मारवाड़ियों ने पूछा कि क्या वे सिर्फ भाजपा और संघ के लिए लंच और मंच की व्यवस्था करने के लिए बने हैं?
धनबाद के झरिया में रहनेवाले सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता तथा भाजपा के कट्टर समर्थक कृष्णा अग्रवाल ने अपने मारवाड़ी सम्मेलन झरिया के अध्यक्ष ओम प्रकाश अग्रवाल को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त कर दी है। यह पीड़ा मारवाड़ी समाज को राजनीतिक प्रतिनिधित्व न मिलने को लेकर है। आखिर इन्होंने अपने पत्र में क्या लिखा है? उस पर ध्यान दें। पत्र में लिखा है कि…
“आगामी 16 दिसम्बर को अपने कोयलांचल के सभी विधानसभा क्षेत्रों का विधानसभा चुनाव संपन्न होनेवाला है। यह पत्र आपको लिखने का मूल कारण यह है कि अपना मारवाड़ी समाज भारतीय जनता पार्टी का आरम्भिक काल से ही समर्थक व परम्परागत वोटर रहा है। दूसरे दल के नेता या कार्यकर्ता अपने मारवाड़ी समाज के लोगों पर तनिक भी विश्वास या भरोसा नहीं करते और कहते है कि जो भी हो जाये, मारवाड़ी समाज के लोग तो भाजपा को ही अपना समर्थन या वोट देंगे।
स्थिति यह है कि जैसे भाजपा के लोग अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर विश्वास नहीं करते, ठीक उसी प्रकार दूसरे दल के लोग अपने मारवाड़ी समाज पर भी विश्वास नहीं करते हैं। भारतीय जनता पार्टी और संघ के प्रति अपने समाज के लोगों के इस प्रकार के कट्टरपंथी होने के बावजूद आज पूरे प्रदेश के 81 विधानसभा क्षेत्रों में से कहीं भी भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपने समाज के प्रति तनिक भी सहानुभूति रखते हुए एक भी क्षेत्र से प्रत्याशी देने का कार्य नहीं किया गया।
यह अपने समाज का घोर अपमान एवं तिरस्कार है, जो घोर चिन्तनीय, निन्दनीय एवं अफसोस की बात है। पार्टी के द्वारा समाज के ऐसा व्यवहार का परिणाम ये हो रहा है कि आज की युवा पीढ़ी राजनीतिक गतिविधि में रुचि कम लेने लगी है, उन्हें भरोसा हो गया है कि हमारे समाज के लोग राजनीति में सिर्फ बुनियाद की ईंट बनकर दूसरों को सांसद/विधायक बनाते रहेंगे और चाहे कितना भी भ्रष्ट हो, उसका जिन्दाबाद करते रहेंगे, यहीं हमारा भविष्य है।
इन्ही सब कारणों से सभी युवाओ में पार्टी और संगठन के प्रति काफी आक्रोश एवं नाराजगी है, जबकि सच्चाई यह है कि हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी पार्टी संगठन के पीछे कुर्बान कर दिया है और समाज में जिनका नाम भी बड़े आदर के साथ लिया जाता है, जिन्होंने पार्टी को सिर्फ दिया ही दिया है, ऐसे श्रीमान हरि प्रकाश लाटा जी, चन्द्रशेखर अग्रवाल, राज कुमार अग्रवाल, संजीव अग्रवाल, राजेन्द्र अग्रवाल, शरद दुदानी, हरि अग्रवाल, अर्जुन अग्रवाल को भी टिकट के योग्य नहीं समझा गया।
जबकि बदनाम लोगों पर भरोसा किया गया, किन्तु हमारे समाज के अच्छे और सच्चे लोगों को इस योग्य न ही समझा गया, हमारे बुनियाद पे कंगूरे कब तक चमकेंगे, युवाओं ने अब संकल्प कर लिया है, अब और नहीं, अब खैर नहीं… अब तिरस्कार स्वीकार नहीं, 81 विधानसभा में हम कहां खड़े हैं, भारतीय जनता पार्टी हमें बताएं? आखिर कब तक अपने लोग सिर्फ और सिर्फ निःस्वार्थ भाव से पार्टी एवं संघ के लिए कार्य करते रहेंगे, या यू कहे कि कब तक अपने लोग सिर्फ और सिर्फ लंच और मंच के व्यवस्थापक बनते रहेंगे।”
कृष्णा अग्रवाल ने अध्यक्ष से जल्द इस प्रकरण पर विशेष बैठक बुलाने की मांग की है ताकि आगे एवं भविष्य की रणनीति पर विचार किया जा सकें। कृष्णा अग्रवाल का यह पत्र भाजपा से मारवाड़ी समाज की विरक्ति का शायद यह पहला प्रयास है, अगर इसकी शृंखला बन गई तो आनेवाले समय में भाजपा के लिए एक बहुत बड़ी मुसीबत बनेगी, एक ऐसा समाज उससे बिदकेगा, जो सदा से उसी का रहा हैं, इसलिए नुकसान तो भाजपा का होना तय है।