राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी की पहल का परिणाम, जो बहू अपने ही सास-ससुर को उनके ही घर में प्रवेश नहीं करने दे रही थी, दोनों को मिला प्रवेश, स्थानीय पुलिस प्रशासन ने समस्याएं सुलझाई
कल आपने विद्रोही 24 पर “धन्य है वो बहू जो अपने ही सास-ससुर के घर से, सास-ससुर को ही निकाल देती है, पति को प्रताड़ित करती तथा अपने तीन देवरों को फंसाने का तरीका भी जानती है और धन्य है दुमका का डीसी जो पीड़ित को न्याय भी नहीं दिला पाता” नामक हेडिंग से संबंधित समाचार जरुर पढ़ा होगा। जिसमें इस बात का जिक्र था कि यमुना कांत मिश्र झारखण्ड सरकार के गव्य विकास विभाग में उप निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्हें तथा उनकी पत्नी रेखा मिश्रा को उनकी बहू निहारिका मिश्रा घर में प्रवेश नहीं करने दे रही थी।
मामला जब विद्रोही24 के पास आया। तब इस मुद्दे को विद्रोही24 ने आम जनमानस के बीच रखा। ये समाचार राजभवन तक भी पहुंची। जहां राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने इस समाचार को पढ़ने के बाद संज्ञान लिया और समस्या को सुलझाने के लिए दुमका के उपायुक्त को निर्देश दिया कि वे इस समस्या को देखें और इस पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
आज स्थिति यह है कि यमुनाकांत मिश्र और उनकी पत्नी रेखा मिश्रा अपने घर में प्रवेश कर चुकी हैं। उनकी बहू निहारिका मिश्रा ने आज कोई प्रतिवाद नहीं किया। बताया जाता है कि स्थानीय पुलिस ने पहले ही निहारिका मिश्रा से सम्पर्क कर आनेवाली समस्याओं के बारे में बता दिया था। जिसको देखकर निहारिका मिश्रा ने अपनी हठधर्मिता छोड़ी और घर में अपने सास-ससुर को आने दिया।
इधर यमुना कांत मिश्र और रेखा मिश्रा ने विद्रोही24 को बताया कि आज रविवार को उनसे स्थानीय पुलिस ने सम्पर्क किया था और उन्हें उनके घर में प्रवेश दिलाने के लिए जल्द थाने आने को कहा। वे दोनों थाने पहुंचे और वहां से अपने घर पहुंचे। जहां पहले से ही गेट खुला था और दोनों सास-ससुर अंदर घर में प्रवेश किये। बहू ने आज कोई प्रतिवाद नहीं किया और न ही कोई अड़चन खड़ा किया। यमुनाकांत मिश्र और रेखा मिश्रा आज अपने घर में पहुंचने के बाद बहुत प्रसन्न दिखे और जिन-जिन लोगों ने उन्हें घर में प्रवेश कराने में उनकी मदद की। उनके प्रति आभार जताया।