2014 में संसद का चौखट, 2019 में संविधान, अब 2024 में किसके आगे मत्थे टेकियेगा, मोदी जी ये भी बता ही दीजिये
भाई, ये तो मानना ही पड़ेगा कि भारत का मतदाता अब परिपक्व हो गया हैं, पिछले दो बार से वो जिसे भी सत्ता दे रहा हैं, उसे छप्पड़ फाड़कर थमा दे रहा हैं, ताकि आप ये बोल नहीं सके, कि हमें कुछ करने का मौका इसलिए नहीं मिला, क्योंकि हमारे पास बहुमत नहीं था। आपको दो–दो बार स्पष्ट बहुमत थमाया, अब आप के पास झूठ बोलने का कोई स्कोप ही नहीं है। पिछली बार 2014 में आपने जब सत्ता पाया तो संसद के मुख्य द्वार पर मत्था टेका और इस बार संविधान के आगे मत्था टेका, अगली बार 2024 में कहां मत्था टेकियेगा, हमको नहीं पता, और ये मत्था टेकने का मौका आपको मिलेगा भी या नहीं, फिलहाल मैं नहीं कह सकता, क्योंकि मैं कोई भविष्यवक्ता नहीं, बल्कि विशुद्ध रुप से पत्रकार हूं।
आपने 2014 में भ्रष्टाचार और कालाधन को मुद्दा बनाया था, भ्रष्टाचार कितना मिटा और कालाधन कितना आया, वो किसी से छूपा नहीं, लोगों ने बड़े ध्यान से देखा है। काला धन पर रोक लगाने के लिए आपने नोटबंदी की और उस नोटबंदी में आपके केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों के समूह और उनके परिवार, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों के समूह और उनके परिवार, आइएएस–आइपीएस और उनके परिवारों के समूह किस–किस बैंक में जाकर पंक्तिबद्ध होकर नोट बदलवाने के लिए लाइन में लगे, सबको पता है।
आपने तो पिछली बार भी राम मंदिर बनाने का दावा किया था, पर राम मंदिर तो नहीं पर दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय को भव्यता प्रदानकर सिद्ध कर दिया कि आपका राममंदिर बनाने में कितनी दिलचस्पी है, वह भी तब जबकि केन्द्र और राज्य दोनों में भाजपा की सरकारे हैं। अंत में भ्रष्टाचार के विरोध के नाम पर आई आपकी सरकार रफेल में आकर भ्रष्टाचार का कलंक अपने माथे पर लगा बैठी, मामला अदालत में चला गया, और अदालत में क्या होता है, वो भी भारत की जनता जानती है।
इस बार आपने धारा 370 हटाने, 35 ए पर अंकुश लगाने, राम मंदिर निर्माण और यूनिफार्म सिविलकोड को खत्म करने का ऐलान किया है, अब सभी का ध्यान इसी ओर हैं, और देश भी जानता है कि पिछली बार पन्द्रह लाख रुपये हर के खाते में जाने वाली बातों की तरह यह भी जुमला ही बनेगा। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिन्हें उनके विरोधी बहुत ही प्यार से पलटू कुमार कह कर भी बुलाते है, उन्होंने हाल ही में एनडीए की बैठक में शामिल होने के पूर्व ही सरकार को नकेल कसने के लिए अपनी भूमिका का ट्रेलर दिखाया था, वह भी यह कहकर कि धारा 370, यूनिफार्म सिविलकोड को खत्म नहीं किया जा सकता।
राममंदिर आपसी सहमति और कोर्ट के दखल से सुलझना चाहिए, आपको नीतीश कुमार के इस बयान से थोड़ी बहुत खुशी भी हुई होगी, वो खुशी इसलिए कि आप जानते थे कि इस बार आपको बहुमत नहीं आ रहा, तो ऐसे हालत में आप यह कहकर बचकर निकल जायेंगे कि जनता ने बहुमत ही नहीं दिया, इसलिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत इस बार सरकार चलानी पड़ रही हैं, पर इस बार तो जनता ने बम्पर बहुमत थमा दिया हैं, यानी जनता ने इस बार आपकी गर्दन पकड़ ली हैं, बच ही नहीं सकते, क्योंकि इस बार कमजोर नहीं बल्कि बहुत ही ताकतवर आपको बना दिया और इस बार अपने वादों से लूढ़के तो गये काम से।
और हां, अब साठ साल तक कांग्रेस ने कुछ नहीं किया, ये डॉयलॉग भी नहीं चलेगा, क्योंकि अब जनता भी जोड़–घटाव करना जान चुकी है, उसे पता है कि इन सत्तर सालों में आप भी प्रत्यक्ष–अप्रत्यक्ष रुप से बीस साल पूरे कर चुके हैं, और आपने भी सत्ता का मेवा खाया है, आपने भी वो सारी मनोकामनाएं पूरी की है, जिसकी महत्वाकांक्षा हर नेता को होती है, एक बात और अपने लोगों को कहिये कि वे ज्यादा न इतराएं, अपने विरोधियों का मजाक बनाना बंद करें, नहीं तो आप भी कब मजाक बन जायेंगे, कुछ कहा नही जा सकता, क्योंकि पिछले चुनाव के दौरान रडार और बादल वाली घटना पर आपके जूबां भी लड़खड़ाते नजर आये, जो बताने के लिए काफी है कि आप पर भी उम्र का असर होने लगा है, जरा इसे समझिये, जो राजनैतिक पंडित हैं, जिन्हें आपकी सत्ता सुख से कोई लेना–देना नहीं हैं, वो जानते है कि आप पिछले पांच साल में जिस तरह शासन किया, उसी तरह इस बार भी काम करेंगे।
