राजनीति

भाजपा के टिकट पर विधानसभा पहुंचे विधायक या तो विपक्ष का नेता चुनें या सामूहिक इस्तीफा दें, क्योंकि अब इनके रहने का सवाल ही नहीं, टोका-टोकी नहीं चलेगा, नेता प्रतिपक्ष का न होना, सबसे बड़ी विडम्बनाः सुप्रियो

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भाजपा के टिकट पर विधानसभा पहुंचे भाजपा के विधायक या तो विपक्ष का नेता चुनें अथवा सामूहिक इस्तीफा दें, क्योंकि अब इनके रहने का सवाल ही नहीं हैं, केवल टोका-टोकी नहीं चलेगा। कार्यमंत्रणा समिति बनती है, विधानसभा के कार्यक्रम तय होते हैं, उसमें नेता प्रतिपक्ष नहीं रहता, ये विडम्बना नहीं हैं तो क्या हैं?

सुप्रियो ने कहा कि भाजपाइयों के पीछे का सोच इसी से पता चल जाता है, क्योंकि ये लोग देश के संघीय ढांचे पर हमला करना चाहते हैं। वो अब चरितार्थ भी हो रहा है। झारखण्ड में पहली बार होगा कि सदन में विपक्ष के नेता की अनुपस्थिति में झारखण्ड का 24वां बजट पेश होगा। दरअसल भाजपा नहीं चाहती कि देश में जो स्वतंत्र लोकतांत्रिक व्यवस्था है, उसे बनाये रखा जाये। ये वहीं लोग हैं, जिन्होंने पिछली लोकसभा में विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए लोकसभा व राज्यसभा के करीब 150 सांसदों को निलंबित कर दिया था। दो सांसदों की सदस्यता रद्द कर दी थी।

सुप्रियो ने कहा कि वे ही अब यहां नेता प्रतिपक्ष नहीं बना पा रहे। हमारे लिये तो गौरव की बात है कि जनता ने हमें जनादेश दिया है। उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने में हम लगे हैं। लेकिन संसदीय व्यवस्था में जब तक एक नेता प्रतिपक्ष नहीं होता सरकार पूरी नहीं होती। लेकिन इसका जिम्मेवार कौन है? दरअसल ये लोग लोकतंत्र को धीरे-धीरे समाप्त करना चाहते हैं। देश में एकदलीय शासन लाने की सोच रखते हैं। जिसकी इजाजत भारत का संविधान नहीं देता।

सुप्रियो ने कहा कि कल जब बजट पेश होगा। उसमें तीन-चार आदमी का आवाज निकलेगा। वो भी मकई की तरह, जब मकई को भूंजा जाता हैं तो भूंजने के क्रम में जब उसका लावा फूटता हैं तो वो फूर्र-फूर्र करता है, ठीक उसी तरह, जिसमें पहली आवाज बाबूलाल मरांडी की होगी, जिनको भाजपा के ही लोग अब अपना नेता नहीं मानते। सुप्रियो ने कहा कि कल का बजट थ्रीडी बजट होगा, थ्री डायमेन्शन बजट होगा। जिसमें समृद्धि, खुशहाली और विकसित झारखण्ड दिखाई देगा। उक्त बजट में रोजगार, शिक्षा, किसान, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, मूलभूत बुनियादी सुविधाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि का समावेश होगा।

सुप्रियो ने कहा कि ऐसे हालात में, भाजपा की दिशा सही नहीं हैं। लोकतंत्र में ये सब नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा के पास नेता विपक्ष के लायक कोई नहीं हैं, तो वो किसी भाड़े का आदमी ही ले आये। अच्छा रहेगा, असम के मुख्यमंत्री को ही विपक्ष का नेता बना दें, क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान तो वे खुब आपा-धापी में लगे थे। सुप्रियो ने कहा कि उनका भाजपा के नेताओं से नम्र निवेदन हैं कि कल जब बजट पेश होगा, तो उसके पहले कम से कम नेता प्रतिपक्ष अपनी ओर से जरुर दे दें।