अपनी बात

आभार उस IAS को जिसके मन में राष्ट्रीय ध्वज व राष्ट्र गान को सम्मान दिलाने के लिए इतना सुंदर विचार आया, मीडियाकर्मियों को दे डाला निदेश

दिल से आभार, उस प्रशासनिक अधिकारी को जिसके मन में यह सुंदर विचार आया। जिसके कहने पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के निदेशक ने त्रिसूत्रीय निर्देश जारी किये और इसका पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी मीडियाकर्मियों(अखबारों/चैनलों/पोर्टलों के संपादकों) को अपने स्तर से निदेशित करने का अनुरोध कर डाला।

दरअसल आम तौर पर देखा गया है कि जहां भी राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और अगर वहां कोई कैमरामैन या कोई भी मीडियाकर्मी फोटो कवरेज हेतु मौजूद रहता है, वह अपने काम को बेहतर ढंग से करने के क्रम में राष्ट्रीय ध्वज व राष्ट्रगान का अपमान करने से भी नहीं चूकता, राष्ट्रीय गान के समय वह उछल-कूद मचाते हुए फोटो लेने में मग्न होता है, जिससे राष्ट्र के प्रति समर्पित होनेवाले व्यक्तियों के मन को ठेस पहुंचती हैं, पर वे कुछ कर नहीं पाते।

चूंकि इस बार का राष्ट्रीय ध्वजोत्तोलन कोई सामान्य नहीं हैं। हम अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष में हैं। अमृत महोत्सव काल में हैं, इसलिए हम मीडियाकर्मियों की भी कोशिश होनी चाहिए कि हम इस स्वतंत्रता दिवस को विशेष रुप से मनायें और जो सूचनाएं सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग से प्रसारित की गई हैं, उस पर अमल करें। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी त्रिस्तरीय निदेश इस प्रकार है।

  1. राष्ट्रगान एवं राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना हम सभी नागरिकों का कर्तव्य है। समारोह का कवरेज करनेवाले मीडियाकर्मियों विशेषकर प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के कैमरामैन/छायाकार से यह अपेक्षा की जाती है कि राष्ट्रगान के समय एक ही स्थान पर सीधा खड़ा होकर राष्ट्रगान का सम्मान किया जाये। अक्सर देखा जाता है कि राष्ट्रगान के समय कुछ कैमरामैन एवं छायाकार अपने कर्तव्य के निर्वहन हेतु इधर-उधर होते रहते हैं जो काफी अशोभनीय दिख पड़ता है।
  2. राजकीय समारोह में भाग लेनेवाले मीडियाकर्मियों से यह अपेक्षा की जाती है कि स्वच्छ एवं फॉर्मल ड्रेस पहनकर समारोह में भाग लें।
  3. राजकीय समारोह स्थल पर मीडिया के सुविधा के लिए मीडिया गैलरी अथवा स्थल चिह्नित करते हुए सुविधाजनक पोडियम का निर्माण कराया जाता है। मीडियाकर्मियों से अपेक्षा की जाती है कि निर्धारित स्थल के दायरे में रहते हुए समारोह का कवरेज किया जाय, किन्तु कुछ कैमरामैन परेड के दौरान अपने दायरा से बाहर जाकर इधर-उधर दौड़ते हुए समारोह का कवरेज करते हुए देखे जाते हैं। यह स्थिति काफी अशोभनीय तथा राजकीय समारोह के अनुकूल नहीं दिख पड़ता है।