फिल्म

जिस प्रकार से मनोज कुमार की फिल्म दस नंबरी पर बैन लगाकर और शोर फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज होने के पहले ही दूरदर्शन पर दिखाकर जो कुकर्म कांग्रेस ने किया, वैसा कुकर्म कोई दल कर ही नहीं सकता

सुप्रसिद्ध अभिनेता मनोज कुमार उर्फ भारत कुमार आज इस दुनिया में  नहीं हैं। कल ही उनका लंबी बीमारी के बाद मुंबई के कोकिला बेन हॉस्पिटल में निधन हो गया। जैसे ही उनके निधन की खबर लोगों को मिली। सभी अवाक् रह गये। मनोज कुमार थे ही ऐसे। उन्होंने अपने फिल्मों से करोड़ों भारतीयों के दिलों में देशभक्ति के भाव भरे थे। लोग, जैसे ही उनके निधन का खबर सुने, किसी को इस समाचार पर विश्वास ही नहीं हुआ। लेकिन ये सच्चाई थी कि वे 87 वर्ष की अवस्था में अपना देह त्याग चुके थे।

ब्रिटिश भारत के समय एबटाबाद में 24 जुलाई 1937 को जन्में मनोज कुमार अपने व्यक्तित्व व कृतित्व से सभी के दिलों पर राज किये। उनकी देशभक्ति से ओत-प्रोत फिल्म शहीद ने तो गजब ढा दिया था। कभी देश के प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री ने मनोज कुमार से जय जवान, जय किसान नारे पर एक फिल्म बनाने को कहा था। मनोज कुमार ने उपकार नाम से वो फिल्म बनाई भी, लेकिन अफसोस इस फिल्म को लाल बहादुर शास्त्री नहीं देख सकें।

आज भी भारतीय स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस या कोई राष्टीय पर्व या कार्यक्रम मनोज कुमार के गीतों के बिना संपन्न होने की संभावना नहीं रहती। आज भी उपकार का गीत ‘मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती, मेरे देश की धरती…’, फिल्म पूरब और पश्चिम का गीत ‘दुल्हन चली ओ पहन चली, तीन रंग की चोली ….’ ‘भारत का रहनेवाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं’, फिल्म शहीद का गीत – ‘मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे…’ आदि गीत जब बजते हैं, तो प्रत्येक भारतीयों का मस्तक गर्व से ऊंचा हो जाता हैं और स्वयं को भारतीय होने में गर्व महसूस करता है।

लेकिन जिस प्रकार से ऐसे महान अभिनेता के साथ कांग्रेस पार्टी ने कालांतराल में व्यवहार किया। वो ज्यादा शर्मनाक है। एक समय मनोज कुमार से कहा गया था कि वे आपातकाल के सपोर्ट में एक फिल्म बनाएं। लेकिन मनोज कुमार ने साफ इनकार कर दिया और वे आपातकाल के खिलाफ सक्रिय भी दिखे। जिसका बदला कांग्रेस के लोगों ने अपने स्वभावानुसार उनसे लेने की कोशिश की। मनोज कुमार को आर्थिक रूप से क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से उनकी फिल्म दस नंबरी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बैन कर दिया। यहीं नहीं उनकी फिल्म शोर को सिनेमाघरों में रिलीज होने के पहले ही दूरदर्शन पर प्रसारित करवा दिया ताकि मनोज कुमार को भारी आर्थिक नुकसान हो और उन्हें हुआ भी।

मनोज कुमार एक महान इंसान थे। वे जैसे पर्दें पर दिखते थे। वैसा ही उनका निजी जीवन भी था। ऐसा कोई कलाकार हमें नहीं दिखा, जिसने उनकी आलोचना की हो। लेकिन एक बात तो सभी को सालती है कि मनोज कुमार जैसे अभिनेता के साथ भी कांग्रेस की गंदी हरकत साफ बताती है कि कांग्रेस का चाल-चलन स्वतंत्रता के बाद और खासकर इंदिरा शासन के बाद किस प्रकार का रहा है और जनता ने आखिर कांग्रेस से अपना संबंध तोड़ना क्यों शुरु किया?

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