राजनीति

संपूर्ण विपक्ष के झारखण्ड बंद का दिखने लगा असर, IAS/IPS पत्रकारों की शरण में

नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के खिलाफ संपूर्ण विपक्ष का झारखण्ड महाबंद कल है, पर सच्चाई यह है कि इसका असर दो दिन पहले से ही राज्य के सभी पुलिस पदाधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, भाजपा नेताओं एवं रघुवर सरकार पर दिखने लगा है।

राज्य में सारे प्रशासनिक कार्य ठप हैं, सभी अधिकारी और सरकार के पास फिलहाल एक ही काम हैं, संवाददाता सम्मेलन करो, पत्रकारों को बुलाओ, उन्हें नाश्ता कराओ, चाय पिलाओ और उनका माइन्ड वाश कर, जनता को उनके द्वारा यह बतलाने की कोशिश करो कि संपूर्ण विपक्ष ने जो कल झारखण्ड महाबंद बुलाया है, वह असंवैधानिक है।

पूरे राज्य के सभी जिलों में जिलाधिकारियों का समूह, पुलिस सेवा में लगे वरीय पुलिस पदाधिकारी सारे काम-काज छोड़कर इसी एकसूत्री कार्यक्रम में लगे हैं, जो बताता है कि संपूर्ण विपक्ष ने मनोवैज्ञानिक स्तर पर राज्य सरकार को पंगु बना दिया हैं, जो बंद की पहली प्राथमिकता होती है। राज्य में महाबंद से निबटने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ऐसे-ऐसे हथकंडे अपनाये जा रहे हैं, जिसे देख और पढ़कर लोग हंसे बिना नहीं रह पा रहे।

अब जरा आज ही की बात देखिये, रांची में बंद को लेकर क्या हुआ, डीजीपी और गृह विभाग के प्रधान सचिव आज सूचना भवन में प्रेस कांफ्रेस कर रहे थे और इस प्रेस कांफ्रेस में राज्य के पुलिस महानिदेशक, भाजपा के प्रवक्ता के रुप में खुद को पेश कर दिया, जो पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है, दूसरी ओर करीब डेढ़ सौ मुखिया को रांची बुलाया गया और रांची की एसडीओ द्वारा उन्हें माइन्ड वाश किया गया, उन्हें बताया गया कि वे सरकार के अंग है, इसलिए लोगों को भीड़ में शामिल होने से रोके। उन्हें भीड़ का हिस्सा न बनने दे, किसी भी परिस्थिति में कानून-व्यवस्था का साथ दें।

संपूर्ण विपक्षी दल के कल के बंद को विफल करने के लिए भाजपा कार्यकर्ता की तरह प्रशासनिक अधिकारियों का दल लगा है, ट्रैफिक डीएसपी दिलीप खलखो ने विभिन्न स्कूलों में जाकर स्कूल खोलने का अनुरोध किया, पर उनके इस अनुरोध का कितना स्कूलों पर असर हुआ है, वह कल पता चलेगा, पर सच्चाई यह है कि राज्य में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा। संपूर्ण विपक्ष की गोलबंदी राज्य के मुख्यमंत्री की नींद उड़ा दी है। राज्य में पहली बार प्रशासन इस हद तक आकर बंद से निबटने की तैयारी कर रहा हैं, जबकि विपक्ष को लगता है कि जनता स्वयं ही बंद में हिस्सा लेगी, उन्हें ज्यादा कुछ करना ही नहीं पड़ेगा, क्योंकि उनका सारा काम राज्य सरकार ने ही कर दिया हैं, उनके बंद का प्रचार-प्रसार कराकर।

राज्य सरकार द्वारा कल बंद को लेकर भय भी उत्पन्न किया जा रहा हैं, राज्य का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ने झारखण्ड महाबंद में शामिल होनेवाले लोगों के मन में खुब डर उत्पन्न करने की कोशिश कर रहा हैं, पर उसमें उसे कितनी सफलता मिली, इसका भी कल मूल्यांकण हो जायेगा। जरा देखिये, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, व्हाट्सएप पर क्या मैसेज चला रहा हैं – अगर शांति बिगड़ी तो चाहे कोई भी हो कड़ाई से नपेगा।

गृह विभाग के प्रधान सचिव एस के रहाटे के अनुसार बंद में लोग डरे नहीं, अपना सामान्य दैनिक जीवन का कार्य करें, प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था रहेगी, सच्चाई यह है कि पूरा राज्य सरकार कल के बंद को लेकर आशंकित हैं, इसी आशंका में कितनी बैठकें, कितने संवाददाता सम्मेलन हो गये, उसे पता ही नहीं चल रहा, जबकि विपक्ष की ओर से ऐसी कोई बातें सामने नहीं आ रही, शायद विपक्ष को लग रहा है कि उसका रहा-सहा काम, राज्य सरकार ही कर दे रही है तो उसे ज्यादा उछल-कूद करने की क्या जरुरत।