अभिनन्दन करिये, माननीया राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का…
सचमुच झारखण्ड की जनता भाग्यशाली सिद्ध हो रही हैं, क्योंकि झारखण्ड को राज्यपाल के रुप में श्रीमती द्रौपदी मुर्मू मिली है। जो बड़े ही साहस के साथ सत्य को सत्य कह रही है। याद करिये कुछ महीने पहले उन्होंने सीएनटी/एसपीटी विधेयक पर हस्ताक्षर करने से इनकार करते हुए, उसे पुनर्विचार के लिए राज्य सरकार को वापस भेज दिया था। आज स्थिति यह है कि इस सीएनटी/एसपीटी मुद्दे पर सरकार स्वतः बैकफुट पर आ रही है, वो सरकार, जो यहां की जनता को यह कहकर ललकार रही थी कि “रघुकुल रीति सदा चलि आई”। उस सरकार का जनता को ललकार और फूंफकार दोनों बंद हैं। आज जनता की बात जिसे यहां की सरकार को करना चाहिए, आज जनता की बात राजभवन से मुखर हो रही है।
आज एक बार फिर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने जनहित में अपनी मन की बात कह दी, जिसे राज्य के सभी अखबारों ने प्रमुखता से उठाया है। वह है – राज्य में शराबबंदी। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राज्य में पूर्णरुपेण शराबबंदी की वकालत की है। उन्होंने कल जमशेदपुर में कहा कि राज्य में शराबबंदी होना चाहिए, लेकिन यह निर्णय सरकार को लेना है, शराब का प्रतिकूल असर झारखण्ड के जनजीवन पर पड़ रहा है।
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मूं के अनुसार झारखण्ड में बहुत से आदिवासी शराब के आदी है, इसके सेवन से उनके जनजीवन पर बुरा असर पड़ता है, इसलिए शराब पर रोक लगा देनी चाहिए। राज्यपाल ने साफ कहा कि उनकी सोच है, कि जनहित में शराबबंदी करने से अच्छा रहेगा, चूंकि निर्णय सरकार का है, इस कारण उन्हें ही इस पर निर्णय लेना होगा। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने अपनी दिल की बात कल जमशेदपुर में कह दी, क्या मुख्यमंत्री रघुवर दास के कानों तक यह बात पहुंचेगी, या कनफूंकवे यहां पर भी कमाल दिखायेंगे। कितने दुर्भाग्य की बात है कि एक ओर पड़ोसी बिहार ने शराबबंदी कर रखी है और दूसरी ओर झारखण्ड में सरकार ही खुद शराब बेच रही हैं, ऐसे में राज्य का सम्मान भी दूसरे राज्यों में प्रभावित हो रहा है, सो अलग…