जिन कोयला तस्करों के आगे धनबाद के बड़े-बड़े अखबारों के संपादक नाक रगड़ते हैं, अभिनन्दन करिये कतरास के इन छोटे यू-ट्यूबर्स और मामूली पत्रकारों का, जो कोयला तस्करों और भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारियों के आगे नहीं झूके
जिन कोयला तस्करों के आगे धनबाद के बड़े-बड़े अखबारों के संपादक नाक रगड़ते हैं, अभिनन्दन करिये कतरास के इन छोटे यू-ट्यूबर्स और मामूली पत्रकारों का, जो कोयला तस्करों और भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारियों के आगे नहीं झूके, अपना आंदोलन जारी रखा। ऐसा आंदोलन किया कि कोयला तस्करों और भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारियों की नींद उड़ा दी और उस कोयला तस्कर को धनबाद की अदालत में आत्मसमर्पण करना पड़ा, जिसके खिलाफ ये यू-टयूबर्स आंदोलनरत थे।
कमाल की बात है। 22 जनवरी को दिन दहाड़े एक कोयला तस्कर उज्जवल डे, कतरास के ही एक यू-ट्यूबर्स निकेश पांडेय की दिन-दहाड़े अपहरण करने की कोशिश करता है। उसके वाहन को तोड़ डालता है। लेकिन 23 जनवरी को ये बड़े-बड़े अखबारों में काम करनेवाले संपादकों का समूह इस समाचार को अपने यहां स्थान नहीं देता है।
उससे बड़ा आश्चर्य देखिये कि कल यानी 31 जनवरी को धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर इन पत्रकारों का समूह राजगंज व कतरास के थाना प्रभारी का पुतला फूंकता है। मुख्यमंत्री आवास रांची जाकर ज्ञापन सौंपता है। धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर धरना-प्रदर्शन करता है। इसका प्रतिनिधिमंडल धनबाद के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक से मिलता है। पर ये खबर भी आज इन अखबारों में नहीं दिखती।
आखिर ये सब क्या दिखाता है। वरिष्ठ समाजसेवी विजय झा से जब इस मुद्दे पर विद्रोही24 बात करता है। तो वे साफ कहते है कि यह चिन्ताजनक है। छोटे-छोटे पत्रकार आंदोलनरत है। ऐसे में पहली बात कि इन सम्पादकों ने इनका साथ नहीं दिया। दूसरा की इनके आंदोलन की खबरों को भी बायकॉट कर दिया। एक पत्रकार के अपहरण की घटना कोई सामान्य बात नहीं होती।
उस विषय पर किसी भी बड़े अखबार के संपादक के बयान का नहीं आना, इनके आंदोलन को समाचार पत्र में स्थान नहीं देना, बहुत कुछ कह देता है। वे कहते हैं कि या तो ये कोयला तस्करों का डर हैं अथवा कोयला तस्करों द्वारा उन संपादकों को उनके द्वारा की जा रही भक्ति है। दोनों में से कुछ न कुछ तो हैं। नहीं तो इन छोटे अखबारों के पत्रकारों के आंदोलन को सभी ने देखा है, खबरें तो समाचार में आनी चाहिए थी। जनता से समाचार को चुराना भी एक अपराध है।
इधर अपने आंदोलन की सफलता से उत्साहित ये छोटे पत्रकार एक बार फिर अपने छोटे से कतरास प्रेस क्लब में जमे। खुशियां मनाई। एक दूसरे को मिठाई खिलाई और उन सारे राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों को बधाई दी। जिन्होंने इनकी हौसला अफजाई की थी। विशेषकर वे भाजपा कतरास मंडल, कतरास नगर कांग्रेस कमेटी, कतरास झामुमो, सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार झा, जागो संगठन, हिन्दुस्तानी नागरिक गण, कतरास नागरिक समिति, जोगता नागरिक समिति के प्रति आभार जताया। साथ ही यह भी कह दिया कि वे कतरास और राजगंज थाना प्रभारी के निलंबन के लिए वे सभी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन तक अपनी बात पहुंचायेंगे।