अपनी बात

झारखण्ड के हेडमास्टर की तरह हैं राज्यपाल, अगर उन्हें लगता है कि संवैधानिक पद पर बैठा हेमन्त गलत हैं तो दंडित क्यों नहीं करते?

झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज विद्रोही24 से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि दरअसल वे राज्य के राज्यपाल  रमेश बैस से मिलने राजभवन इसलिए गये थे कि एक तरह से राज्यपाल रमेश बैस राज्य के हेडमास्टर की भूमिका में हैं और हेमन्त सोरेन संवैधानिक पद पर बैठा राज्य का मुख्यमंत्री, अगर मैं गलत हूं तो वे दंडित क्यों नहीं करते, ये क्या लिफाफा न खोलकर ही हमें सजा दे दिया गया।

मुंगेरी लाल के हंसीन सपने कभी पूरे नहीं होंगे

आत्मविश्वास से लवरेज राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने विद्रोही24 के सारे सवालों का जवाब बड़ी ही सहजता से दिया। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि उन्हें यह आत्मविश्वास उनके पिता शिबू सोरेन और दिवंगत बड़े भाई दुर्गा सोरेन से मिलता है, इन्ही आत्मविश्वास के जरिये वे उनलोगों से लोहा ले रहे हैं, जो उन्हें डिगाने में लगे हैं। ऐसे लोगों के मुंगेरी लाल के हंसीन सपने कभी पूरे नहीं होंगे।

पूर्व की अपेक्षा मुख्यमंत्री आवास का नजारा बदला हैं

उन्होंने कहा कि एक समय था राज्य की जनता मुख्यमंत्री आवास घेरने आती थी, अपनी समस्याओं को लेकर आती थी और उन्हें क्या मिलता था, सभी को पता हैं, पर आज स्थितियां बदली हैं, लोगों के अरमान पूरे हो रहे हैं तो मुख्यमंत्री आवास का शमां भी बदला है, आज लोग अबीर-गुलाल लैकर आ रहे हैं, मिठाइयां लेकर आ रहे हैं, आशीर्वाद दे रहे हैं, फोटो खींचा रहे हैं। आज झारखण्ड ओल्ड पेंशन स्कीम लागू हो गया। ये पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में भी था कि जब भी हम सत्ता में आयेंगे लागू करेंगे, ऐसी कई योजनाएं हैं, जो हमने जनता से वायदे किये हैं, धीरे-धीरे पूरे हो रहे हैं।

केन्द्र CRPF के डिप्लॉय का पैसा भी राज्य से मांगता है

केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा झारखण्ड में नक्सल मुक्ति का श्रेय लेने पर उनका कहना था कि बिना राज्य की मदद के केन्द्र क्या नक्सलवाद से मुक्ति पा सकता हैं, ये तो केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ही बेहतर बता सकते हैं, यहां तो केन्द्र सीआरपीएफ के डिप्लॉय करने का पैसा भी राज्य से मांगता हैं, उन्हें तो अब लगता है कि कही बीएसएफ और सेना के डिप्लॉय का पैसा भी केन्द्र हमसे न मांगने लगे।

संताल में घटी घटनाएं सामाजिक बुराई

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि संताल परगना में जो भी घटनाएं हो रही हैं, उससे ज्यादा उन विकसित राज्यों में घटनाएं हो रही हैं, जहां भाजपा का शासन चल रहा हैं, उन्होंने कहा कि हालांकि इस प्रकार की तुलना करना, उन्हें अच्छा नहीं लगता। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत सारी घटनाओं के लिए एक को दोषी भी नहीं ठहराया जा सकता हैं, इस प्रकार की सामाजिक बुराई को दूर करने के लिए समाज को आगे आना होगा।

हाथी उड़ानेवालों को छोड़ेंगे नहीं पर मरणासन्न लोगों की सुध तो ले लें

हेमन्त सोरेन से यह सवाल पूछे जाने पर कि हाथी उड़ानेवाली पिछली सरकार में हुए भ्रष्टाचार पर उनकी क्या राय हैं, उन्होंने कहा कि जिन्होंने हाथी उड़ाने का काम किया हैं, वे इतने मरणासन्न नहीं हैं, जिन्हें इन लोगों ने मरणासन्न स्थिति में पहुंचा दिया। उनका पहला लक्ष्य हैं कि जो अभी उनके कार्यकाल में उनकी योजनाओं के कारण मरणासन्न स्थिति में पहुंचे हैं, उन्हें सबसे पहले ठीक किया जाये। उनका ध्यान फिलहाल इसी ओर हैं, और रही बात उनके भ्रष्टाचार को तो हम छोड़ने कहां जा रहे।

राज्य का विकास अवरुद्ध करने में सर्वाधिक केन्द्र दोषी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास का अवरुद्ध करने में केन्द्र की भूमिका ज्यादा दोषी हैं। राज्य के कई आईएएस अधिकारियों पर चार से पांच विभागों की जिम्मेदारी हैं। राज्य के 29-30 आईपीएस दिल्ली में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, इसी तरह कई आईएएस केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, ऐसे में राज्य का विकास प्रभावित होना लाजिमी हैं।

उन्होंने कहा कि यहां तो राज्य के काम को चलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में अधिकारी नहीं हैं, तो ऐसे में इसकी जिम्मेदारी किसकी, ये तो सभी को सोचना होगा। केवल मुख्यमंत्री पर दोष मढ़ देने से कुछ नहीं होगा। वे प्रयास कर रहे हैं, बहुत सारी योजनाओं को मूर्त रुप देने का काम कर रहे हैं, कई पदाधिकारियों का सहयोग मिल रहा हैं, बीस साल की लगी जंग को साफ करने का प्रयास भी कर रहे हैं, इतनी जल्दी यह जंग दूर नहीं होगी।