अपनी बात

CM रघुवर दास के खुद के इलाके में पॉलीथिन मुक्त पूजा अभियान की निकल गई हवा

एक समय था, जब नेता जनता से अनुरोध करते थे, कि वे फलां काम को करें, तो जनता उनके अनुरोध पर अमल करती थी, पर अब जमाना बदल चुका है, नेता अब जब किसी बात को लेकर अनुरोध कर रहे होते हैं, तो जनता जानती है कि अनुरोध करनेवाला नेता खुद ही अपने बोले हुए बातों पर अमल नहीं करता, इसलिए नेता की बात को हवा में उड़ाओ और वहीं काम करो, जो अच्छा लगे।

इस बात में सच्चाई भी हैं, विद्रोही24.कॉम ने कई बार स्वच्छता ही सेवा अभियान कार्यक्रम में सीएम के अनुरोध और अपने ही उक्त अनुरोध पर अमल नहीं करते हुए, कई बार अपने पोस्ट में प्रमाण के साथ लिखा है। मुख्यमंत्री रघुवर दास लोगों से अनुरोध करते है कि वे थर्मोकोल का उपयोग नहीं करें, जबकि कई बार लोगों ने देखा कि वे खुद थर्माकोल द्वारा बने सामग्रियों में भोजन करते देखे गये, जिससे उनके अभियान की हवा निकल गई। भाई, सत्य तो यहीं हैं, जो आप दूसरे से चाहते हो, पहले उसे खुद अमल में लाओ, ये नहीं कि पर उपदेश कुशल बहुतेरे, वाली बात हो जाये।

जरा देखिये, मुख्यमंत्री रघुवर दास का फोटो समेत, कई जगहों पर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के लोगों ने बोर्ड लगाये हैं, जिस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा लोगों से अनुरोध किया गया है कि इस बार पूजा में पूजा समितियां प्लास्टिक या पॉलीथिन का उपयोग करें, पर हो क्या रहा हैं? जमशेदपुर के कई पूजा समितियों ने जो मां के भोग का वितरण किया, उसमें जमकर प्लास्टिक का उपयोग हुआ, और मुख्यमंत्री रघुवर दास के खुद के इलाके में प्लास्टिक मुक्त और पॉलीथिन मुक्त पूजा अभियान की हवा निकल गई।

अब सवाल उठता है कि जब आप जानते है कि आपकी बातों पर कोई अमल नहीं करता, तो फिर ऐसा अनुरोध करने से क्या फायदा? राजनीतिक पंडितों को मानना है कि अरे भाई आप जो दूसरों से कह रहे हो कि वे प्लास्टिक या पॉलीथिन का उपयोग करना बंद कर दें, अरे जब वे बनेंगे तो उपयोग होंगे ही, आप इनका प्रोडक्शन ही क्यों नहीं बंद करवा देते।

आप इनका प्रोडक्शन इसलिए बंद नहीं करवाते, क्योंकि इन उद्योगों में जिन्होंने पैसे लगाये हैं, जो आपको समयसमय पर अर्थतंत्र से मदद करते हैं, उनको हानि हो जाने का खतरा उत्पन्न हो जायेगा, तो क्या जनता इतनी मूर्ख है, कि वो आपके इस अभियान में कदम से कदम मिलाकर साथ देगी, जनता किसी पार्टी की कार्यकर्ता नहीं हैं , जो आप जैसा चाहेंगे, वैसा नचा देंगे, अभी तो चुनाव आने दीजिये, जनता ऐसा सबक सिखायेंगी कि आप कहीं के नहीं रहेंगे, चिन्ता क्यों करते हैं?