जमशेदपुर पूर्व की जनता ने कहा, यहां महामुकाबला सिर्फ “कलम” और “चिलम” के बीच
जमशेदपुर पूर्व विधानसभा, जहां राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास को उन्हीं के कैबिनेट में रहे मंत्री सरयू राय चुनौती दे रहे हैं। दिनांक 1 दिसम्बर। स्थान – बिरसा नगर, सन्डे मार्केट। सरयू राय को सुनने के लिए लोग अच्छी खासी संख्या में जुटे हैं। सन्डे मार्केट में जमी इतनी भीड़ से सरयू राय आह्लादित हैं, तथा आह्लादित वे लोग भी हैं, जो उन्हें समर्थन दे रहे हैं।
लीजिये मंच पर सरयू राय पहुंचते हैं, और क्या कहते हैं, सुनिये। वे कहते हैं कि लोगों का कहना है कि यहां लड़ाई “कलम” और “चिलम” के बीच है, लीजिये लोग इतना सुनते ही स्वयं को रोक नहीं पाते, और पूरे उस छोटे से इलाके में पहुंची भीड़ बहुत देर तक ठठाकर हंसती हैं। आगे सरयू राय फिर कहते है कि अब यहां मतदाताओं को तय करना है कि उन्हें कलम चाहिए या चिलम?
वहां पहुंचे, बहुत सारे बुद्धिजीवी कहते है कि पूर्व में उन्होंने एक कविता पढ़ी थी – कलम या कि तलवार, और अब लीजिये ये नई चीज, वह भी उनके जीते जी आ गई, कलम या चिलम। जो बुद्धिजीवी हैं, वो निश्चय ही कलम चुनेंगे, चिलम से उन्हें क्या लेना देना? चिलम समाज तथा स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करती हैं, इसलिए उससे जितनी दूरी उतना अच्छा, और कलम, कलम ने हमेशा लोगों के हौसले बढ़ाए हैं, उनके जीवन को बेहतर बनाया है, इसलिए कलम से जितनी दोस्ती रहेगी, उतना अच्छा।
फिलहाल जैसे-जैसे मतदान का दिन आ रहा हैं, सीएम रघुवर दास अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए हर प्रकार की तिकड़म लगा रहे हैं,पर उन्हें जो पूर्व में जो जनसहयोग प्राप्त होता था, वो इस बार नहीं हैं, इसका ऐहसास उन्हें भी है। इसलिए उनके हाथ-पांव फूले हुए हैं, जो लोग उन्हें सहयोग देने की बात कर रहे हैं, उन पर भी उनको विश्वास नहीं हो रहा, क्योंकि कब उनके लोग सिलिंडर पकड़ ले रहे हैं, उन्हें पता ही नहीं चल रहा।
इधर पूरे जमशेदपुर पूर्व में बिना किसी बड़े नेता के सहयोग के सरयू राय ने मोर्चा संभाल रखी हैं, और वे हर इलाके में सीएम रघुवर दास को पटखनी देने के लिए तैयार बैठे है, जिसमें युवाओं को उनको मिल रहा सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, बुद्धिजीवियों की पहली पसन्द बन चुके सरयू राय का कहना है कि यहां लड़ाई भ्रष्टाचार एवं गुंडाराज के खिलाफ हैं, और निश्चय ही जनता एक बेहतर जमशेदपुर पूर्व बनाने के लिए उनका सहयोग करेगी।