चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए ABVP को, जो प्रोफेसरों से अपना पैर छुलवाए
चुल्लू भर पानी में डूब मरो ABVP के लोगों, प्रोफेसर को अपमानित करते हो, उन्हें अपने पैरों पर झुकवाते हो, पूरे देश में आतंक मचा कर रख दिया है तुमलोगों ने, दहशत फैला दिया है, अब कोई आपको समझा भी नहीं सकता, कोई बोल भी नहीं सकता, अगर कोई आपको समझाने की कोशिश करेगा, तो तुम उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा करोगे, उस बेचारे की नींद उड़ा दोगे, यहीं संस्कार तुम्हारे माता-पिता ने तुम्हें दिया है, यहीं संस्कार तुम्हे आज के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े लोग तुम्हें प्रदान कर रहे हैं, अगर ऐसा है तो हमें नफरत हैं ऐसे लोगों से, जो देश को नरक बनाने पर तूले हैं।
घटना है मध्यप्रदेश के मंदसौर शहर की जहां एक कॉलेज में ऐसी घटना घटी है, जो किसी भी इन्सान के लिए शर्मनाक है। मंदसौर के ही एक कॉलेज में एबीवीपी के नेताओं ने कॉलेज में घुसकर नारेबाजी की और जब प्रोफेसर ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की तो उसे देशद्रोही करार दे दिया, साथ ही ऐसा धमका दिया कि बेचारा प्रोफेसर उन एबीवीपी के नेताओं के आगे पांव छू-छूकर माफी मांगना प्रारम्भ कर दिया, यहीं नहीं इन एबीवीपी के नेताओं ने उक्त प्रोफेसर से नारे भी लगवाये।
हम आपको बता दे की एबीवीपी, जिसे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी कहा जाता है, यह देश में विद्यार्थियों का बहुत बड़ा संगठन है, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक आनुषांगिक संगठन है। बताया जाता है कि मंदसौर के पी जी कॉलेज में क्लास चल रही थी, उसी दरम्यान एबीवीपी के छात्रों का समूह किसी ज्ञापन को लेकर कॉलेज कैंपस में आये और नारेबाजी शुरु कर दी, इन्हें नारेबाजी करता देख तथा क्लास डिस्टर्ब होता देख, प्रोफेसर ने इन्हें रोकने की कोशिश की, तब एबीवीपी के छात्रों ने प्रोफेसर को ऐसा धमकाया कि बेचारा प्रोफेसर उन सभी एबीवीपी के छात्रों का पांव छू-छूकर माफी मांगने लगा। एबीवीपी ने प्रोफेसर को कहा कि वह उनपर देशद्रोही का मुकदमा ठोकेगा और उन्हें जेल भिजवा देगा।
इधर कॉलेज के प्राचार्य ने भी छात्रों को समझाने की कोशिश की, पर ये कहा माननेवाले थे, बेचारे प्राचार्य ने भी छात्रों के सुर में सुर लगाकर नारे लगाये, उसके बाद भी एबीवीपी के छात्रो का गुस्सा कम नहीं हुआ, फिर क्या था, बेचारे प्रोफेसर दिनेश गुप्ता बार-बार पैर छूकर माफी मांगी।
यहीं नहीं इतनी बड़ी घटना घटने के बाद भी एबीवीपी के छात्रों का समूह इस घटना के लिए उक्त प्रोफेसर को ही दोषी ठहराया, और उक्त प्रोफेसर का माइन्ड डिस्टर्ब होना बता दिया, इधर इस घटना के बाद उक्त प्रोफेसर सदमें में है, जबकि इस घटना की पूरे प्रदेश में कड़ी निन्दा हो रही है।