्द्रीय जाँच एजेन्सी ईडी के द्वारा रूपान्तरित किया गया, उसे अपने वक्तव्यों के माध्यम से सार्वजनिक किया हैं।

अपने प्रेस विज्ञप्ति में सुप्रियो ने कहा है कि चम्पाई सोरेन के नेतृत्व में बनी राज्य की नई सरकार के विश्वास मत में चर्चा करते हुए जब हम सब के नेता हेमन्त सोरेन ने यह स्पष्ट किया कि उनकी गिरफ्तारी साजिशन की गई है एवं आधार विहीन है, उनके स्पष्ट वक्तव्य ने भाजपा एवं ईडी के गठजोड़ की कलई खुलने के डर से आज एक नई कहानी गढ़ी, पात्र चुने गए, तिथियाँ चुनी गई।

आखिर जब सत्र चल रहा था और सदन में माननीय सदस्य के रूप में बाबूलाल जी उपस्थित थे, तो यह बात उन्होंने सदन में क्यों नहीं की। क्या वो भूल गए कि कल जब हेमन्त सोरेन ने भाजपा को ललकारते हुए कहा था कि कथित साढ़े आठ एकड़ की जमीन का दस्तावेज सदन में पटक कर दिखाओ तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा, तब उनको क्या डर सता रहा था कि रात भर जग कर ईडी के अधिकारियों के साथ बैठ कर इस तरह की कहानी गढ़ी।

सुप्रियो का कहना है कि राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान नेता, प्रतिपक्ष ने उन्हें बोलने का मौका तक नहीं दिया, क्योकि वो जानते थे कि बाबूलाल सदन में असत्य बोलेंगे एवं उनके वक्तव्य पर कार्रवाई भी हो सकती थी, इसलिए उन्हें बोलने का मौका तक नहीं दिया। क्योंकि नेता प्रतिपक्ष को मालूम है कि बाबूलाल के नेतृत्व में निर्वाचित हो कर आने के बाद उनके राजनैतिक फरेब, असत्य एवं भयादोहन कर लाभ लेने का चरित्र है, जिसे छः माह में ही झारखण्ड विकास मोर्चा को छोड़ कर भाजपा का दामन थामकर उन्होंने दिखा दिया। भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व को यह आभास तब हुआ जब उन्हें झारखण्ड प्रदेश का अध्यक्ष बनाया गया। तत्पश्चात अपने इस भूल को सुधारने के लिए उनके द्वारा दीक्षित अमर कुमार बाउरी को नेता प्रतिपक्ष बनाया, ताकि झूठ का काट बड़ा झूठ से किया जा सके।

सुप्रियो ने प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि आज भारतीय जनता पार्टी ने अपने पक्ष में दिये गए समय का उपयोग करते हुए अपने सबसे वरिष्ठ आदिवासी विधायक नीलकण्ठ मुण्डा को बोलने के लिए अधिकृत किया तो वो अपने आत्मग्लानि से अपना वक्तव्य नहीं दिये, क्योंकि उन्होंने पश्चाताप करने के लिए आदिवासी जनमानस के विरूद्ध नहीं जाने का निर्णय लिया।

भारतीय जनता पार्टी के एक प्रखर प्रवक्ता भानु प्रताप साही ने अपने वक्तव्य के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन इसलिए मुख्यमंत्री बन पाए क्यों कि 22 जनवरी को आदरणीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी भगवान राम को लाए हैं और तब से राम राज्य की प्रतिष्ठा हुई है। भानु ने यह भी कहा कि वो भगवान राम को बधाई देते हैं एवं शुभकामना व्यक्त करते हैं। साम्प्रदायिक फूहड़ता वाले माननीय विधायक को माननीय राज्यपाल के अभिभाषण पर पाकिस्तान भी याद आया।

बाबूलाल जी इतना ही बेखबर हैं कि जब विश्वास मत के दौरान कल आजसू के द्वारा सीजीएल प्रश्न-पत्र लिक का मामला उठाया गया, उसी वक्त सदन में मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि वो इसे गम्भीरता से लेते हैं एवं इस पर त्वरित जाँच करेंगे तथा सदन समाप्ति के पश्चात उन्होंने एसआईटी का गठन करने का आदेश पारित किया।

बाबूलाल भूल गए थे कि उनके कार्यकाल में प्रथम और द्वितीय जेपीएससी चयन प्रक्रिया में किस प्रकार का भ्रष्टाचार हुआ एवं उनके निकटतम तत्कालीन जेपीएससी अध्यक्ष सहित सदस्यों को जेल जाना पड़ा। जिस पर अभी तक कोर्ट में मामला चल रहा है। बाबूलाल एक मुश्त यह भी बताएं कि अपने सहयोगी साथी गोड्डा सांसद निशिकान्त दूबे के साथ मिल कर देश के कितने आदिवासी-मूलवासी- दलित-अल्पसंख्यक आवाज की हत्या करना चाहते हैं।