अपनी बात

दिल्ली से प्रकाशित अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने भी अब स्वीकार किया कि कश्मीर पाकिस्तान का अंग

आप अगर भारतीय है, भारत के किसी भी नगर में हैं या भारत से बाहर। आप आज का ‘हिन्दुस्तान’ अखबार उठाइये, संपादकीय पृष्ठ पर नजर दौड़ाइये। उस संपादकीय पृष्ठ पर वरिष्ठ साहित्यकार रामचंद्र गुहा का एक आर्टिकल है, जिसका हेडिंग है – पाकिस्तान से पहले के जिन्ना और इसी आर्टिकल पर एक नीचे में जिन्ना और पाकिस्तान के मानचित्र को किसी नितेश चौधरी ने चित्रांकित किया है।

इस पाकिस्तान के मानचित्र को जरा ध्यान से देखिये, आपको साफ पता लग जायेगा कि भारत के मानचित्र से छेड़छाड़ कर, भारत जिस पाक अधिकृत कश्मीर पर अपना दावा ठोकता है, उस कश्मीर को भी पाकिस्तान में मिला हुआ दिखा दिया गया है, जिसे किसी भी सुरत में सहीं नहीं ठहराया जा सकता।

आश्चर्य इस बात की है कि जब भी पाकिस्तान से संबंधित कोई आर्टिकल भारत के विभिन्न समाचार पत्रों में छपती हैं तो पाकिस्तान के मानचित्र छापने के दौरान ऐसा वाकया हर हाल में दिखाई पड़ ही जाता है, ऐसा एक बार नहीं, कई बार हुआ। जिस पर हमने कई बार आपत्तियां जताई, कुछ लोगों ने इस गलती को स्वीकारा और माफी मांगी, पर किसी-किसी ने बड़ी ही ढिठाई से अपनी गलती को ही सही माना।

हमें याद है कि रांची के वरिष्ठ पत्रकार, पद्मश्री प्राप्त बलबीर दत्त एक बार पाकिस्तान गये, तो वहां से लौटने के बाद ‘पाकिस्तान सफरनामा’ नाम से एक सीरियल अपने अखबार ‘रांची एक्सप्रेस’ में चलाया था। जब हमारी नजर उनके इस सीरियल पर पड़ी तो पता चला कि ये भी जनाब पाकिस्तान के मानचित्र को छापकर वह गलती कर रहे है, जिसे कोई भी भारतीय सही नहीं ठहरा सकता, बाद में जब हमने इस गलती को लेकर ‘रांची एक्सप्रेस कार्यालय’ गया तो वहां कार्यरत एक अधिकारी को मैंने इस बात से अवगत कराया और फिर पांचवे अंक से पाकिस्तान के मानचित्र को भारत के अनुसार ठीक कर दिया गया।

दरअसल भारत का जब भी मानचित्र बनता है, तो जो पाक अधिकृत कश्मीर है, उस कश्मीर को भी भारत में दिखाया जाता है, पर पाकिस्तान जब भी अपना मानचित्र पेश करता है, तो वह पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में न बताकर अपने में बताता है, जिसको लेकर हमेशा से भ्रांतियां रही हैं।

हाल ही में रांची से प्रकाशित ‘प्रभात खबर’ ने भी ऐसी गलतियां की थी, जिसका विरोध ‘विद्रोही 24.कॉम’ ने किया था, जिसे बाद में ‘प्रभात खबर’ ने अपनी गलती मानते हुए, इसका खण्डन किया तथा लोगों से माफी भी मांगी।

अब सवाल उठता है कि अखबारों में बड़े पदों पर बैठे लोग, इतनी बड़ी-बड़ी गलतियां करेंगे, अपने ही देश के मानचित्र को नजरदांज कर, दूसरे देशों के मानचित्र को सही बताते हुए, अपने देश के मानचित्र से छेड़छाड़ करते नजर आयेंगे तो फिर इस देश की आनेवाली पीढ़ी क्या सोचेंगी? वो तो यहीं सोचेगी, जो उसके नजरों से होकर गुजर रहा है, वो तो यही कहेंगी कि हम तो बरसो से यहीं देखते आ रहे हैं कि कश्मीर पाकिस्तान का अंग हैं, इसलिए क्यों न हम कश्मीर को पाकिस्तान को सौंप दें?

अब सवाल उठता है कि दिल्ली से प्रकाशित अखबार ‘हिन्दुस्तान’ जिसके हर संस्करण के संपादकीय पृष्ठ पर इतनी बड़ी गलतियां प्रकाशित हुई है, वह इस गलती के लिए भारत की जनता से क्षमा याचना करेगा, या ये भी ढिठई करेगा कि उसने जो चित्रांकन कर दिया, वह ब्रह्मा का लकीर है।