राजनीति

झारखण्ड के नौजवान इतने कमजोर नहीं, कि पांच-दस किलोमीटर चल या दौड़ न सकें, मैं इस समस्या के तह तक जाऊंगा, इसकी विस्तृत जांच के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भी पत्र लिखा हैः हेमन्त

जेएसएससी द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में चयनित 327 अभ्यर्थियों एवं रि-काउंसलिंग के उपरांत चयनित 200 सहायक शिक्षकों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि 2019 में जब उन्होंने सरकार संभाली तो स्थिति ऐसी हुई कि राज्य के विकास की तो बात छोड़िए, राज्य में हम जिंदा कैसे रहे इस पर हम लोग चिंतित होने लगे थे। कोरोना जैसी महामारी को आप सभी ने दो वर्षों तक देखा, दो वर्षों तक उसी में उठा-पठक पूरे देश और विश्व के अंदर होता रहा।

कोरोना का बादल छटने के उपरांत विभागों की समीक्षाएं होने लगी तो पता चला कि कई की तो नियुक्ति नियमावली भी नहीं बनी है। कई बहाली में उलझने भी आ गई, कुछ वास्तविक और कुछ दिखावटी उलझने रही। हम लोगों ने सभी विभागों के अंदर, सभी संवर्ग की नियमावली बनाना प्रारंभ किया और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई।

उन्होंने कहा कि आपको पता होगा कि हमारी सरकार ने जेपीएससी का एग्जाम कंडक्ट कराया और उस परीक्षा का रिकॉर्ड रहा है कि सबसे कम समय में परीक्षा परिणाम सामने लाकर युवाओं को अधिकारी बनाने का काम किया गया। गरीब परिवारों के युवा अधिकारी बने थे। कई बार हमने नियुक्ति पत्र का वितरण किया। फिर यह समस्या होने लगती थी कि राज्य के किस जगह में उन्हें जिम्मेदारी देनी है, इसकी भी प्रक्रिया चलती है। कई बार तो हम लोगों ने नियुक्ति पत्र के साथ-साथ उनकी पोस्टिंग लॉटरी के माध्यम से ही करायी।

उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहा है कि हर चीज पारदर्शिता और न्याय संगत हो। हम लोगों के लिए राज्य के उच्च पदाधिकारी या राज्य के चपरासी, सभी को देखने का नजरिया एक ही है। हम लोग वर्षों से इधर-उधर बिखरी चीजों को निरंतर व्यवस्थित करने में लगे हैं। सभी व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ें इस पर हमारा ध्यान रहा है। सबसे अधिक, शिक्षकों की नियुक्ति हो रही है। वर्षों का इंतजार खत्म हो रहा है। आज निश्चित रूप से आप लोगों के लिए उत्साह का दिन है। हमें भी खुशी है कि आप लोग सरकार की मजबूत कड़ी के रूप में जुड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि आज राज्य के लिए उत्साह का भी दिन है। हमारे हाथ अधिक हुए हैं ताकि हम कार्य और तेजी से कर पाए। वे विभागों को कहना चाहेंगे कि नीचे से ऊपर तक ऐसी व्यवस्थाएं खड़ी करें, जहां अच्छे कामों के लिए किसी भी स्तर के कर्मचारियों को पुरस्कृत करने का काम हो, ताकि वे भी उत्साहवर्धक तरीके से अपना कार्य कर सकें।

झारखण्ड में लगातार परीक्षाएं आयोजित की जा रही है। कोरोना संक्रमण काल के बाद शारीरिक दक्षता वाली परीक्षा में दर्जन भर से अधिक नौजवान अपनी जान गवां बैठे हैं, इससे हम लोग बहुत-बहुत उदास हैं, चिंतित हैं। इस समस्या पर विस्तृत जांच के लिए हमने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को भी पत्र लिखा है। मैं इस समस्या के तह तक जाऊंगा क्योंकि झारखण्ड के नौजवान इतने कमजोर नहीं हो सकते जो 5-10 किलोमीटर चल ना सके, दौड़ ना सके। जेएसएससी के माध्यम से जो परीक्षा हुई है उसमें हम देख रहें हैं कि कैसे मीडिया ट्रायल चल रहा है। वास्तविकता का अता पता नहीं और मीडिया ट्रायल के जरिए सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। परीक्षा को लेकर हम लोगों ने संकल्पित होकर काम किया है।

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