एक लुटेरा रत्नाकर का महर्षि वाल्मीकि बनने की घटना भारतीय इतिहास में अनूठी और ऐतिहासिक – नागेन्द्र त्रिपाठी
भाजपा प्रदेश कार्यालय में आज शरद पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेश अनुसूचित जाति मोर्चा के द्वारा आदि कवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर बोलते हुए भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा कि है। दिन रात पशु पक्षियों का वध करने वाला व्यक्ति क्रौंच वध की पीड़ा को सहन नहीं कर सका और आदि कवि बन गए।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति जब सत्य से जुड़ जाता है और उसका दैनिक अभ्यास करता है तो फिर रामायण जैसा अदभुत ग्रंथ लिख देता है। उन्होंने कहा कि राम का उच्चारण भी नही कर पाने वाले व्यक्ति ने रामायण की रचना कर डाली। उन्होंने कहा की महर्षि वाल्मीकि की कथा सामान्य से सर्व श्रेष्ठ बनने की कथा है। हम सभी को उनके पद चिन्हों पर चलते हुए समाज को जोड़ने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति ने किसी को भी अछूत नहीं माना। सामाजिक जीवन के लिए सबको उपयोगी बनाने की सोच दी और यही है सबका साथ सबका विकास। प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि भगवान राम के समकालीन थे। उन्होंने अपने तप और त्याग से विश्व को रामायण जैसा अदभुत ग्रंथ दिया।
कर्मवीर सिंह ने कहा कि शरद पूर्णिमा और महर्षि वाल्मीकि दोनो ने समाज को अमृत दिया। शरद पूर्णिमा की चांदनी से होने वाली अमृत वर्षा मनुष्य को निरोगी बनाती है वही महर्षि वाल्मीकि का अमृतरूपी ग्रंथ रामायण मानवता को अमर बनाती है। इस अवसर पर महर्षि वाल्मीकि के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में प्रदेश महामंत्री बालमुकुंद सहाय, महानगर अध्यक्ष केके गुप्ता, नीरज पासवान, योगेंद्र लाल, उपेंद्र रजक, सीमा पासवान, राम लगन राम, खुदा राम, राकेश कुमार आदि शामिल थे।