हेमन्त द्वारा खदान को सरेन्डर कर दिये जाने से उनका जुर्म खत्म नहीं हो जाता, राज्यपाल CM हेमन्त को बर्खास्त करे- बाबू लाल
भाजपा विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार खनिज संपदाओं को लूटने और लुटाने में लगी है। हेमंत सरकार के 28 महीने के शासन में जनता त्रस्त हो चुकी है। पूरे प्रदेश में विकास कार्य ठप पड़े हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी की स्थिति भयावह है। बाबूलाल मरांडी रविवार को जमशेदपुर परिसदन में प्रेस-वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार गठन के 28 महीने बाद भी हेमंत सरकार की कोई उपलब्धि नहीं है। प्रदेश में कानून व्यवस्था रसातल में है और अपराधिक घटनाओं का ग्राफ प्रतिदिन बढ़ रहा है। प्रतिदिन चोरी, लूटपाट, डकैती और छिनतई की घटनाओं से जनता भयाक्रांत है। राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे सरकार ने सरकारी कर्मचारी और पदाधिकारी को अवैध वसूली में लगा दिया है।
बाबूलाल मरांडी ने लोगों के पुलिस कस्टडी में हो रहे मौत पर भी चिंता जताते हुए कहा कि साहेबगंज, कोडरमा समेत दर्जनों स्थानों पर पुलिस की पिटाई से लोगों की मौत हो रही है। सरकार राज्य की प्राकृतिक खनिज संपदाओं को लूटने और लुटाने में मस्त है। पूरे राज्य में बालू के अवैध खनन जोरों पर है। अवैध वसूली कर बड़े-बड़े ट्रकों से बालू राज्य के बाहर भेजे जा रहे हैं तो गृह-निर्माण के लिए बालू लदे ट्रैक्टर और बैलगाड़ी को पकड़ा जा रहा है।
श्री मरांडी ने कहा कि पूर्व की रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा में सरकार में जहां उग्रवादी और अपराधियों पर अंकुश लगा था वे सभी हेमंत सरकार में फिर से सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने हेमंत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में आने के बाद हेमंत सरकार ने युवा, महिला, किसान, मजदूर सभी को निराश किया है। उनके बड़े वादे चुनावी मंच और होर्डिंग्स में सिमट कर रह गए।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वसूली की हद तो तब हो गयी जब राज्य के मुख्यमंत्री भी इसमें पीछे नही रहे। सीएम ने अपने नाम से खनन पट्टा ले लिया। हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री और वन एवं पर्यावरण विभाग के विभागीय मंत्री भी हैं। ऐसे में उन्होंने खुद ही पर्यावरण क्लीयरेंस के आवेदन दिया और क्लीयरेंस लेकर खुद ही खनन पट्टा हासिल कर लिया। ऐसा करना पद का दुरुपयोग और जनप्रतिनिधि कानून का उल्लंघन और अपराध है। उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने ही नाम पर पत्थर खदान का पट्टा लिया। इसके साथ ही अपने प्रेस- सलाहकार, अपने प्रतिनिधि के नाम पर भी खनिज पट्टा दे दिया।
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर इस संबंध में ध्यान आकृष्ट कराते हुए मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा चीफ सेक्रेटरी को तलब किये जाने पर चीफ सेक्रेटरी ने जवाब दिया कि खान विभाग के अनुसार मुख्यमंत्री ने खदान को सरेंडर कर दिया है। उनके इस जवाब से मुख्यमंत्री का जुर्म कम नही होता है। उन्हाेंने कहा कि चोर की चोरी पकड़ाने पर चोरी किये गए समान वापस कर देने से उसका जुर्म खत्म नही हो जाता है। इस मामले को भाजपा सदन से सड़क तक उठाएगी।
पंचायत चुनाव के कारण आचार संहिता लगने से ग्रामीण क्षेत्रों में अभी यह आंदोलन नही चलेगा परंतु शहरी क्षेत्र में आंदोलन जारी रहेगा। जब तक इस निरंकुश और भ्रष्टाचारी सरकार को उखाड़ कर नही फेकेंगे तबतक चैन से नही बैठेंगे। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन में जरा भी नैतिकता बची है तो उन्हें अविलंब अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सरकार जितने दिन झारखंड में रहेगी राज्य का और राज्य की जनता का उतना अधिक नुकसान करेगी। ऐसी अकर्मण्य सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नही है।