धर्म

सनातनियों का संघर्ष रंग लाया, रांची जंक्शन के पास ‘बगलाशिव संकटमोचन महावीर मंदिर’ बनकर तैयार, भक्तों का लगा तांता, लगे मां बगलामुखी, भोलेनाथ व वीर बजरंगी के जयकारे

रांची जं. के समीप एक भव्य मंदिर अब पूरी तरह से भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया है। अगर आप सनातन धर्म में विश्वास रखते हैं। आप सात्विक और साकार प्रभु में विश्वास रखते हैं। तो यह मंदिर आपके लिए ही बना है महाशय। देर मत करिये। वहां पहुंचिये और मां बगलामुखी, भगवान भोलेनाथ और उनके परिवार तथा संकटमोचन वीर हनुमान की प्रतिमा का दर्शन कर लाभान्वित होइये। एक बात और जब आप वहां जाये तो अकेले न जाये। पूरे परिवार के साथ जाये। नहीं तो बाद में आप स्वयं पछतायेंगे कि मंदिर में बच्चों व परिवार को न लाकर आपने गलत किया।

इस मंदिर को देखकर विद्रोही24 का यह विश्वास और गहरा होता है कि भगवान जो करता है। वो अच्छे के लिए ही करता है। यह मंदिर जो बना है। वो ईश्वरीय कृपा की ही देन है। अतीत में जायेंगे तो आप पायेंगे कि पूर्व में रांची जंक्शन के पास एक छोटा सा हनुमान जी का मंदिर हुआ करता था। उस मंदिर के आस-पास छोटे-छोटे टेम्पू लगा करते थे। ये वो समय था। जब रांची राजधानी न होकर जिला हुआ करती थी। कोई ज्यादा ट्रेन उस वक्त नहीं हुआ करते थे।

लेकिन जैसे ही राजधानी के रूप में रांची का पदार्पण हुआ। नई-नई ट्रेनें, विशेष ट्रेनें यहां दिखनी शुरु हो गई। प्रभाव बदला। रांची जंक्शन के रूप में परिवर्तन होने की बात हुई। मंदिर पर संकट आया। मंदिर को संकट में आया देख विश्व हिन्दू परिषद्, बजरंग दल और भाजपा के कई नेताओं ने अपनी भृकुटि तानी। अंत में रांची रेल मंडल के रेलकर्मियों ने एक बीच का रास्ता निकाला। रांची जंक्शन के पास ही मंदिर के लिए एक महत्वपूर्ण जगह दी और लीजिये अब वहां तैयार है – श्रीबगलाशिव संकटमोचन महावीर मंदिर।

इस मंदिर में तीन प्रतिमाएं हैं – एक बगलामुखी मां का हैं जो शक्ति स्वरुपा है। दूसरे भगवान भोलेनाथ तो तीसरे में संकटमोचन वीर बजरंगी है। ये तीनों प्रतिमाएं इतनी मनमोहक है कि आप देखेंगे तो देखते रह जायेंगे। मां बगलामुखी की प्रतिमा शक्ति को माननेवाले लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है। ठीक उसी प्रकार हनुमान व शिव को माननेवाले लोग भी यहां कम नहीं। मंदिर भी ऐसी जगह अवस्थित है कि इससे न तो यात्रियों को नुकसान है और न रेलवे को।

हाल ही में एक दिन पहले ही मुनुचुन राय और मुकुंद नायक के नेतृत्व में मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ है। जो यहां चर्चा का विषय है। कल ही सभी प्रतिमाओं का प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुआ है। उसके बाद सामूहिक आरती व महाभंडारा का आयोजन हुआ। इसके पूर्व 27 अप्रैल को भव्य कलश यात्रा भी निकाली गई थी। जिसमें समाज के प्रबुद्ध लोगों व विशेष महिलाओ ने प्रमुख रुप से भाग लिया। कई राजनीतिज्ञों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लेकर स्वयं को धन्य करने का प्रयास किया।