और उसका परिणाम यह निकलेगा, कि किसान आत्महत्या करेंगे, गरीब भूख से मरेंगे, सामान्य ट्रेनों में चलनेवालों की रफ्तार हमेशा से कम होती चली जायेगी, नौकरियां तो लोग भूल ही गये हैं, आपके जमाने में विकास तो लोगों ने ऐसा देखा कि इधर चुनाव परिणाम आने के बाद आप मस्ती में डूबे थे और आपके ही गुजरात के सूरत में बीस होनहार बच्चे दम घुंटकर मर गये, उन्हें बचाने के लिए आपके पास आधुनिक दमकल नहीं थे, जबकि आपने तीन हजार से ज्यादा करोड़ सरदार पटेल की प्रतिमा निर्माण पर फूंक दिये, जनता सब देख रही हैं, जनता तो आपकी सारी चालाकी देख रही हैं।
उस चालाकी को भी देखी है, जो आपने बंगाल में चुनाव के दौरान बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि 23 मई को चुनाव परिणाम आयेगा, आप 24 को प्रधानमंत्री बनेंगे, ममता बनर्जी आपके खिलाफ गालियों से भरा कागज आपको दें, आप उनके खिलाफ प्राथमिकी तक दर्ज नही करायेंगे, आप उस गाली लिखे हुए कागज को सीने से चिपका कर रखेंगे। कमाल है लोगों ने देखा कि 19 को जो एग्जिट पोल आये, वो वहीं एग्जिट पोल थे, जो चैनल मालिकों ने आपकी कृपा से बनवायें थे, क्योंकि उन्हें जनता के सामने झूठा नहीं होना था और जो रिजल्ट आये तो एग्जिट पोल सही थे, यानी आपका बंगाल का भाषण, एग्जिट पोल और परिणाम में काफी समानता थी।
अंत में एक बिहार में लालू प्रसाद यादव हुए, बहुत बड़े नेता थे, वे भी बैलेट बॉक्स से जिन्न निकालते थे, आजकल जिन्न निकालने का जिम्मा आपने ले लिया है, और वे जिन्न निकालने वाले नेता, किंगमेकर नेता, सामाजिक न्याय के मसीहा लालू यादव का क्या हाल हो गया है? वो जरा रिम्स में आकर देख लीजिये, कुछ लोग कहते है कि उनका ऐसा हालत करने में आपकी भी भूमिका हैं, भाई किसी न किसी की भूमिका तो ऐसे कार्यों में रहती ही हैं, क्योंकि ईश्वर अपने पास कोई दोष नहीं रखता, वो किसी न किसी को उसका श्रेय देता है, इसलिए कल किसने देखा है, हम तो देख रहे है कि एक समय था कि इंदिरा जी के आगे आपके अटल बिहारी वाजपेयी की बोलती बंद हो जाया करती थी, आज उसी इंदिरा के परिवार के लोगों की आपने बोलती बंद करा दी है, आप कहेंगे कि आपने करा दिया और मैं कहुंगा कि ये सब वक्त हैं, फिलहाल वक्त आपके पास हैं, कुछ मौका दिया है, आपको करने को, नहीं करेंगे, आप कौड़ी के तीन हो जायेंगे, इसलिए वक्त हैं संभलिये।
क्योंकि आपकी चालाकी हमने यानी जनता ने देख ली है, आपने चुनाव के समय खुब पुलवामा–पुलवामा चिल्लाया पर चुनाव खत्म होने के बाद, अब तक आपके दो भाषण सुन चुकी है, न तो उसमें पुलवामा है और न पुलवामा के शहीद हैं, ये तो बहीं बात हो गई कि मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं, खूब राजनीति करिये, हमारी भी नजर आप पर हैं, यह देखने के लिए कि ईश्वर आपकी चालाकी के आगे नतमस्तक होता है, या आपको भी अन्य की तरह दंडित करता है, क्योंकि हमारा मानना है कि स्वर्ग भी यहीं हैं नरक भी यहीं हैं।
हमारा तो यह भी मानना है कि आपके और आपके नेताओं के मातहत जो लोग भी अभी अपमानित हो रहे हैं और जिन्हें मरने तक को मजबूर किया जा रहा है, उनकी आह से आप बच नहीं सकते, क्योंकि हमारे बदरीविशाल और केदारनाथ तो दीनानाथ कहलाते हैं, वो कारपोरेट नाथ बनेंगे, हमें नहीं लगता, एक न एक दिन वे त्रिनेत्र खोलेंगे और सभी को काल के गाल में समाने को मजबूर कर देंगे। कोई स्वयं को महान बनने की कोशिश नहीं करें, क्योंकि जो सबको देख रहा हैं, वो आपको भी देख रहा है।
आपके निष्पक्ष लेखन,अनुभव,और सत्य को, बारंबार प्रणाम है..।।
बाबा केदार रूद्र प्रलयनाथ ही है..और उनके कोप से त्रिलोक कांपता है कम से कम इतना ज्ञान तो होगा..।।
विश्वगुरु बनने का सपना तो शायद एजेंडा में भी नही..
कम से कम आम आदमी कमजोर और गरीब को मारिये नहीं..
कुछ करो कि वाह मिले आह नहीं।।