अपनी बात

डूब मरे यहां की सरकार और डूबे मरे भाजपा के बड़े नेता, फिर कुंती अपने पूरे परिवार के साथ बैठेगी 4 मई से आमरण अनशन पर और फिर धनबाद के प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी उसकी गरीबी पर अट्टहास करेंगे

धनबाद के बाघमारा का भाजपा विधायक ढुलू महतो का टैंकर पिछले कई महीनों से कुंती देवी के दुकान के सामने लगा हैं, ईंट का ढेर खड़ा कर दिया गया हैं, पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, भाजपा विधायक दल के नेता बाबू लाल मरांडी, राज्य के पुलिस महानिदेशक, धनबाद के उपायुक्त, एसएसपी, डीएसपी, एसडीओ, थाना प्रभारी की हिम्मत नहीं कि ढुलू महतो के इस अत्याचार से कुंती देवी के परिवार को न्याय दिला दें।

संविधान कहता है कि प्रत्येक व्यक्ति को आजीविका का अधिकार है, उसे जीने का हक है पर सच्चाई है कि इन सारे लोगों की अकर्मण्यता के कारण कुंती देवी के परिवार की आजीविका के साधन को भाजपा विधायक ढुलू महतो द्वारा नष्ट कर दिया गया हैं। पिछले महीने 18 अप्रैल को अपनी आजीविका को पाने के लिए कुंती देवी अपने पूरे परिवार के साथ धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर आमरण अनशन पर बैठ गई थी।

कुंती देवी के परिवार को आमरण अनशन पर बैठा हुआ देख धनबाद के अनुमंडलाधिकारी ने कुंती देवी के परिवार से पन्द्रह दिनों की मोहलत मांगी थी, कहा था कि जल्द ही उसके दुकान के आगे से पानी का टैंकर और ईटों का ढेर हटा दिया जायेगा, पर भाजपा विधायक ढुलू के डर से सारे प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के हालत पस्त है, पन्द्रह दिन पूरे होने को हैं, पर कुंती देवी के दुकान से न तो पानी का टैंकर हटा और न ही ईटों का ढेर।

हार-थक कर कुंती देवी अपने पूरे परिवार के साथ फिर से आगामी चार मई को आमरण अनशन करने का फैसला लिया हैं, जिसकी जानकारी उसने धनबाद के एसडीओ, सीओ, थाना प्रभारी बरोरा और इसकी प्रतिलिपि धनबाद के डीसी, एसएसपी और डीएसपी को दे दी है।

आश्चर्य इस बात की है कि कुंती देवी के दुकान के सामने ही ढुलू महतो द्वारा बनाया गया रामराज मंदिर है, जहां राम की प्रतिमा स्थापित हैं, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता हैं, पर ढुलू को देखिये उसी राम के मंदिर के सामने कुंती देवी के परिवार की हालत इस प्रकार कर दी कि उसके परिवार पर जीवन का ही संकट उत्पन्न हो गया।

आश्चर्य इस बात का भी है कि धनबाद के भाजपा सांसद पीएन सिंह हो या वहां का जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह सभी ने ढुलू के इस अत्याचार को एक तरह से मौन सहमति दे दी हैं, नहीं तो कुंती देवी पर अत्याचार कब का रुक जाता। राजनीतिक पंडितों की मानें तो यहां सरकार किसी की भी हो, रघुवर दास के शासनकाल में तो ढुलू को अत्याचार की खुली लाइसेंस मिली हुई थी, हेमन्त के आने के बाद लगता है कि उसके उस लाइसेंस की मियाद बढ़ा दी गई हैं।

अब एक बार फिर कुंती देवी चार मई से धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर ढुलू के अत्याचार के खिलाफ आमरण अनशन पर पूरे परिवार के साथ बैठेगी, और हमें पता है कि उसके इस आमरण अनशन को राज्य की सरकार और उसके प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस पदाधिकारी तमाशबीन होकर देखेंगे, उसकी मदद नहीं करेंगे, बल्कि अट्टहास कर उसकी गरीबी का मजाक उड़ायेंगे और कुंती देवी का परिवार इनके इस अट्टाहास को देख अपनी दुर्दशा पर आंसू बहायेगा।