दुमका में जिलाध्यक्ष और विभिन्न मंडलों में मंडल अध्यक्षों को उपर से थोपना भाजपा के लिए इस बार पड़ेगा भारी, सभी विधानसभा सीटों पर साफ दिख रही भाजपा की हार
दुमका भाजपा जिलाध्यक्ष गौरवकांत को हटाने का मुद्दा दुमका में थमने का नाम नहीं ले रहा। कल जामा प्रखण्ड के बारापलासी हाई स्कूल मैदान में भाजपा कार्यकर्ता लक्ष्मण प्रसाद साह के नेतृत्व में एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें बड़ी संख्या में जामा के भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। बैठक में शामिल सभी भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि दुमका भाजपा जिलाध्यक्ष गौरवकांत, महामंत्री मनोज पांडेय व पूर्व जिलाध्यक्ष निवास मंडल ने पूरे संगठन पर अपना कब्जा जमा लिया है।
जिसका परिणाम है जामा मंडल अध्यक्ष के पद पर एक ही व्यक्ति का लगातार तीन बार से बने रहना। कार्यकर्ताओं का कहना था कि ऐसा करने का मतलब साफ है कि यहां के जिलाध्यक्ष ने यहां के जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं का अपमान किया है। भाजपा के स्थानीय बड़े नेताओं का कहना था कि वे इस मामले को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी तक ले जायेंगे, तथा उनसे विधिसम्मत कमेटी के गठन करने की मांग करेंगे, ताकि जो वर्तमान में दुमका में भाजपा में विरोध के स्वर फूटे हैं। वो विरोध के स्वर खत्म हो।
भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि अगर प्रदेश के नेताओं ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो नुकसान भाजपा का ही होगा। इसमें कोई किन्तु-परन्तु नहीं हैं। भाजपा कार्यकर्ता इस दौरान मनोज पांडेय हाय-हाय, गौरव कांत हाय-हाय, गौरवकांत मुर्दाबाद, भाजपा कार्यकर्ताओं का शोषण बंद करो, वोट हमारा बीजेपी जिलाध्यक्ष तुम्हारा नहीं चलेगा, दुमका भाजपा जिलाध्यक्ष मुर्दाबाद के नारे भी लगा रहे थे।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने गुस्से में यह भी कहा कि ऐसा क्या गुण है कि मनोज पांडे को लगातार पांचवीं बार जिला में पदाधिकारी बनाया गया है, जबकि वह दुमका जिला का रहने वाला भी नहीं है। सूत्र बता रहे हैं कि अभी दुमका जिले की जो स्थिति है यह प्रदर्शन तब तक चलता रहेगा जब तक कोई कार्रवाई ऊपर से नहीं हो जाती।
ज्ञातव्य है कि ये वहीं जामा विधानसभा है। जहां से 2014, 2019 के चुनाव में सुरेश मुर्मू लगातार चुनाव हारे हैं और यहां से सीता सोरेन स्वयं लगातार पिछले तीन बार से विधायक थी और उन्हें पिछले लोकसभा चुनाव में लगभग 6000 वोटो से बढ़त भी मिला था। भाजपा का अगर यही हाल रहा। लोगों से वार्तालाप नहीं हुई। सुलह नहीं हुई तो जामा विधानसभा में भाजपा की हार इस बार तय है। शिकारीपाड़ा में तो भाजपा हमेशा हारती रही हैं। इस बार भी हारना तय है। ऐसे में दुमका के सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा कार्यकर्ताओं का आक्रोश बता रहा है कि भाजपा यहां किसी भी विधानसभा सीट पर जीत नहीं पायेगी और इसका मूल कारण जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों का उपर से थोपना है।