जिस BJP के बड़े नेता, जहां की सरकार, जहां के IAS, IPS, हर-हर ढुलू, घर-घर ढुलू का मंत्र जाप करते हो, वहां एक गरीब कुंती को न्याय क्या खाक मिलेगा
ये धनबाद का बाघमारा है। यहां किसी सरकार या पुलिस प्रशासन या प्रशासनिक अधिकारी की नहीं चलती, यहां के तो सरकार एक ही हैं, जिनका नाम है – ढुलू महतो। वो जो कहेंगे, वहीं कानून हैं, वहीं सर्वमान्य है, बाकी जो भी आदेश, यहां कचरे के ढेर ही माने जायेंगे। आखिर मैंने ऐसा क्यों लिखा, उसका मूल कारण है कि धनबाद के अनुमंडल दंडाधिकारी ने एक आदेश निकाला है, यह आदेश 28 मार्च 2022 को जारी हुआ है।
जिस आदेश में उक्त अनुमंडल दंडाधिकारी ने कुंती देवी को अपना दुकान चलाने की अनुमति दी है, साथ ही उसके दुकान पर आनेवाले लोगों पर भी निषेधाज्ञा को प्रभावहीन करार दिया हैं, क्योंकि अनुमंडल दंडाधिकारी को जो जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ हैं, उस जांच प्रतिवेदन में जांच कर रहे अधिकारी ने स्वीकार किया है कि कुंती देवी का जीविकोपार्जन का एक मात्र साधन उसका दुकान हैं, जिस दुकान के आगे ढुलू महतो ने अपना टैंकर पिछले कई महीनों से लगा रखा हैं, जिसके कारण कुंती देवी की दुकान नहीं लग रही हैं, इधर जैसे ही 28 मार्च 2022 को इस प्रकार का आदेश निकला, कुंती के दुकान के आगे टैंकर तो पहले से लगा था, अब ईंट भी वहां गिरा दिया गया।
अब कुंती क्या करें? स्पष्ट है कि भाजपा विधायक ढुलू महतो के इस घटियास्तर के कुकर्म से उसका जीना दूभर हो गया हैं, ढुलू क्या चाहता हैं, वो सभी जानते हैं, पर एक बात तो कुंती की माननी ही होगी कि वो ऐसे व्यक्ति से संघर्ष कर रही हैं, जिसके आगे सारी सरकार, सारा पुलिस प्रशासन, सारा प्रशासनिक अधिकारी, भाजपा व झामुमो के सारे छोटे-बड़े नेता अपना सर झूकाते हैं।
कुंती कहती है कि जब सत्ता परिवर्तन हुआ था, तो उसे लगा था कि अब गरीबों की हितैषी सरकार आई हैं, पर ये क्या यहां तो कुछ बदलाव ही नहीं दिख रहा, उलटे हमलोगों की आजीविका पर ही आफत आ गई, क्या करें कोई रास्ता नहीं सूझ रहा। आश्चर्य है कि भाजपा के बड़े-छोटे नेता अपने प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के आदेश पर उन सारे जगहों पर जाकर हो रहे अत्याचारों का जायजा लेने जाते हैं, जहां से उनको राजनीतिक माइलेज मिलनेवाला होता हैं, पर उन जगहों पर नहीं जाते, जहां उनके लोग सामान्य लोगों का जीवन दूभर कर बैठे हो।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश या भाजपा विधायक दल के नेता बाबू लाल मरांडी या राज्य सरकार ही बतायें कि कुंती देवी और उसके परिवार को जीने का अधिकार हैं या नहीं, कुंती देवी और उसके परिवार को ढुलू के अत्याचार से बचाने की जिम्मेवारी किसकी हैं? क्या ये भाजपा के नेता इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कुंती देवी या उनके परिवार के साथ कुछ ऐसी घटना घट जाये, जिससे उसकी जीवन लीला ही प्रभावित हो जाये, अगर ऐसी घटिया सोच इन नेताओं की हैं, तो मैं स्वयं ऐसे नेताओं को दूर से प्रणाम करना चाहूंगा।
रही बात धनबाद के एसएसपी, एसपी, डीएसपी, थानेदार, सिपाही, उपायुक्त, अनुमंडलाधिकारी की, तो ये सभी कहने को कहते है कि वे कुंती देवी की मदद कर रहे हैं, पर सच्चाई यही है कि ये दिल से भाजपा विधायक ढुलू महतो की सेवा में लगे रहते हैं, यही बात धनबाद के पत्रकारों के साथ भी लागू होती हैं, अगर ये पत्रकार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहण कर रहे होते तो कुंती के आजीविका पर संकट नहीं उत्पन्न होता, ऐसे भी पत्रकारिता किसलिए – जनहित के लिए ही न, और अगर आप जनहित की पत्रकारिता नहीं कर पाते, तो ये सब छोड़िये और लगे रहिये ढुलू की सेवा में, आपको कौन मना कर रहा है।
पोल खोल रपट।वाह