अपनी बात

तमिलनाडु में झारखण्ड के प्रवासी श्रमिकों से मारपीट और हत्या की बात गलत, IPRD की मीडियाकर्मियों से अनुरोध, खबरों को प्रकाशित करने के पूर्व सत्यता जांच लें

लातेहार, बरवाडीह के पप्पू, संतोष राम, छोटू, प्रभुराम, रमेश भुईयां, सरायकेला-खरसावां के प्रकाश कालिंदी, श्याम सभी प्रवासी श्रमिक तमिलनाडु के कोयंबटूर एवं तिरुपुर के विभिन्न फैक्ट्रीज और कंस्ट्रक्शन साइट्स में सुरक्षित अपने कार्य में लगे हैं। इसी तरह दुमका और रांची के भी प्रवासी श्रमिक अपने कार्य में अन्य दिनों की तरह काम कर रहे हैं। इन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। किसी ने इनके साथ मारपीट नहीं की और ना ही हिंदी भाषी होने पर अपमान का सामना करना पड़ रहा है।

परिवार वाले और शुभचिंतक निश्चिंत रहें। हम सुरक्षित हैं। उक्त बातें मुख्यमंत्री के निर्देश पर तमिलनाडु गए श्रम विभाग के प्रतिनिधिमंडल से तिरुपुर, कोयम्बटूर, चेंगुलपेट, कांचीपुरम आदि जगहों में बातचीत के बाद प्रवासी श्रमिकों ने साझा की। प्रतिनिधिमंडल ने सुनिश्चित किया कि सभी श्रमिक सुरक्षित हैं एवं सभी को पारिश्रमिक समय से प्राप्त हो रहा है। तमिलनाडु सरकार द्वारा झारखण्ड एवं अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को हर संभव सहायता प्रदान किया जा रहा है।

मारपीट और हत्या की बात गलत

तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिक अधिकतर पलामू, गढ़वा, लातेहार, दुमका, चाईबासा, बोकारो और रांची जिला के हैं। श्रमिकों से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई हुई बात की कि हिंदी भाषियों को यहां के स्थानीय निवासी मार रहे हैं, तथा उनको अपने गृह राज्य वापस जाने की धमकी दे रहे हैं, जिसका अनुसरण नहीं करने पर उनकी हत्या की जा रही है। इस मामले की भी जांच की गई, जिसे निराधार पाया गया।

झारखण्ड सरकार की अपील

झारखण्ड सरकार राज्यवासियों से अपील करती है कि सोशल मीडिया में फैलाए जा रहे अफवाहों पर ध्यान ना दें। जिस प्रकार की सोशल मीडिया और सूचना के अन्य माध्यमों से खबरें आईं हैं, उसका चेन्नई, इरोड, तिरुपुर, कोयंबटूर जिलों का दौरा कर सत्यापन किया गया। वो निराधार पाया गया।

तमिलनाडु में कार्यरत सभी प्रवासी श्रमिक सकुशल हैं। जिनके रिश्तेदार तमिलनाडु में काम करते है, उनसे भी अपील है। घबराएं नहीं। झारखण्ड सरकार सभी प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य के प्रवासी कंट्रोल कक्ष के माध्यम से उन्हें मदद और जानकारी पहुंचाई जा रही है।

तथ्यों को सत्यापित किए बगैर रिपोर्ट प्रकाशित/प्रसारित न करें

यह देखा गया है कि कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म, प्रिंट, ऑडियो-विजुअल जमीनी स्तर के तथ्यों को सत्यापित किए बगैर रिपोर्ट दिखा रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल द्वारा श्रमिकों के साथ फील्ड विजिट में बातचीत के दौरान मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिखाई गईं खबरों को भ्रामक पाया गया है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग सभी समाचार पत्रों और पोर्टलों से आग्रह करता है। वे खबर प्रकाशित या दिखाने में पूरी सावधानी बरतें। इस मामले पर जारी किए जा रहे आधिकारिक बयानों को भी शामिल करें। ताकि गलत सूचना को फैलने से रोका जा सके।