अपनी बात

लीजिये, अब सिर्फ यही बचा था, वो भी हो गया – CM हेमन्त के शासनकाल में अब “जंगल राज” के मजे लीजिये

सही कह रहा हूं, अगर आप ने एकीकृत बिहार में लालू प्रसाद एंड फैमिली के शासनकाल में जंगल राज का रसास्वादन नहीं किया हैं, तो जल्द झारखण्ड पधारिये, यहां जंगल राज का आगमन हो चुका हैं, जमकर इसका रसास्वादन कीजिये और मजे लीजिये, आपको इसके लिए किसी सिनेमा हॉल या मल्टीप्लेक्स का रुख नहीं करना पड़ेगा, बल्कि सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ने मिलकर जंगल राज का आपको पूरा फिल्म दिखाने का फैसला धनबाद में कर लिया है।

सुनने में आया है कि जंगल राज के खिलाफ कल भाजपावालों ने धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर एकदिवसीय धरना देने का प्लान भी बनाया है, जिसमें राज्य के भाजपा विधायक दल के नेता बाबू लाल मरांडी भी शामिल होंगे, ये वे भाजपा के लोग हैं, जिसके बाघमारा विधायक ढुलू महतो साक्षात अपने कुकृत्यों से कई परिवारों को जीना हराम कर दिया हैं।

एक तो स्वयं कुंती देवी हैं, जो अपने परिवार के साथ धनबाद के रणधीरवर्मा चौक पर भाजपा विधायक ढुलू की गुंडागर्दी के खिलाफ आंदोलनरत हैं, पर भाजपा के राज्य व देशस्तरीय नेताओं को अपने ही विधायक ढुलू के गुंडागर्दी पर बकार तक नहीं निकलता, पर सरकार के खिलाफ बोलना हो तो लंबे-लंबे भाषण इनसे सुन लीजिये।

इधर धनबाद में ही एक डाक्टर समीर ने अपनी पत्नी डा. निकिता के साथ रंगदारियों की धमकियों से परेशान होकर धनबाद छोड़ दिया हैं और कह दिया कि अब उन्हें धनबाद नहीं लौटना है। एक संभ्रांत डाक्टर के अचानक धनबाद छोड़ देने से पूरा धनबाद भयभीत है, लोग डरे हुए हैं कि आगे क्या होगा? लोगों का कहना है कि डा. समीर के बाद अन्य डाक्टरों ने अगर यही राह पकड़ ली तो उनका क्या होगा?

ज्ञातव्य है कि भुक्तभोगी डाक्टर ने कई बार पुलिस से गुहार लगाई पर झारखण्ड की पुलिस को तो आप जानते ही हैं, उन्हें कान में तेल डालकर सोने से फुरसत कहां हैं और अगर पुलिस धनबाद की हैं, तो उसका काम जनसेवा थोड़े ही हैं, उसकी प्राथमिकता कोयला व्यवसाय में लगे बड़े-बड़े तस्करों की सेवा करना, अवैध खनन करवाना, अवैध खनन में जो भी रोड़े आ रहे हैं, उन्हें हटाना तथा कमीशन प्राप्त कर, अपने सपनों का महल बनाना, अपने बेटे-बेटियों को देश-विदेश में पढ़ाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करवाना हैं, जिसमें वे तन-मन से लगे रहते हैं।

तभी तो पूरे धनबाद में जब से हेमन्त सरकार आई है, तब से अवैध उत्खनन में लगे नेताओं-तस्करों व पुलिस के पौ-बारह है। ऐसी व्यवस्था तो आज तक कभी देखी ही नहीं गई। कई अखबारों ने अवैध खनन के फोटो छापे, पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी को क्या फर्क पड़ता हैं, जब आदेश ही उपर से हैं। हाल ही में कुछ दिन पहले, लोग बताते है कि झरिया के उपर कुल्ही इलाके में एक टायर व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी गई, क्या हुआ कोई अपराधी पकड़ा गया, अरे भाई अपराधी को जब तक पुलिसवाले पकड़ने में दिमाग लगायेंगे, तब तक वे अवैध उत्खनन में लगे नेता-तस्करों की सेवा कर कई किलो मेवे की व्यवस्था कर लेंगे।

राजनीतिक पंडित तो साफ कहते है कि जब से हेमन्त सरकार आई है, और पुलिस महानिदेशक के पद पर नीरज सिन्हा ने कब्जा जमाया, तब से लेकर पूरे राज्य की स्थिति ही गड्मग्ड हो गई। कितने दुर्भाग्य की बात है कि यहां तो जज उत्तम आनन्द की हत्या तक हो गई, वो भी मार्निंग वॉक के दौरान। क्या ये शर्म की बात नहीं। अरे जहां जज की हत्या हो जाय, जहां डाक्टर घर छोड़ने पर विवश ही नहीं, बल्कि घर छोड़कर चला जाये, जहां व्यवसायी को गोली मारने की घटना आम बात हो।

जहां एक महिला को अपनी आजीविका के लिए महीनों संघर्ष करना पड़े और प्रशासन तथा पुलिस के अधिकारी उसे न्याय दिलाने के बजाय भाजपा विधायक ढुलू की स्तुति गाये तो ये तो साफ बताता है न कि यहां जंगल राज हैं। इसलिए देर मत कीजिये, अगर आपको क्राइम में दिलचस्पी हैं, रोंगटे खड़े करने वाले सीन देखने हैं, तो झारखण्ड के धनबाद में आपका स्वागत हैं, धनबाद भारत के हर प्रमुख स्थानों से रेलमार्ग सें जुड़ा हैं तो आइये जंगल राज के मजे लीजिये और अगर आप धनबाद में रहते हैं तो किसी नेता, पुलिस या कोयला तस्करों से मुंह मत लगाइये, नहीं तो लेने के देने पड़ जायेंगे। ठीक है न।