अपनी बात

तेजस्वी ने जो कल मीडिया के लिए गुंडा शब्द का प्रयोग किया, वह गलत नहीं था…

एक तरह से देखा जाय तो कल बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के सुरक्षाकर्मियों ने जो पत्रकारों के साथ किया, वह एक तरह से ठीक ही किया और जो तेजस्वी प्रसाद यादव ने पत्रकारों के लिए गुंडे शब्द का प्रयोग किया, वह भी सहीं था। यह मैं इसलिए कह रहा हूं कि जिस चैनल के कैमरामैन की सुरक्षाकर्मियों द्वारा पिटाई हुई, उस चैनल के उच्चाधिकारियों का कहना है कि ऐसा तो होते ही रहता है, ये कौन सी बड़ी बात है? चूंकि अभी तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ माहौल है, इसलिए ऐसा हुआ। दरअसल जदयू विधायक का चैनल है – कशिश न्यूज। जहां नीतीश कुमार का खूब ब्रांडिंग किया जाता है और समय-समय पर राजद की भी आरती उतारी जाती है, तथा मौका देख स्वयं को न्यूट्रल दिखाने के लिए कभी-कभी इनका क्लास भी ले लिया जाता है।

कशिश न्यूज चैनल के कैमरामैन की सुरक्षाकर्मियों ने की पिटाई

इसी बीच कल घटना ये घटी की कैबिनेट मीटिंग के बाद जैसे ही बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव सचिवालय से निकले, उनकी बाइट लेने के लिए कई चैनलों के कैमरामैनों व पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया और लगे सवालों का बौछार करने, तभी कैमरामैनों के गलत रवैये को देख, सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तेजस्वी प्रसाद से दूर रहने का सलाह दिया, इसी बीच कहा-सुनी हुई और जब सुरक्षाकर्मियों की बात कैमरामैन ने नहीं मानी, तो सुरक्षाकर्मियों ने गुस्से में आकर कशिश न्यूज चैनल के कैमरामैन की कुटाई कर दी। जब कशिश न्यूज चैनल के कैमरामैन की कुटाई हो रही थी, उसी वक्त कई राष्ट्रीय चैनलों के कैमरामैन-पत्रकार इस दृश्य को अपने कैमरा में उतार रहे थे और मुस्कुरा रहे थे।

राष्ट्रीय चैनल इस घटना पर चिल्लम-पो कर रहे थे, और जिन्हें चिल्लाना था, वे चुप थे…

इधर यह घटना घटी, उधर कई राष्ट्रीय चैनलों ने इस समाचार को प्रमुखता से अपने चैनल पर जगह दे दी, खूब तेजस्वी प्रसाद और उनके सुरक्षाकर्मियों की आलोचना करने में लग गये, पर जिस चैनल के कैमरामैन की ठुकाई हुई, उस कशिश न्यूज चैनल ने इस समाचार को दिखाने में उतनी रुचि नही दिखाई। कुल मिलाकर कहा जाये तो उसने इस समाचार को सिर्फ छूने की कोशिश की। उसे डर था कि अगर इस मुद्दे को ज्यादा तूल दिया तो कहीं लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार से चैनल के मालिक का संबंध खराब न हो जाये। कल की घटना, कुल मिलाकर राजद और जदयू के बीच नूरा-कुश्ती थी। चैनल भी एक तरह से राजद और जदयू को ही समर्पित है, इसलिए इस पर ज्यादा दिमाग लगाना भी मूर्खता है। यहां काम कर रहे कई पत्रकारों का फेसबुक खंगालेंगे तो उनकी लालू और नीतीश भक्ति का पता साफ लग जाता है।
अतः जो लोग इस घटना को पत्रकार या कैमरामैन से हुए दुर्व्यवहार से जोड़ रहे है, वे महामूर्ख है, ऐसा सोचे भी नहीं और जो लोग यह कह रहे है कि फलां व्यक्ति इस वीडियों में उक्त कैमरामैन को बचा रहा था, दरअसल क्या वह इतना भी नहीं करेगा, अपने कैमरामैन की ठुकाई देखता रहेगा, अरे वह तो थोड़ा अपनी इज्जत बचाने का प्रयास कर रहा था, और जब थोड़ा हाथ भांजने में या चेहरा मुरझा लेने से काम बन जाता है, तो क्या जाता है, इससे यह हुआ कि नेता भी खुश, चैनल का मालिक भी खुश और जो ठुकाया वह भी खुश। ये है पत्रकार और ये है पत्रकारिता…

One thought on “तेजस्वी ने जो कल मीडिया के लिए गुंडा शब्द का प्रयोग किया, वह गलत नहीं था…

  • VED PRAKASH

    गुंडों को संरक्षण देने वाले लोगों से और क्या उम्मीद की जा सकती है। तेजस्वी युवा है, अगर अभी भी आरजेडी की कार्यशैली और उसमें पल रहे गुंडों से दूरी नहीं बनायी, तो आरजेडी की छवि जस का तस रहेगा।

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