राजनीति

नहीं थम रहा धनबाद में भाजपा कार्यकर्ताओं का बवाल, झरिया बाजार में सरवन राय के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चा, सोशल साइट के माध्यम से लगाये गंभीर आरोप

आज झरिया बाजार में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने खूब बवाल काटा। भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता धनबाद महानगर में बनी नई कमेटी का विरोध कर रहे हैं। इनका विरोध इस बात को लेकर हैं कि जो नई कमेटी बनाई गई है, उससे पार्टी का नुकसान तय है। जिसने भी सांसद ढुलू महतो और कुछ विधायकों के कहने पर नई कमेटी बनाई हैं, उससे पार्टी रसातल में चली जायेगी।

आश्चर्य इस बात को लेकर है कि पार्टी के कार्यकर्ता केवल सोशल साइट पर ही धनबाद जिलाध्यक्ष या सांसद ढुलू महतो के खिलाफ मुखर नहीं हैं, अब वे तो इसके लिए सड़कों पर भी उतरने को तैयार है। पार्टी के कार्यकर्ता तो अब अपने ही महानगर अध्यक्ष यानी सरवन राय पर पैसा लेकर पद देने का आरोप लगा रहे हैं। कइयों का कहना है कि ऐसे में तो झरिया सीट से फिर भाजपा हाथ धो देगी।

अब जरा सोसल साइट यानी फेसबुक पर किसने क्या लिखा और कैसी-कैसी बाते कर रहे हैं, उसकी सारी क्लिप विद्रोही24 के पास मौजूद है। देखिये भाजपा के स्थानीय नेता व कार्यकर्ता कैसे अपने ही नेताओं पर बरस रहे हैं और उनके खिलाफ क्या बोल रहे हैं। ये कोई सामान्य कार्यकर्ता भी नहीं, इन सभी का अपने-अपने इलाके में अच्छा वर्चस्व है और इससे भाजपा का नुकसान होना तय है।

फेसबुक पर जयंत सिंह चौधरी कहते है कि भारतीय जनता पार्टी महानगर के अध्यक्ष सरवन राय पैसा लेकर पद बेच रहे हैं। 1111 स्कॉर्पियों से रांची की यात्रा कर रहे हैं, अगर उनमें दम है तो सामने आकर खंडन करें। विगत दो महीने में जितनी बार भी रांची गये हैं, किसके पैसे से। पार्टी के नाम को बेचना बंद करो। सरवन हटाओ, भाजपा बचाओ।

राज कुमार सिंह कहते है कि भाजपा जिलाध्यक्ष को बर्खास्त किया जाये। ललन मिश्रा कहते है कि सरवन जी क्या करेंगे, वह भी किसी की बातों पर चलते हैं। शेखर मुन्ना लिखते है कि झारखण्ड भाजपा के नेता पैसा पर बिक गया है, दलाली संस्कृति हावी। राहुल चौधरी का कहना है कि जिलाध्यक्ष तो मोहरा है, विधायक-सांसद जिनको चाहेगा उन्हें ही पद मिलता है।

चुन्ना सिंह लिखते है कि ओबीसी, ओबीसी का विरोध कर रहा हैं आखिर क्यों? जयंत सिंह चौधरी उसका जवाब देते हैं क्योंकि महानगर के अध्यक्ष द्वारा पद बेचने का एक दुकान खोला गया है। अनिल शर्मा लिखते है कि किसी को पद देकर पांच महीने में हटाना और किसी को टर्म पूरा होने के बाद भी पद देना इसमें  जरुर घोटाला की संभावना है। जिसे पद दिया गया बिना नोटिस दिये किस कारण हटाया गया। भाजपा नियम और नीति पर चलती है। संगठन किसी की बपौती नहीं कि मनमानी करें। जब मर्जी हटा दें और मर्जी नियुक्त करें। बंटी सिंह बंटी लिखते है कि पूछता है झारखण्ड, जेवीएम बीजेपी में विलय हुआ है या बीजेपी जेवीएम में।

अनिल शर्मा लिखते है कि पार्टी में नये चेहरा या दूसरे दल से आनेवाले को टिकट दिया जाता है और एमपी इलेक्शन में पार्टी का विरोध कर रहे थे, उसे भी बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए, पार्टी में कौन दूध का धुला है लेकिन पद मिल जाने के बाद वह स्वच्छ हो जाता है और जो कार्यकर्ता रात दिन झंडा लेकर गली मोहल्ले में घुमते हैं, उसे पद भी नहीं देते तो क्या फायदा ऐसे पार्टी में रहने का धनबाद का जिलाध्यक्ष मूर्ख जिलाध्यक्ष है पार्टी में ऐसे चापलूस लोग रहेंगे तो पार्टी को हानि होगी।

पप्पू विश्वकर्मा का कहना है कि पार्टी किसी भी कार्यकर्ता को टिकट दें, लेकिन ऐसा ही कार्यकर्ताओं का विरोध रहा, तो झरिया विधानसभा फिर हार जायेंगे, पार्टी के मठाधीशों को इस पर मंथन करना चाहिए। संजय महतो कहते है कि कुछ लोग पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, बिना किसी कार्यकर्ता से पूछे पार्टी की कमेटी गठित कर दे रहे हैं, इससे पार्टी का ही नुकसान होगा। धर्मवीर पासवान कहते है कि तानाशाही नहीं चलेगी, जो तेल लगायेगा, उसी को पद दिया जायेगा, पार्टी कार्यकर्ताओं से चलता है, चमचों से नहीं।