घायल “प्रेम” मदद की गुहार लगाता रहा और लोग उसे देखते और चल देते, तभी…
दिनांक – 11 अप्रैल 2018, रात्रि 11.30 बजे, स्थान – एसएसपी आवास के आसपास। प्रेम कराह रहा था, प्रेम मदद मांग रहा था, लोग उसे देखते और आगे बढ़ जाते। कई गाड़ियां रुकी, पर किसी ने उसकी मदद करने के लिए हाथ नहीं बढ़ाया। प्रेम कराह रहा था, प्रेम दुर्घटना का शिकार था। किसी ने उसकी बाइक को पीछे से टक्कर मार दी थी. जिसके कारण उसके दोनों पांव टूट चुके थे।
सड़क के किनारे उसका बाइक उलटा पड़ा हुआ था, तभी उधर से गुजर रहे सुजीत उपाध्याय की घायल प्रेम पर नजर पड़ी और वे उसकी मदद करने को निकल पड़े। उन्होंने तुरंत जगन्नाथ अस्पताल को फोन लगाया और वहां से एंबुलेंस बुलवाकर घायल प्रेम को अस्पताल पहुंचाया, साथ ही उसके परिजनों को फोन कर प्रेम के घायल होने की सूचना दी, संभवतः आज घायल प्रेम का आपरेशन भी होना है।
सचमुच राष्ट्रीय मानवाधिकार के झारखण्ड प्रभारी सुजीत उपाध्याय ने इस नेक काम को कर, मानव धर्म का जो उन्होंने मिसाल कायम किया, उसकी प्रशंसा होनी ही चाहिए। प्रेम को नई जीवन मिल रही है, इससे बड़ी खुशी प्रेम और उसके परिजनों के लिए और क्या हो सकती है?