समन्वय समिति ने माना राज्य सरकार बेहतर ढंग से काम कर रही, जनहित फैसलों पर राजभवन और भाजपा के रवैये को लेकर उन्हें जमकर कोसा
झारखण्ड राज्य समन्वय समिति की पहली औपचारिक बैठकोपरांत अध्यक्ष शिबू सोरेन के मोराबादी आवास पर प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए समिति के सदस्य विनोद पांडेय और झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि राज्य की सरकार जनहित में बेहतर काम कर रही है, पर राज्य की प्रमुख विपक्षी दल भाजपा का आचरण को सही नहीं ठहराया जा सकता। समिति के सदस्यों ने इस दौरान राज्यपाल के कुछ फैसलों पर भी आपत्ति जताई गई।
सदस्यों का कहना था कि राज्य की हेमन्त सरकार ने जनहित में कुछ ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिये हैं, जो राज्य के लिए मील के पत्थर साबित हो सकते थे, पर भाजपा की हठधर्मिता और उसके द्वारा लगाये गये पेंच ने झारखण्ड की प्रगति में रोड़े अटका दिये। सदस्यों ने कहा कि राज्य के आदिवासियों की भावनाओं को देखते हुए सरना धर्म कोड को विधानसभा से पारित कराया गया, पर आज तक केन्द्र सरकार की ओर से इस पर कोई जवाब नही आया।
सदस्यों ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार इस पर कोई निर्णय नहीं लेती तो जल्द ही एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जायेगा और ये कमेटी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मिलकर अपनी बातें रखेगा। सदस्यों ने यह भी कहा कि राज्य के युवाओं को बेहतर स्थिति में लाने के लिए निजी क्षेत्रों में 75 फीसदी पदों पर स्थानीय लोगों को नियुक्ति मिलें, इस पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है, तथा सरकार से इस पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई है।
सदस्यों ने राज्यपाल पर गंभीर आरोप भी लगाये। इनका कहना था कि राज्य सरकार द्वारा लिये गये जनहित फैसले को जानबूझकर लटकाने का काम किया जा रहा हैं। उसमें बेवजह त्रुटियां निकाल कर राज्य सरकार को वापस भेजा जा रहा है। राज्य सरकार ने स्थानीय नीति को सदन से ध्वनिमत से पारित कर राज्यपाल को भेजा और राज्यपाल ने बिना अनुमोदन के ही राज्य सरकार को वापस भेज दिया। इसी प्रकार राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन-जाति व पिछड़ों के आरक्षण को लेकर सदन से विधेयक पारित किया, और इसमें भी राजभवन ने त्रुटियां निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
सदस्यों ने कहा कि समिति समय-समय पर राज्य सरकार को सलाह-मशविरा देती रहती है, पर भाजपावाले कभी हाई कोर्ट तो कभी राज्यपाल का सहारा लेकर विधेयकों को मूर्तरुप नहीं होने देने में दिमाग लगाते रहते हैं, जिसका परिणाम यह है कि राज्य की जनता व युवाओं को नुकसान उठाना पड़ रहा है।