अपनी बात

संघ के प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा के स्वागत का वीडियो वायरल, ज्यादातर स्वयंसेवक नाराज, कहा प्रचारकों को ये सब शोभा नहीं देता, इन सब से दूरियां बनानी चाहिए थी प्रांत प्रचारक को

इन दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, झारखण्ड के प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा का एक वीडियो खुब वायरल हो रहा है। इस वीडियो को वायरल करनेवाले कोई दूसरे लोग नहीं हैं, बल्कि स्वयं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों का समूह हैं। इस वीडियो को लेकर सभी के अपने-अपने तर्क हैं। कोई इस वीडियो में दिख रहे दृश्यों को देखकर प्रांत प्रचारक के पक्ष में कसीदे कस रहा हैं तो कोई इन दृश्यों को देखकर अंगूलियां भी उठा रहा हैं।

कसीदे कसने वालों का कहना हैं, कि इसमे प्रांत प्रचारक का स्वागत झारखण्डी तरीके से हो रहा है। प्रांत प्रचारक का स्वागत भव्य तरीके से हो रहा है। महिलाएं स्वागत गीत गा रही हैं। ग्रामीण ढोल-नगाड़े बजा रहे हैं। महिलाओं का समूह प्रांत प्रचारक को तिलक लगा रहा हैं। कुछ महिलाएं प्रांत प्रचारक के चरण स्पर्श कर रही हैं और क्या चाहिए, यह स्वागत बताता है कि झारखण्ड में आरएसएस और उसके प्रांत प्रचारक का क्या वजन है।

दूसरी ओर कई ऐसे लोग भी जो इस वीडियो को देख गुस्से में हैं। उनका तर्क यह है कि किसी भी संघ के प्रचारक को इस प्रकार के कार्यक्रमों-आवभगतों से बचना चाहिए। चाहे वो प्रांत प्रचारक हो या विभागीय प्रचारक। चाहे वो जिला प्रचारक हो या नगर प्रचारक। इन सभी को इस प्रकार के कार्यक्रमों से बचना चाहिए। प्रचारक स्वयं को अगर महिमामंडित कराने लगे, अपना चरणस्पर्श करवाने लगे, अपना स्वागत करवाने लगे, अपने स्वागत के लिए गीत गंवाने लगे, ढोल नगाड़े बजवाने लगे, फोटो शूट कराने लगे, वीडियो बनवाने लगे और उसे देखकर इतराने लगे, गर्व का बोध करने या कराने लगे तो फिर समाज व देश का बंटाधार होना तय है।

विद्रोही24 ने जब इस संबंध में रांची के कई नये-पुराने स्वयंसेवकों से बातचीत की, तब ज्यादातर स्वयंसेवकों ने इस पूरी घटना को ही दुर्भाग्यपूर्ण बता दिया। कई स्वयंसेवकों का कहना था कि जिन्हें भी मंच, माइक और माला पहनने की इतनी मन में तीव्र इच्छा उत्पन्न हो गई हैं, उन्हें संघ कार्य से मुक्त हो जाना चाहिए और किसी राजनीतिक संगठन में जाकर अपनी इस तीव्र इच्छा को शांत कर लेना चाहिए।

कई स्वयंसेवकों का कहना था कि संघ कार्य कोई सामान्य कार्य नहीं, बल्कि यह ईश्वरीय कार्य है। यहां सेवा भाव ही प्रमुख है। सेवा भी दो प्रकार का होता है। एक सेवा लेना और एक सेवा देना। यहां सेवा लेने की प्रवृत्ति को त्यागना पड़ता है, सिर्फ और सिर्फ सेवा देने की भावना ही प्रबल रखनी पड़ती है। लेकिन आजकल जो नई प्रवृत्ति संघ में भी देखने को मिलने लगी है, वो दुर्भाग्यपूर्ण है। चिन्ताजनक है। इससे समाज व देश को ही खतरा उत्पन्न हो जायेगा।

जो वीडियो वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि रांची के बनलोटवा ग्राम का है। ये उस वक्त का वीडियो है, जब प्रांत प्रचारक रांची जिले में तीन दिवसीय प्रवास पर थे। इस वीडियो को देख कई स्वयंसेवक आत्मग्लानि से भरे हैं, लेकिन अंत में वे खुद को यह कहकर समझा रहे हैं कि वे गोपाल शर्मा के लिये थोड़े ही न बने हैं, वे तो संघ कार्य हेतु जी और मर रहे हैं। कई लोगों को कहना है कि गिरावट हर क्षेत्र में आई है, तो यहां भी वो गिरावट देखने को मिल रही है। 56 सेंकेंड का यह वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो विद्रोही24 तक भी पहुंचा है। बताया जा रहा है कि इस पूरी घटना की रिपोर्ट क्षेत्रीय प्रचारक से होता हुआ, मुख्यालय तक पहुंच चुका है।