उधर देश राष्ट्रीय शोक में डूबा था, इधर धनबाद का भाजपा नेता होली की मस्ती में डूब, ढोल और झाल बजा रहा था
जरा मिलिये, धनबाद के इन महान भाजपा नेताओं से, जो एक वर्तमान में धनबाद का मेयर हैं तथा राज्य के होनहार सीएम रघुवर दास का बेहद खास आदमी, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य तथा गिरिडीह लोकसभा का भाजपा प्रभारी हैं, इनका नाम हैं –चंद्रशेखर अग्रवाल जो धनबाद में शेखर अग्रवाल के नाम से जाने जाते हैं, देखिये इनके गले में कितने सुंदर ढंग से ढोल शोभायमान हो रहे हैं, बेचारे बड़े ही प्रेम से इस पर थाप देकर होली गीत गा रहे हैं।
और इनके बगल में ही खड़े हैं – सत्येन्द्र कुमार, जनाब जियाडा यानी झारखण्ड इंडस्ट्रियल एरिया डेवलेपमेन्ट ऑथोरिटी के स्वतंत्र निदेशक, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य तथा दुमका लोकसभा के भाजपा प्रभारी है, जरा देखिये, इनके हाथों में झाल कैसे शोभायमान हो रहा हैं, और वे झाल को बजाये जा रहे हैं। मौका है – धनबाद में कल आयोजित एक समुदाय विशेष द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह का।
ये दोनों धनबाद भाजपा के धुरंधर है, धनबाद के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल की तो दिली इच्छा है धनबाद लोकसभा से चुनाव लड़ने की, अगर सीएम रघुवर की कृपा हो गई तो फिर तो इनके बल्ले–बल्ले हैं, ऐसे ही बिना किसी हर्रे–फिटकरी के दिल्ली पहुंच जायेंगे, पर जरा देखिये इनकी हरकतें। रविवार को जैसे ही गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन की सूचना आई, सारा देश शोक में डूब गया।
केन्द्र सरकार ने सोमवार को एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी, तथा भाजपा के राष्ट्रीय स्तर तथा राज्यस्तर के बड़े–छोटे सभी नेताओं ने अपने–अपने कार्यक्रम स्थगित कर दिये और एक दिन का शोक मनाया, पर धनबाद में ये दोनों भाजपा नेता भूल गये कि राष्ट्रीय शोक के दिन किसी भी ऐसे कार्यक्रम में शामिल होना मना है, जहां खुशियों का आलम बिखरने की कवायद चल रही हो, पर इन्होंने ऐसे कार्यक्रम में भाग ही नहीं लिया, बल्कि ढोल व झाल भी बजाएं।
चंद्रेशखर अग्रवाल और सत्येन्द्र कुमार के इस हरकत की कई भाजपा नेताओं ने खुलकर तो नहीं, पर दबे स्वर में कड़ी आलोचना की, इनका कहना था कि जब घर में ही शोक हो, ऐसे में ढोल–झाल बजाना, मानवीय मूल्यों के खिलाफ हैं, यहां तो राष्ट्रीय शोक था। भाजपा नेताओं को कहना था कि उन्हें इस बात को लेकर आश्चर्य हो रहा है कि जिस पार्टी के बड़े नेता यहां तक कि पीएम व राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने सारे कार्यक्रम निरस्त कर दिये, उस पार्टी में भाजपा के ये दो बड़े नेता होली कार्यक्रम में कैसे शरीक हो गये, और शरीक हुए तो हुए, ये ढोल और झाल कैसे बजा दिये।
भाजपा नेता बताते हैं कि इससे बड़ी शर्मनाक बात कोई दुसरी नहीं हो सकती, अगर दुसरी पार्टी होती तो यहीं भाजपा के लोग, उन्हें कहते कि देखिये इनकी पार्टी का एक बड़ा नेता मर गया और ये खुशियां मना रहे हैं, अब चूंकि इन्होंने ये बहुत बड़ी गलती की, इसके लिए इन दोनों को क्या सजा मिलना चाहिए? भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं को विचार करनी चाहिए, नहीं तो यह एक परिपाटी बन जायेगा और लोग राष्ट्रीय शोक का भी माखौल उड़ायेंगे।