पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की छवि और उसके साथ लिखे तीन शब्द ‘झारखण्ड झुकेगा नहीं’ वाली होर्डिंग्स ने भाजपाइयों की नींद उड़ाई, वहीं झामुमो कार्यकर्ताओं में जोश भरें
झारखण्ड की राजधानी रांची के प्रमुख मार्गों पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से संबंधित लगे बड़े-बड़े होर्डिंग्स ने जहां भाजपा की नींद उड़ा दी है, वहीं झामुमो कार्यकर्ताओं में एक नई जोश भर दी है। ऐसे भी यह होर्डिंग्स पूरे शहर के राजनीतिज्ञों व राजनीतिक पंडितों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। कोई इसे झामुमो की ओर से भाजपा के खिलाफ राजनीतिक वार के रुप में देख रहा हैं तो कोई इसे झामुमो कार्यकर्ताओं में जोश भरनेवाला एक विशेष शक्ति संचार का माध्यम बता रहा है।
हालांकि बात कुछ भी हो। चूंकि पूरा देश अब धीरे-धीरे लोकसभा चुनाव के मूड में स्वयं को प्रस्तुत करने पर उतारु है, ऐसे में इस प्रकार के होर्डिंग्स अब चर्चा का विषय बनेंगे ही। झारखण्ड विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी तो इस होर्डिंग्स को देखकर ही सकते में हैं। वे इस होर्डिंग्स को देखकर कुछ ज्यादा ही बौखलाए नजर आ रहे हैं। भाजपा के लोग उनके बयान सोशल साइट के माध्यम से प्रस्तुत कर आम जनता के बीच कड़ा विरोध दर्ज करा रहे हैं।
लेकिन उनका यह कड़ा विरोध दर्ज ही झामुमो के लिए टॉनिक का काम कर रहा है। अब हम सबसे पहले यह देखते है कि वो होर्डिंग्स कौन सा है। जिसको लेकर भाजपा ज्यादा ही बौखलाई हुई है। वो होर्डिग्स है। हेमन्त सोरेन की। जिसमें लिखा है – झारखण्ड झूकेगा नहीं। मतलब हेमन्त सोरेन की एक चित्र और तीन शब्द कई लोगों को उद्वेलित तो कई लोगों को यह विश्वास दिलाने में कामयाब हो रहे हैं कि हेमन्त सोरेन भाजपा और उनके नेताओं को आगे झूकनेवाले नहीं हैं, वे इसके लिए कोई भी कीमत चूकाने को तैयार है।
ऐसे भी आज से झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के नेता व कार्यकर्ता राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व अपने नेता हेमन्त सोरेन के लिए अपने-अपने ढंग से लड़ाई लड़ने का काम शुरु कर दिया है। उन्हीं कार्यकर्ताओं में से एक कार्यकर्ता है – डा. शुभेन्दू महतो। इन्होंने आज संकल्प लिया कि जब तक उनके नेता हेमन्त सोरेन सकुशल रिहा होकर अपने घर नहीं आ जाते, तब तक वे खाली पांव ही चलेंगे, कोई जूते-चप्पल नहीं पहनेंगे व जनता की सेवा में लगे रहेंगे। कहनेवाले तो इस मुद्दे पर कुछ भी कहकर निकल सकते हैं। लेकिन जब एक कार्यकर्ता अपने नेता के लिए कुछ संकल्प लेता है तो वह सामान्य बात नहीं होती।
उधर पूरे राज्य में झामुमो कार्यकर्ताओं ने न्याय यात्रा शुरु कर दी है। इस न्याय यात्रा के माध्यम से वे लोगों के बीच जाकर यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके नेता को बेवजह केन्द्र सरकार ने झूठे आरोप लगाकर जेल में बंद कर दिया है। झामुमो नेताओं की बातों को जनता सुन भी रही है। शायद यही कारण है कि भाजपा के नेताओं कुछ ज्यादा ही बौखलाये हुए हैं। उन्हें लगता है कि कही राजनीति में झामुमो के लोग राजनीति माइलेज लेने में आगे न निकल जाये, जिसकी संभावना अभी ज्यादा दिखाई दे रही हैं।