अपनी बात

रांची के अखबारों से खफा हिंदपीढ़ी के बुद्धिजीवियों ने सोशल साइट के माध्यम से प्रशासन और मीडियाकर्मियों से पूछे सवाल

रांची से प्रकाशित ज्यादातर प्रमुख अखबारों ने आज हिन्दपीढ़ी से संबंधित ऐसे समाचार छापे हैं, तथा उन समाचारों को इस प्रकार जनता के बीच रखा है कि उसको लेकर रांची के हिन्दपीढ़ी के लोग ज्यादा खफा हैं, हिन्दपीढ़ी के लोगों को लगता है कि उनके सम्मान के साथ खेला गया हैं। हिन्दपीढ़ी के लोगों का कहना है कि इस प्रकार के समाचार आने से, आनेवाले समय में लगता है कि दो समुदायों में ऐसी दीवारें खड़ी हो जायेगी कि लोग एक दूसरे को देखना पसन्द नहीं करेंगे, ऐसे हालत में हमारा सामाजिक सौहार्द्र का ढांचा ही टूटकर बिखर जायेगा।

आज के अखबारों में छपी खबरों से खफा हिन्दपीढ़ी में रहनेवाले बुद्धिजीवियों ने इसका गुस्सा सोशल साइट के माध्यम से अखबारों पर निकाला है, तथा झारखण्ड सरकार, रांची जिला प्रशासन और मीडिया के नाम खुला पत्र जारी किया हैं, जो सोशल साइट पर वायरल है। उस वायरल पत्र को हम आपके समक्ष रख रहे हैं, जो इस प्रकार है –

“रांची से प्रकाशित सभी प्रमुख अखबार ने मुस्लिम बहुल हिंदपीढ़ी को बदनाम करने की मंशा से झूठी और मनगढंत खबर प्रकाशित की है। जिसका सारा समाज खंडन करता है। यह मानवीय मूल्यों, संवैधानिक मूल्यों और पत्रकारीय मूल्यों के विरुद्ध है। यदि रांची नगर निगम के कर्मचारियों पर थूकने वाली बात आरोप नहीं हक़ीक़त है, तो इसके सबूत सार्वजनिक किए जाएं।
बिंदुवार ये मांग है:

1. ये कथित घटना कितने बजे की है और कहां पर की है, स्पष्ट किया जाए।
2. कितने कर्मचारी उस समय घटना स्थल पर तैनात थे, इसका ब्यौरा दिया जाए।
3. आज कल हर किसी के पास मोबाइल हुआ करता है, गर लोग दुर्व्यवहार कर रहे थे (जैसा आरोप है) तो उसका वीडियो या फ़ोटो क्यों नहीं लिया गया?
4. प्रशासन ने हिंदपीढ़ी में हर जगह पुलिस तैनात किए हैं, तब पुलिसकर्मी क्या कर रहे थे? कर्मचारियों ने तत्काल पुलिस की सूचना क्यों नहीं दी? और यदि दी तो पुलिस ने कार्यवाई क्यों नहीं की?

5. प्रशासन ड्रोन से निगरानी करा रहा है, इसकी फुटेज समय और स्थान अनुसार निकल सकती है। पीड़ित कर्मी और आरोपी की पहचान हो सकती है। इसे सार्वजनिक किया जाए।6. नगर निगम कार्यालय के पास जाकर भी गलत नारे लगाने और नोट पर थूक कर फेकने के आरोप हैं। निगम के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज सार्वजनिक की जाए।

7. हिंदपीढ़ी सील कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा लोगों के राशन और दवा आदि के लिए इलाके के 24 कार्यकर्ताओं को बाहर निकलने की अनुमति दी है। 9 अप्रैल गुरुवार को ऐसे लोगों को भी पुलिस ने बाहर नहीं निकलने दिया गया तो हिंदपीढ़ी के दो युवक कैसे निगम तक बाइक से चले गए?

उक्त सारे सवालों के जवाब देने का आग्रह है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम सभी ऐसे कर्मचारियों को तत्काल सस्पेंड करने और उनके खिलाफ सख्त कार्यवाई कर सज़ा देने की मांग करते हैं। आग्रह करते हैं।
प्रभात खबर, दैनिक जागरण और दैनिक भास्कर समेत ऐसी खबर छापने वाले सभी अखबार के रिपोर्टर, सम्पादक और प्रकाशक के विरुद्ध भी कार्यवाई की मांग करते हैं।

निवेदक
समस्त हिंदपीढ़ी निवासी”